Vikrant Shekhawat : Dec 15, 2023, 06:00 AM
Parliament Winter Session: बुधवार को संसद में हुई सुरक्षा चूक के बाद विपक्षी दलों ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया है। गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही लगातार बाधित होती रही जिसके बाद लोकसभा से कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के कुल 13 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। लोकसभा सचिवालय की ओर से इस निलंबन से जुड़ा सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है। इन सभी को सदन के नियम 374 का हवाला देते हुए निलंबित किया गया है। इन सांसदों पर गिरी गाजगुरुवार को हंगामे के बीच पहले कांग्रेस के पांच सांसदों- टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को निलंबित किया गया था। हालांकि, हंगामा जारी रहा जिसके बाद कांग्रेस के बेनी बेहनन, वीके श्रीकंदन, मोहम्मद जावेद और मनिकम टैगोर को भी निलंबित कर दिया गया। सीपीआईएम के पीआर नटराजन और एस वेंकटेशन पर भी कार्रवाइ की गई है। इसके अलावा डीएमके के कनिमोझी करुणानिधि और सांसद के सुब्रमण्यम को भी पूरे शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है। इन सभी पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना करने का आरोप है। इस सांसद को मिली राहतशुरुआती जानकारी के अनुसार, लोकसभा से कुल 14 सांसदों के निलंबन की खबर सामने आई थी। हालांकि, जब शाम को सर्कुलर जारी हुआ तो इसमें केवल 13 नाम ही थे। जानकारी के अनुसार, गलती से निलंबित किए जाने के बाद डीएमके पार्टी के सांसद एसआर पार्थिबन का निलंबन रद्द कर दिया गया है।निलंबित सांसदों को आएंगी ये मुश्किलेंलोकसभा से निलंबित किए गए 13 सांसद अब चैंबर, लॉबी और गैलरी में प्रवेश नहीं कर सकते। उन्हें उन संसदीय समितियों की बैठकों से भी निलंबित कर दिया गया है, जिसके वे सदस्य हो सकते हैं। सदन के कार्य की लिस्ट में उनके नाम से कोई भी वस्तु नहीं रखी जाएगी। निलंबन की अवधि के दौरान उनके द्वारा दिया गया कोई भी नोटिस स्वीकार्य नहीं होगा। निलंबित सांसद अपने निलंबन की अवधि के दौरान होने वाले समितियों के चुनावों में मतदान नहीं कर सकते। संसद सदस्यों के भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954, समय-समय पर संशोधित होने के अनुसार, यदि सांसदों को शेष सत्र के लिए सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाता है, तो वे निलंबन की अवधि के लिए दैनिक भत्ते के हकदार नहीं हैं, क्योंकि ड्यूटी के स्थान पर उनके रहने को वेतन की धारा 2 (डी) के तहत 'ड्यूटी पर निवास' नहीं माना जा सकता है।