News18 : Sep 16, 2020, 08:10 AM
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के कारण देश-दुनिया ने बहुत ही खराब समय देख रही है। भारत में भी कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) का प्रभाव अधिकांश लोगों की जिंदगी पर सीधे तौर पर पड़ा है। मार्च-अप्रैल में देखने को मिला था कि देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूर भूखे-प्यासे अपने-अपने घर लौट रहे थे। उनके अलावा भी कई लोग ऐसे हैं जो अब भी भूखे रह रहे हैं ताकि दूसरों का पेट भर सकें। ऐसा ही एक मामला चेन्नई (Chennai) में सामने आया है। यहां एक महिला के पास 13 पालतू कुत्ते (Dogs) हैं। वह रोजाना सिर्फ एक टाइम का खाना खाती है ताकि अपने कुत्तों को भरपेट खिला सके।
यह कहानी है चेन्नई के माइलापोर लाला थोटम कालोनी के एक छोटे घर में रहने वाली 39 साल की मीना की। वह एक घर-घर जाकर कुक और नौकरानी का काम करती हैं। उन्हें कुत्तों से बहुत लगाव है। वह कुत्तों के साथ ही घर पर रहती हैं। उनके पास 13 पालतू कुत्ते हैं। वह अपने कुत्तों से इतना प्यार करती हैं कि उन्होंने उनके साथ रहने के लिए शादी भी नहीं की। देश में आए कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मार्च में लॉकडाउन लग गया। वह पहले से जानती थीं कि इसके बाद खाने की कमी होगी। ऐसे में वह जिन घरों में काम करती थीं, वहां से उन्होंने एडवांस सैलरी मांगी। सिर्फ दो घरों से उनको दो महीने की एडवांस सैलरी मिल गई।इस एडवांस सैलरी से मीना ने घर में चावल और कुत्तों का खाना पेडीग्री खरीद कर रख लिया। इसके बाद उन्होंने अपनी खुराक घटा दी ताकि वह अपने कुत्तों का पेट भर सकें। वह अपने कुत्तों कभी भूखा नहीं रखती हैं। उनका मानना है कि कुत्तों की सेवा करने से वह भगवान से कनेक्ट होती हैं। वह सुबह घरों में काम करती हैं और कमाई गई रकम से अपने 13 कुत्तों की देखभाल करती हैं।मीना का कहना है, 'मुझे खाने की इतनी शौकीन नहीं हूं। मैं कुछ भी पाती हूं तो उसे अपने कुत्तों के साथ शेयर करती हूं। लेकिन अब मैं थोड़ा अधिक देखभाल करती हूं। मैं दिन में एक बार खाती हूं और बाकी का खाना अपने कुत्तों के लिए बचाती हूं।' मीना अपने घर के बाहर के भी कुत्तों का पेट भरती हैं। अब उनका खाने का स्टॉक खत्म हो रहा है। कुछ एनजीओ ने उन्हें कुछ भोजन का स्टॉक दिया है। लेकिन वो अधिक समय तक नहीं चल पाएगा।
यह कहानी है चेन्नई के माइलापोर लाला थोटम कालोनी के एक छोटे घर में रहने वाली 39 साल की मीना की। वह एक घर-घर जाकर कुक और नौकरानी का काम करती हैं। उन्हें कुत्तों से बहुत लगाव है। वह कुत्तों के साथ ही घर पर रहती हैं। उनके पास 13 पालतू कुत्ते हैं। वह अपने कुत्तों से इतना प्यार करती हैं कि उन्होंने उनके साथ रहने के लिए शादी भी नहीं की। देश में आए कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मार्च में लॉकडाउन लग गया। वह पहले से जानती थीं कि इसके बाद खाने की कमी होगी। ऐसे में वह जिन घरों में काम करती थीं, वहां से उन्होंने एडवांस सैलरी मांगी। सिर्फ दो घरों से उनको दो महीने की एडवांस सैलरी मिल गई।इस एडवांस सैलरी से मीना ने घर में चावल और कुत्तों का खाना पेडीग्री खरीद कर रख लिया। इसके बाद उन्होंने अपनी खुराक घटा दी ताकि वह अपने कुत्तों का पेट भर सकें। वह अपने कुत्तों कभी भूखा नहीं रखती हैं। उनका मानना है कि कुत्तों की सेवा करने से वह भगवान से कनेक्ट होती हैं। वह सुबह घरों में काम करती हैं और कमाई गई रकम से अपने 13 कुत्तों की देखभाल करती हैं।मीना का कहना है, 'मुझे खाने की इतनी शौकीन नहीं हूं। मैं कुछ भी पाती हूं तो उसे अपने कुत्तों के साथ शेयर करती हूं। लेकिन अब मैं थोड़ा अधिक देखभाल करती हूं। मैं दिन में एक बार खाती हूं और बाकी का खाना अपने कुत्तों के लिए बचाती हूं।' मीना अपने घर के बाहर के भी कुत्तों का पेट भरती हैं। अब उनका खाने का स्टॉक खत्म हो रहा है। कुछ एनजीओ ने उन्हें कुछ भोजन का स्टॉक दिया है। लेकिन वो अधिक समय तक नहीं चल पाएगा।