News18 : Sep 18, 2020, 06:47 AM
किशनगंज : बिहार (Bihar) के किशनगंज (Kishanganj) जिले से खबर आ रही है कि एक निर्माणाधीन पुल (bridge) बह गया है। यह मामला दिघलबैंक प्रखंड के पथरघट्टी पंचायत का है। यहां गोवाबाड़ी में 1 करोड़ 42 लाख की लागत से बर रहा गोवाबाड़ी पुल बह गया है। इस इलाके के लोग फिलहाल बाढ़ (Flood) की विभीषिका झेल रहे हैं।
नदी के तेज बहाव से कटी कच्ची सड़कबताया जाता है कि पथरघट्टी के ग्वालटोली के पास कनकई नदी का बहाव तेज हो गया है। जिसके कारण कच्ची सड़क तेजी से कटती गई। इस दौरान निर्माणाधीन पुल के एप्रोच पर चचरी बनाकर लोग आनाजाना कर रहे थे। अब पुल के एक हिस्से के धंस जाने से उधर का पूरा इलाका टापू की शक्ल ले चुका है। 20 मीटर डायवर्सन को नहीं बांधने के कारण करोड़ों का नुकसान हो चुका है। ये पुल बनकर तैयार था।2017 की बाढ़ में कट गया था इलाकालोगों का कहना है कि अप्रोच रोड की मरम्मती होते ही आवाजाही शुरू हो जाती। लेकन उद्घाटन से पहले ही पुल जमीदोंज हो गया। गौरतलब है कि साल 2017 में आई प्रलयंकारी बाढ़ में दिघलबैंक प्रखंड पूरी तरह से तबाह हो गया था। जिसमें गोआबाड़ी-कुढ़ेली के बीच भी सड़कें कटीं। बाद में वहां पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ। लेकिन लोगों की उम्मीद पूरी होने से पूर्व ही उस पर पानी फिर गया।
निष्पक्ष जांच की मांगस्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पुल निर्माण में अनियमितता बरती गई है। संवेदक और अभियंता ने नियमों को ताक पर रख कर पुल निर्माण कार्य किया है। ग्रामीणों के इस बयान के बाद मामले की लीपापोती करने का काम शुरू हो चुका है। संवेदक मो नदीम ने इसे प्राकृतिक आपदा बताया है। जबकि एआईएमआईएम के नेता हसन जावेद ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक महीने से इलाके की स्थिति गंभीर बनी हुई है, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली। अब ये पुल भी ध्वस्त हो गया। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि संबंधित ठीकेदार और अभियंता के काम की निष्पक्ष जांच कराई जाए। अब मामले की चाहे जितनी जांच करा ली जाए पर सच तो यही है कि यह पुल पानी का हल्का दबाव भी नहीं झेल पाया।
नदी के तेज बहाव से कटी कच्ची सड़कबताया जाता है कि पथरघट्टी के ग्वालटोली के पास कनकई नदी का बहाव तेज हो गया है। जिसके कारण कच्ची सड़क तेजी से कटती गई। इस दौरान निर्माणाधीन पुल के एप्रोच पर चचरी बनाकर लोग आनाजाना कर रहे थे। अब पुल के एक हिस्से के धंस जाने से उधर का पूरा इलाका टापू की शक्ल ले चुका है। 20 मीटर डायवर्सन को नहीं बांधने के कारण करोड़ों का नुकसान हो चुका है। ये पुल बनकर तैयार था।2017 की बाढ़ में कट गया था इलाकालोगों का कहना है कि अप्रोच रोड की मरम्मती होते ही आवाजाही शुरू हो जाती। लेकन उद्घाटन से पहले ही पुल जमीदोंज हो गया। गौरतलब है कि साल 2017 में आई प्रलयंकारी बाढ़ में दिघलबैंक प्रखंड पूरी तरह से तबाह हो गया था। जिसमें गोआबाड़ी-कुढ़ेली के बीच भी सड़कें कटीं। बाद में वहां पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ। लेकिन लोगों की उम्मीद पूरी होने से पूर्व ही उस पर पानी फिर गया।
निष्पक्ष जांच की मांगस्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पुल निर्माण में अनियमितता बरती गई है। संवेदक और अभियंता ने नियमों को ताक पर रख कर पुल निर्माण कार्य किया है। ग्रामीणों के इस बयान के बाद मामले की लीपापोती करने का काम शुरू हो चुका है। संवेदक मो नदीम ने इसे प्राकृतिक आपदा बताया है। जबकि एआईएमआईएम के नेता हसन जावेद ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक महीने से इलाके की स्थिति गंभीर बनी हुई है, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली। अब ये पुल भी ध्वस्त हो गया। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि संबंधित ठीकेदार और अभियंता के काम की निष्पक्ष जांच कराई जाए। अब मामले की चाहे जितनी जांच करा ली जाए पर सच तो यही है कि यह पुल पानी का हल्का दबाव भी नहीं झेल पाया।