जयपुर / चना खरीद की मांग के साथ लेकर दिल्ली कूच को निकले किसानों को पुलिस ने रोका, एनएच-8 पर लगा 5 किमी लंबा जाम

जयपुर जिले के दूदू कस्बे से चना खरीद फिर शुरू करवाने की मांग को लेकर गुरुवार को दिल्ली कूच को निकले किसानों को पुलिस ने जयपुर-अजमेर हाईवे पर रोक दिया। इससे किसान वहीं धरने पर बैठ गए जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। प्रशासन के समझाने पर किसान माने और जाम खोला। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम पाल जाट के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से दिल्ली कूच को निकले।

Vikrant Shekhawat : Jul 23, 2020, 08:33 PM

जयपुर जिले के दूदू कस्बे से चना खरीद फिर शुरू करवाने की मांग को लेकर गुरुवार को दिल्ली कूच को निकले किसानों को पुलिस ने जयपुर-अजमेर हाईवे पर रोक दिया। इससे किसान वहीं धरने पर बैठ गए जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। प्रशासन के समझाने पर किसान माने और जाम खोला। 

जानकारी के अनुसार किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम पाल जाट के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर व अन्य वाहनों से दिल्ली कूच को निकले। दूदू के पास हाईवे पर आते ही प्रशासन ने इन्हें रोक दिया। इससे किसानों ने ट्रैक्टर व वाहन वहीं खड़े कर दिए और जय-जवान जय किसान तथा किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। इस दौरान हाईवे पर लगभग पांच किलोमीटर तक वाहनों की अजमेर से जयपुर जाने वाले मार्ग पर लाइनें लग गईं। 

किसानों के पास लाखों टन रखा, चने की सरकारी खरीद शुरू हो  

राम पाल ने एसडीएम को बताया कि तिलहन दलहन की उपजों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद में 25 प्रतिशत का प्रतिबंध समाप्त हो। संगठन का कहना है कि सरकारी खरीद बंद होने से प्रदेश के किसानों को 20 हजार 70 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। किसान महापंचायत के मुताबिक राज्य सरकार 6 लाख 15 हजार टन खरीद का लक्ष्य पूरा कर चुकी है, लेकिन अभी किसानों के पास 18 लाख टन से ज्यादा चना रखा है।

किसानों की मांग है कि चना खरीद दोबारा शुरू की जाए क्योंकि 25 फीसदी किसानों से खरीद अभी बाकी है। एसडीएम ने कहा कि हम आपकी मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचा देंगे। इस पर किसान मान गए और करीब आधा घंटे बाद धरना खत्म कर दिया। उल्लेखनीय है कि किसानों ने इससे पहले छह जुलाई को भी दिल्ली कूच किया था। तब किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में चना भरकर लाए थे। प्रशासन ने इन्हें महलां के पास रोक दिया था और समझाने पर ये मान भी गए थे।