Vikrant Shekhawat : Feb 26, 2022, 07:50 PM
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक नया इतिहास बनाते हुए केतनजी ब्राउन जैक्सन को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर काम करने के लिए नामित किया है। अगर सीनेट द्वारा इसकी पुष्टि हो जाती है तो जैक्सन अमेरिकी इतिहास में पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला बन जाएंगी, जो देश की सर्वोच्च अदालत में सेवा करेंगी।बाइडन ने की जैक्सन की तारीफअपने फैसले की घोषणा करते हुए बाइडन ने जैक्सन को अमेरिका में सबसे प्रतिभाशाली कानूनी दिमागों में से एक बताते हुए कहा कि वह एक असाधारण न्यायाधीश होंगी। जैक्सन, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया सर्किट के लिए यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स में जज हैं। वह 2021 में बाइडन के पहले संघीय न्यायिक उम्मीदवारों में से एक थीं। इससे पहले उन्होंने 2013 से डीसी में जिला अदालत के न्यायाधीश के रूप में काम किया है।फरवरी 2020 में अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान बाइडन ने पहली बार सार्वजनिक रूप से एक अश्वेत महिला को अदालत में नामित करने की प्रतिबद्धता जताई थी। आपराधिक न्याय प्रणाली में मौजूद नस्लीय पूर्वाग्रह, अदालत में विविधता और प्रतिनिधित्व की कमी और न्यायशास्त्र में एक रूढ़िवादी सोच की पृष्ठभूमि में जारी बहस के बीच बाइडन ने इसका जिक्र किया था।सुप्रीम कोर्ट में नौ न्यायाधीशसुप्रीम कोर्ट में नौ न्यायाधीश हैं, जिनमें छह हैं जो रूढ़िवादी या राइट विंग की तरफ झुकाव रखते हैं (रिपब्लिकन प्रशासन द्वारा नामित किए गए थे) और तीन जो उदारवादी हैं (डेमोक्रेटिक प्रशासन द्वारा नामित किए गए थे)। न्यायमूर्ति स्टीफन जी ब्रेयर, जिन्हें 1994 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्वारा अदालत में नामित किया गया था, उन्होंने पिछले महीने सेवानिवृत्त होने की घोषणा की थी। अब बाइडन ने उसी पद को भरने के लिए जैक्सन को नामित किया है। जैक्सन ने ब्रेयर के पूर्व क्लर्क के रूप में काम किया है। हार्वर्ड लॉ स्कूल से स्नातक जैक्सन ने पब्लिक डिफेंडर के रूप में काम किया है। व्हाइट हाउस के एक बयान में कहा गया है कि वह सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश के रूप में सेवा करने वाली पहली पूर्व पब्लिक डिफेंडर होंगी। साथ ही अमेरिकी सजा आयोग की उपाध्यक्ष भी होंगी। अब तक केवल दो अश्वेत न्यायाधीशसुप्रीम कोर्ट में अब तक केवल दो अश्वेत न्यायाधीश हुए हैं, थर्गूड मार्शल, जो 1991 में सेवानिवृत्त हुए और क्लेरेंस थॉमस, जो अभी भी बेंच में हैं। जैक्सन सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाली छठी महिला बनी हैं; तीन वर्तमान में बेंच में हैं, और अगर पुष्टि की जाती है तो वह चौथी होंगी। इसके साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में सबसे अधिक लिंग-समावेशी बेंच बन जाएगी।