Vikrant Shekhawat : Jan 15, 2022, 12:04 PM
जयपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच लोगों ने मकर संक्रांति पर दीपावली का एहसास करा दिया। लोगों ने दिन में पतंगबाजी और रात को आतिशबाजी का जमकर मजा लिया। जयपुर के लोगों ने दीपावली से ज्यादा आतिशबाजी मकर सक्रांति पर कर डाली, जिसे देखने के लिए राजस्थान के साथ देशभर से लोग जयपुर पहुंचे थे। जयपुर शहर की पतंगबाजी के साथ आतिशबाजी दिखाने के लिए नाहरगढ़ की पहाड़ियों से यह फोटोज शूट किये । 3 घंटे की मेहनत के बाद जयपुर की रोशनी का यह फोटोज सामने आये ।शुक्रवार को सूरज उगने से ढलने तक लोग अपनी छतों पर डटे रहे। डीजे की धुनों पर नाचते गाते लोगों ने जमकर पतंगबाजी का लुफ्त उठाया। वहीं अंधेरा होने के साथ जुगनू से टिमटिमाते विशिंग लैंप जयपुर के आसमान में तारों से चमकने लगे। चारदीवारी के रहने वाले सुनील कुमार ने बताया कि जयपुर की मकर संक्रांति दुनियाभर में सबसे खास है। इसीलिए इस खास त्योहार को मनाने के लिए हम मुंबई से जयपुर आए हैं। गुलाबी शहर की रंगीन रोशनी का लुफ्त उठा सकें साथ ही फीणी का भी जायका ले सकें। 22 गोदाम के रहने वाले नरेंद्र जोशी ने बताया कि कोरोना के खतरे की वजह से लोग मानसिक रूप से परेशान हो गए थे। मकर संक्रांति के पर्व ने लोगों की परेशानी को भुला दिया है। हमने भी सभी परेशानियों को पीछे छोड़ परिवार के साथ अनोखी मकर संक्रांति मनाई, जिसमें न सिर्फ पतंगबाजी , बल्कि जमकर आतिशबाजी की।पिंकसिटी में दिनभर पतंगबाजी के बाद शाम होते ही बड़ी संख्या में लोग अपने घरों की छतों पर पहुंच गए। इस दौरान डीजे की धुनों पर नाचते लोगों ने आतिशबाजी शुरू कर दी। जिससे आसमान रंगीन रोशनी से सराबोर हो गया।जयपुर में मकर संक्रांति के मौके पर कोरोना को खत्म करने की कामना को लेकर जमकर विशिंग लैंप छोड़े गए। इस दौरान रात होते-होते जयपुर के आसमान में तारों की संख्या में विशिंग लैंप नजर आए।इस बार जयपुर में सिर्फ चारदीवारी ही नहीं, बल्कि बाहरी क्षेत्र में भी जमकर आतिशबाजी की गई। वैशाली नगर, मालवीय नगर, मानसरोवर, बनीपार्क, झोटवाड़ा, विद्याधर नगर, आदर्श नगर, राजा पार्क और आमेर में बड़ी संख्या में लोग अपने घरों पर पटाखे चलाते नजर आए। जिसके बाद पूरा जयपुर दीपावली सी रोशनी से जगमग हो उठा।मकर संक्रांति के मौके पर पहली बार जयपुर में एक साथ लोगों ने दीपावली से ज्यादा आतिशबाजी की। जिसके बाद गुलाबी शहर जयपुर पीली रोशनी से रोशन हो गया। जिसे नारगढ़ से देखने से ऐसा लग रहा था, जैसे पूरे जयपुर ने सोने की चादर ओढ़ ली है।जयपुर में दिनभर पतंगबाजी और रात में आतिशबाजी के बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ। देर रात तक लोग छतों पर डटे रहे। कुछ लोगों ने तो सुबह के नाश्ते से लेकर रात का डिनर तक छत पर किया। वहीं विशिंग लैंप उड़ाकर अपनी खुशियों को भी साझा किया।मकर संक्रांति के पर्व पर जयपुर के हर मकान की छत पर रौनक देखने लायक थी। वो काटा, वो मारा का शोर और डीजे की धुनों पर बजता संगीत, हर किसी को थिरकने पर मजबूर कर रहा था। आसमान में पतंगें थिरक रही थी, छतों पर लोग और फिर शाम को आसमान में खुशियों के रंग।