जयपुर / मेयर सौम्या गुर्जर मारपीट केस में बरी

जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर को सोमवार को नीचली अदालत से बड़ी राहत मिली है। पिछले साल जून में नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह से हुए विवाद के बाद उनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज करके कोर्ट में चालान पेश किया था। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौम्या को दोषमुक्त कर दिया है। इस मामले में अन्य 4 पार्षदों के खिलाफ कोर्ट ने चार्ज लगा दिया है। अब इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी।

Vikrant Shekhawat : Apr 11, 2022, 05:57 PM
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर को सोमवार को नीचली अदालत से बड़ी राहत मिली है। पिछले साल जून में नगर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह से हुए विवाद के बाद उनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज करके कोर्ट में चालान पेश किया था। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौम्या को दोषमुक्त कर दिया है। इस मामले में अन्य 4 पार्षदों के खिलाफ कोर्ट ने चार्ज लगा दिया है। अब इनके खिलाफ आगे की कार्रवाई होगी।


सौम्या गुर्जर की तरफ से एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट 8 में एडवोकेट नाहर सिंह माहेश्वरी और नीयति माहेश्वरी ने पैरवी की। एडवोकेट नाहर सिंह ने बताया कि पिछले साल 6 जून को आयुक्त यज्ञमित्र सिंह और मेयर सौम्या गुर्जर के बीच हुए विवाद हुआ था। इसके बाद आयुक्त ने चार पार्षद अजय सिंह, पारस जैन, शंकर शर्मा और रामकिशोर के खिलाफ धक्का-मुक्की और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए ज्योति नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।


FIR में इन पार्षदों के अलावा मेयर सौम्या गुर्जर का नाम नहीं था, लेकिन पुलिस ने सौम्या को भी इसमें शामिल करते हुए कोर्ट में चालान पेश कर दिया। 4 बार हुई सुनवाई और बहस के बाद सोमवार को कोर्ट ने सौम्या को दोषमुक्त किया।


सुप्रीम कोर्ट के बाद दूसरी राहत

इससे पहले फरवरी में सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में सौम्या को बड़ी राहत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश पर स्टे दे दिया था, जिसमें सरकार ने सौम्या गुर्जर को पद से निलंबित करके उनके खिलाफ न्यायिक जांच शुरू करवा दी थी। एक फरवरी को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सौम्या गुर्जर ने 2 फरवरी को वापस मेयर की कुर्सी संभाल ली थी। हालांकि मेयर के खिलाफ अभी भी न्यायिक जांच जारी है।