Vikrant Shekhawat : Nov 29, 2024, 03:40 PM
Parliament Winter Session: सियासत में एंट्री के पांच साल बाद प्रियंका गांधी अब लोकसभा पहुंच चुकी हैं। उनके शपथ लेने से न केवल कांग्रेस के भीतर, बल्कि गठबंधन के नेताओं में भी उत्साह का माहौल है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रियंका की एंट्री को पार्टी में ऊर्जा और शक्ति का संचार बताया है, जबकि शिवसेना के नेता संजय राउत ने उन्हें शेरनी की उपाधि दी है। प्रियंका के संसद में प्रवेश ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों में कई आशाएं और उम्मीदें जगा दी हैं। अब सवाल उठता है कि क्या प्रियंका की संसद में एंट्री से कांग्रेस के भीतर कुछ खास बदलेगा?
प्रियंका गांधी का राजनीतिक सफर
प्रियंका गांधी ने 2019 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा था, लेकिन उनकी पहचान संगठन से थी। वे उत्तर प्रदेश में पार्टी की प्रभारी थीं, लेकिन पार्टी को वहां अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली। कांग्रेस के लिए यूपी में चुनावी जमीन जीतना अभी भी चुनौतीपूर्ण है, और प्रियंका को वहां से हटाकर अब संगठन में महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 2024 में, प्रियंका गांधी ने केरल के वायनाड सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यह सीट कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यहां राहुल गांधी ने 2019 में जीत दर्ज की थी, लेकिन 2024 में रायबरेली से जीतने के बाद राहुल ने इस सीट को प्रियंका के हाथों में सौंपा।अब प्रियंका गांधी की संसद में एंट्री से यह सवाल उठने लगा है कि कांग्रेस के भीतर क्या बदलाव आएगा और उनकी भूमिका कैसी होगी?संसद में प्रियंका, कांग्रेस में क्या बदलेगा?
- फ्लोर मैनेजमेंट में भूमिका
कांग्रेस के संसद में फ्लोर मैनेजमेंट की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में कमजोर रही है। 2019 में जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर बिल पेश किया जा रहा था, तो राज्यसभा में कांग्रेस का सचेतक दल बदल गया था, जिससे पार्टी को भारी नुकसान हुआ। प्रियंका के संसद में आने से कांग्रेस के फ्लोर मैनेजमेंट में सुधार की उम्मीद है। वे बड़े मुद्दों पर नई रणनीति अपनाकर सरकार को चुनौती दे सकती हैं। - हिंदी भाषी वक्ता का अभाव
2024 के चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर भारत में अच्छी सीटें जीतीं, लेकिन पार्टी के पास ऐसा कोई भी नेता नहीं था, जिसका भाषण पूरे हिंदी बेल्ट में प्रभावी हो। प्रियंका गांधी के संसद में आने से इस समस्या का समाधान हो सकता है। प्रियंका गांधी की हिंदी में धाराप्रवाह और प्रभावी शैली पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। वे खासकर महिलाओं के मुद्दों पर जोर दे सकती हैं, जैसा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने संकेत दिया था। उनका भाषण कांग्रेस की छवि को और मजबूत कर सकता है। - गठबंधन की धुरी बन सकती हैं
प्रियंका गांधी की संसद में एंट्री से कांग्रेस का गठबंधन प्रबंधन भी मजबूत हो सकता है। उनका सपा के अखिलेश यादव से अच्छे रिश्ते हैं और वे कई बार पर्दे के पीछे से गठबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं। अब संसद में उनकी मौजूदगी से सहयोगी दलों के नेताओं को सीधे प्रियंका से संवाद करने का मौका मिलेगा। इससे कांग्रेस का गठबंधन प्रबंधन और सशक्त हो सकता है।