Vikrant Shekhawat : Sep 27, 2020, 06:26 AM
नई दिल्ली। कोरोना संकट के कारण भारत समेत दुनियाभर में कारोबारी गतिविधियां ठप पड़ गईं। इससे बड़ी-बड़ी कंपनियों की आर्थिक हालत खराब हो गई। कारोबार को चलाए रखने के लिए ज्यादातर कंपनियों ने या तो कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की या छंटनी का सहारा लिया। इसी कड़ी में ग्लोबल आईटी कंपनी एसेंचर भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। कंपनी छंटनी के दायरे में आने वाले कर्मचरियों को सात महीने का वेतन दे रही है। हालांकि, ये सुविधा उन्हीं कर्मचरियों को दी जा रही है तो स्वेच्छा से इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं।
सात महीने तक कर्मचारी के अकाउंट में क्रेडिट होती रहेगी सैलरीज्यादातर कंपनियों किसी कर्मचारी को हटाने के दौरान एक, दो या तीन महीने का वेतन ही देती हैं। वहीं, आईटी कंपनी एसेंचर स्वेच्छा से रिजाइन करने वाले कर्मचारियों को 7 महीने के वेतन का ऑफर दे रही है। अमूमन अगर कोई कर्मचारी अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ता है तो उसे एक, दो या तीन तीन महीने का नोटिस देना होता है। नोटिस पीरियड के दौरान वह ऑफिस में काम करता है और उसे पूरा वेतन मिल जाता है। एसेंचर के मामले में कर्मचारी जिस दिन नोटिस देगा उसके बाद के सात महीने का वेतन उसे दिया जाएगा। हालांकि, इसमें एक शर्त भी जुड़ी है। कर्मचारी को ये सात महीने का वेतन एक बार में नहीं मिलेगा। ये वेतन सात महीने तक तक उसके अकाउंट में मिलता रहेगा।
सात महीने तक कर्मचारी के अकाउंट में क्रेडिट होती रहेगी सैलरीज्यादातर कंपनियों किसी कर्मचारी को हटाने के दौरान एक, दो या तीन महीने का वेतन ही देती हैं। वहीं, आईटी कंपनी एसेंचर स्वेच्छा से रिजाइन करने वाले कर्मचारियों को 7 महीने के वेतन का ऑफर दे रही है। अमूमन अगर कोई कर्मचारी अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ता है तो उसे एक, दो या तीन तीन महीने का नोटिस देना होता है। नोटिस पीरियड के दौरान वह ऑफिस में काम करता है और उसे पूरा वेतन मिल जाता है। एसेंचर के मामले में कर्मचारी जिस दिन नोटिस देगा उसके बाद के सात महीने का वेतन उसे दिया जाएगा। हालांकि, इसमें एक शर्त भी जुड़ी है। कर्मचारी को ये सात महीने का वेतन एक बार में नहीं मिलेगा। ये वेतन सात महीने तक तक उसके अकाउंट में मिलता रहेगा।