Vikrant Shekhawat : Jan 26, 2021, 07:46 PM
रोम. इटली के प्रधानमंत्री जुसेपी कोंते (Giuseppe Conte) ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. न्यूज एजेंसी रायटर्स ने राष्ट्रपति के बयान के हवाले से ये जानकारी दी. कोंते के इस्तीफे के बाद अब इटली में नई सरकार के गठन की संभावना जताई जा रही है. कोंते ने इतालवी राजनीतिक संकटों के अंतिम मध्यस्थ राष्ट्रपति सर्जियो मटारेला को अपना इस्तीफा सौंप दिया. मटारेला ने उन्हें केयरटेकर के तौर पर आगे के कदमों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया.
सितंबर 2019 के बाद से इटली की सत्ता में रहा गठबंधन, इस महीने की शुरुआत में इटालिया वीवा पार्टी के छोटे लेकिन महत्वपूर्ण माने जाने वाले पूर्व प्रमुख माटेओ रेंज़ी के पद छोड़ देने के बाद कमजोर पड़ गया. इस हफ्ते संसद में एक प्रमुख वोट से आगे, पर हारने के लिए तैयार दिख रहे कोंते ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट को सूचित किया कि वह पद छोड़ रहे हैं, हालांकि उनके समर्थकों ने कहा कि यह एक नई सरकार बनाने के लिए एक कदम है.
कमजोर पड़ा गठबंधन:सितंबर 2019 के बाद से इटली की सत्ता में रहा गठबंधन, इस महीने की शुरुआत में इटालिया वीवा पार्टी के छोटे लेकिन महत्वपूर्ण माने जाने वाले पूर्व प्रमुख माटेओ रेंज़ी के पद छोड़ देने के बाद कमजोर पड़ गया.
इस हफ्ते संसद में एक प्रमुख वोट से आगे, पर हारने के लिए तैयार दिख रहे कोंते ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट को सूचित किया कि वह पद छोड़ रहे हैं, हालांकि उनके समर्थकों ने कहा कि यह एक नई सरकार बनाने के लिए एक कदम है.
मटारेला के साथ बैठक के बाद, राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह "निर्णय लेने का अधिकार (आगे क्या करना है) सुरक्षित रखता है और सरकार को एक कार्यवाहक क्षमता में पद पर बने रहने के लिए आमंत्रित किया है." मटारेला बुधवार दोपहर पार्टी के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे.
इटली पहला यूरोपीय देश था जिसने कोविड -19 महामारी से पूरी ताकत से सामना करने वाले इटली अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है और अब भी रोजोना 400 लोगों की मौत हो रही है.
पिछले सप्ताह हुई थी विश्वासमत के लिए वोटिंग:इससे पहले पिछले सप्ताह कोंते ने सीनेट में गठबंधन से बाहर के सांसदों से आग्रह किया था कि वह उनकी अल्पसंख्यक सरकार में शामिल हो जाएं. पिछले बुधवार इटली के प्रधानमंत्री जुसेपी कोंते सीनेट में विश्वासमत जीतकर अपनी सरकार को बचाने में कामयाब रहे थे. कोंते के पक्ष में 140 वोट पड़े और 16 सांसद गैर हाजिर रहे. कोंते के पक्ष में वोट डालने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री सिलवियो बर्लुस्कोनी के नेतृत्व वाली मध्य-दक्षिणपंथी विचारधारा की पार्टी के दो बागी सांसद भी थे.
सीनेट में पूर्ण बहुमत का आंकड़ा 161 है. इसलिए देश की बदहाल अर्थव्यवस्था में मदद के लिए किसी भी अहम कानून को संसद में पारित कराने के लिए कोंते को गठबंधन से बाहर सहयोग लेना होगा.
सीनेट में अपनी जीत पर कोंते ने कहा, ‘‘अब इस बहुमत को और मजबूत बनाना होगा. हमें एक मिनट भी नहीं गंवाना होगा. स्वास्थ्य आपात स्थिति और अर्थव्यवस्था के संकट से उबरने के लिए काम शुरू करना होगा.’’
सितंबर 2019 के बाद से इटली की सत्ता में रहा गठबंधन, इस महीने की शुरुआत में इटालिया वीवा पार्टी के छोटे लेकिन महत्वपूर्ण माने जाने वाले पूर्व प्रमुख माटेओ रेंज़ी के पद छोड़ देने के बाद कमजोर पड़ गया. इस हफ्ते संसद में एक प्रमुख वोट से आगे, पर हारने के लिए तैयार दिख रहे कोंते ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट को सूचित किया कि वह पद छोड़ रहे हैं, हालांकि उनके समर्थकों ने कहा कि यह एक नई सरकार बनाने के लिए एक कदम है.
कमजोर पड़ा गठबंधन:सितंबर 2019 के बाद से इटली की सत्ता में रहा गठबंधन, इस महीने की शुरुआत में इटालिया वीवा पार्टी के छोटे लेकिन महत्वपूर्ण माने जाने वाले पूर्व प्रमुख माटेओ रेंज़ी के पद छोड़ देने के बाद कमजोर पड़ गया.
इस हफ्ते संसद में एक प्रमुख वोट से आगे, पर हारने के लिए तैयार दिख रहे कोंते ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट को सूचित किया कि वह पद छोड़ रहे हैं, हालांकि उनके समर्थकों ने कहा कि यह एक नई सरकार बनाने के लिए एक कदम है.
मटारेला के साथ बैठक के बाद, राष्ट्रपति के एक प्रवक्ता ने कहा कि वह "निर्णय लेने का अधिकार (आगे क्या करना है) सुरक्षित रखता है और सरकार को एक कार्यवाहक क्षमता में पद पर बने रहने के लिए आमंत्रित किया है." मटारेला बुधवार दोपहर पार्टी के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे.
इटली पहला यूरोपीय देश था जिसने कोविड -19 महामारी से पूरी ताकत से सामना करने वाले इटली अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है और अब भी रोजोना 400 लोगों की मौत हो रही है.
पिछले सप्ताह हुई थी विश्वासमत के लिए वोटिंग:इससे पहले पिछले सप्ताह कोंते ने सीनेट में गठबंधन से बाहर के सांसदों से आग्रह किया था कि वह उनकी अल्पसंख्यक सरकार में शामिल हो जाएं. पिछले बुधवार इटली के प्रधानमंत्री जुसेपी कोंते सीनेट में विश्वासमत जीतकर अपनी सरकार को बचाने में कामयाब रहे थे. कोंते के पक्ष में 140 वोट पड़े और 16 सांसद गैर हाजिर रहे. कोंते के पक्ष में वोट डालने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री सिलवियो बर्लुस्कोनी के नेतृत्व वाली मध्य-दक्षिणपंथी विचारधारा की पार्टी के दो बागी सांसद भी थे.
सीनेट में पूर्ण बहुमत का आंकड़ा 161 है. इसलिए देश की बदहाल अर्थव्यवस्था में मदद के लिए किसी भी अहम कानून को संसद में पारित कराने के लिए कोंते को गठबंधन से बाहर सहयोग लेना होगा.
सीनेट में अपनी जीत पर कोंते ने कहा, ‘‘अब इस बहुमत को और मजबूत बनाना होगा. हमें एक मिनट भी नहीं गंवाना होगा. स्वास्थ्य आपात स्थिति और अर्थव्यवस्था के संकट से उबरने के लिए काम शुरू करना होगा.’’