देश / 24 घंटे में J&K में हमला कर सकता है जैश, हिज्ब ने गाजी को बनाया चीफ

पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जम्मू-कश्मीर में सोमवार को हमले की योजना बना रहा है। खुफिया इनपुट के बाद सुरक्षाबलों को यहां रेड अलर्ट पर रखा गया है। सुरक्षाबलों को आशंका है कि आतंकवादी कार बम या आत्मघाती बम विस्फोट के जरिए हमला कर सकते हैं। इस बीच हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने रियाज नायकू के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद गाजी हैदर उर्फ सैफुल्ला मीर को जम्मू कश्मीर में संगठन का प्रमुख कमांडर बनाया है।

India Pakistan: पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जम्मू-कश्मीर में सोमवार को हमले की योजना बना रहा है। खुफिया इनपुट के बाद सुरक्षाबलों को यहां रेड अलर्ट पर रखा गया है। सुरक्षाबलों को आशंका है कि आतंकवादी कार बम या आत्मघाती बम विस्फोट के जरिए हमला कर सकते हैं। 

इस बीच हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने रियाज नायकू के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद गाजी हैदर उर्फ सैफुल्ला मीर को जम्मू कश्मीर में संगठन का प्रमुख कमांडर बनाया है। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि गाजी हैदर उसका नकली नाम है, गाजी का मतलब होता है इस्लामिक योद्धा और हैदर का मतलब बहादुर। उन्होंने यह भी बताया कि नए हिज्बुल चीफ की तलाश जल्द ही शुरू की जाएगी। 

आतंकवादी संगठन ने दूसरी पंक्ति को भी तैयार किया है। गाजी हैदर का डेप्युटी जफर उल इस्लाम होगा और चीफ मिलिट्री अडवाइजर की जिम्मेदारी अबु तारिक को दी गई है।

संभावित हमले को विफल करना पहली प्राथमिकता

सुरक्षाबलों की पहली प्राथमिकता 11 मई को जैश-ए-मोहम्मद के संभावित हमले को विफल करना है। आतंकवादी संगठन कई दिनों से इसकी प्लानिंग में जुटा है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले सप्ताह जैश के वास्तविक चीफ मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर ने आईएसआई में अपने आकाओं से मुलाकात की है। 

11 मई का दिन क्यों चुना?

सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि 11 मई का दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि यह रमजान का 17वां दिन है। इसी दिन सउदी अरब में बद्र का युद्ध शुरू हुआ था जिसे कुछ सौ सैनिकों ने जीता था। इस्लामिक इतिहास में इसे बड़ी विजय के रूप में देखा जाता है और यह टर्निंग पॉइंट माना जाता है। इसके अलावा पोखरण में भारत के दूसरे चरण के परमाणु परीक्षण की 22वीं वर्षगांठ भी है। 1988 में 11 मई को ही भारत परमाणु शक्ति संपन्न बना था।  

कश्मीरी आतंकवादी का हो सकता है इस्तेमाल

जैश-ए-मोहम्मद में अधिकतर विदेशी आतंकवादी हैं, लेकिन बम विस्फोट के लिए यह स्थानीय कश्मीरी का इस्तेमाल कर सकता है जैसा कि इसने पुलवामा कार हमले के लिए किया था। कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के इस आतंकवादी समूह के लिए यह कम खर्चीला होता है। यह इसलिए भी सुविधाजनक है क्योंकि यह पाकिस्तान में उनके समर्थकों को यह दावा करने में आसानी होती है कि हमला स्थानीय कश्मीरियों ने किया था, जैसा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इसे आंतरिक विरोध आंदोलन बताते हैं।

काफिले की मजबूत होगी सुरक्षा

नॉर्थ ब्लॉक में आतंक रोधी अधिकारी ने कहा कि नॉर्दन आर्मी कमांडर और सीआरपीएफ व जम्मू-कश्मीर पुलिस स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप प्रमुखों को संभावित हमले को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। एहतियात के तौर पर सभी काफिले की आवाजाही सख्त निगरानी और रोड ओपनिंग पार्टीज की सुरक्षा में होगी। इससे सभी सुरक्षित रहेंगे।