Vikrant Shekhawat : Jul 21, 2022, 05:53 PM
Mario Draghi - इटली में राजनीतिक अस्थिरता के बाद प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने अपने पद से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया है. द्रागी ने क्विरिनाले पैलेस में सुबह हुई एक बैठक के दौरान राष्ट्रपति सर्गियो मैत्तरेला को अपना इस्तीफा सौंपा. उन्होंने विश्वास मत में प्रमुख गठबंधन सहयोगियों के हिस्सा न लेने के बाद पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफा देने से देश में जल्द चुनाव कराए जाने की संभावना पैदा हो गयी है और अहम वक्त में इटली तथा यूरोप के लिए अनिश्चितता का नया दौर शुरू हो गया है.
राष्ट्रपति मैत्तरेला के कार्यालय ने बताया कि राष्ट्रपति ने इस्तीफे पर ‘संज्ञान’ लिया है और द्रागी सरकार को कार्यवाहक सरकार के तौर पर काम करने के लिए कहा है. द्रागी सरकार गुरुवार को उस समय बिखर गई जब दक्षिणपंथी, वामपंथी और पॉपुलिस्ट दलों के उनके गठबंधन सहयोगियों ने विधायिका को उसका कार्यकाल पूरा करने देने और महामारी से उबरने के लिए यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम के लिए एक साथ आने की प्रधानमंत्री की अपील ठुकरा दी.
द्रागी सरकार पर क्यों आया संकटदरअसल फाइव स्टार मूवमेंट में कहा गया था कि प्रधानमंत्री मारियो द्रागी महंगाई के मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और वह महंगाई कम करने में अलफल रहे हैं. इसके बाद उनकी पार्टी ने विश्वास प्रस्ताव में शामिल होने का फैसला किया था. वहीं अन्य सहयोगी दलों ने भी कहा था कि अगर फाइव स्टार मूवमेंट वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी तो वे भी गठबंधन से बाहर हो जाएंगे. मालूम हो कि इटली में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 2023 में समाप्त होना था. लेकिन अब राष्ट्रपति कभी भी समय से पहले चुनाव की घोषणा कर सकते हैं.
बताते चलें कि पिछले सप्ताह भी चर्चा थी की मारियो द्रागी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन राष्ट्रपति ने इसे खारिज कर दिया था. मारियो पूर्व में यूरोपियन सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक इस्तीफे के कयास शुरू होने के बाद से ही उद्योगपतियों, मेयर और आम लोगों ने द्रागी को पत्र लिखकर पद पर बने रहने की मांग की थी.
एपी के अनुसार कोरोना से जूझने के बाद पिछले 15 महीने में प्रधानमंत्री द्रागी ने इटली में स्थिरता लाने का प्रयास किया था. कई मायनों में वह सफल भी रहे. वहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान भी द्रागी की भूमिका अहम है. यूरोपीय यूनियन की तरफ से प्रतिबंध लगाने में उनकी बड़ी भूमिका थी.
राष्ट्रपति मैत्तरेला के कार्यालय ने बताया कि राष्ट्रपति ने इस्तीफे पर ‘संज्ञान’ लिया है और द्रागी सरकार को कार्यवाहक सरकार के तौर पर काम करने के लिए कहा है. द्रागी सरकार गुरुवार को उस समय बिखर गई जब दक्षिणपंथी, वामपंथी और पॉपुलिस्ट दलों के उनके गठबंधन सहयोगियों ने विधायिका को उसका कार्यकाल पूरा करने देने और महामारी से उबरने के लिए यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रम के लिए एक साथ आने की प्रधानमंत्री की अपील ठुकरा दी.
द्रागी सरकार पर क्यों आया संकटदरअसल फाइव स्टार मूवमेंट में कहा गया था कि प्रधानमंत्री मारियो द्रागी महंगाई के मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और वह महंगाई कम करने में अलफल रहे हैं. इसके बाद उनकी पार्टी ने विश्वास प्रस्ताव में शामिल होने का फैसला किया था. वहीं अन्य सहयोगी दलों ने भी कहा था कि अगर फाइव स्टार मूवमेंट वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी तो वे भी गठबंधन से बाहर हो जाएंगे. मालूम हो कि इटली में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 2023 में समाप्त होना था. लेकिन अब राष्ट्रपति कभी भी समय से पहले चुनाव की घोषणा कर सकते हैं.
बताते चलें कि पिछले सप्ताह भी चर्चा थी की मारियो द्रागी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन राष्ट्रपति ने इसे खारिज कर दिया था. मारियो पूर्व में यूरोपियन सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. एपी की रिपोर्ट के मुताबिक इस्तीफे के कयास शुरू होने के बाद से ही उद्योगपतियों, मेयर और आम लोगों ने द्रागी को पत्र लिखकर पद पर बने रहने की मांग की थी.
एपी के अनुसार कोरोना से जूझने के बाद पिछले 15 महीने में प्रधानमंत्री द्रागी ने इटली में स्थिरता लाने का प्रयास किया था. कई मायनों में वह सफल भी रहे. वहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान भी द्रागी की भूमिका अहम है. यूरोपीय यूनियन की तरफ से प्रतिबंध लगाने में उनकी बड़ी भूमिका थी.