पश्चिम बंगाल / ममता बोलीं- खिलाड़ी नहीं हूं पर खेलना आता है, दिल्ली के गुंडों को नहीं सौंप सकते बंगाल

पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) के छठे चरण के मतदान के दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके नेताओं पर हमला बोला है। दक्षिण दिनाजपुर ( Dakshin Dinajpur) में एक रैली के दौरान गुरुवार को ममता ने कहा, 'दिल्ली के गुंडों को बंगाल नहीं सौंपा जा सकता है।'

Vikrant Shekhawat : Apr 22, 2021, 04:50 PM
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जारी विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) के छठे चरण के मतदान के दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके नेताओं पर हमला बोला है। दक्षिण दिनाजपुर ( Dakshin Dinajpur) में एक रैली के दौरान गुरुवार को ममता ने कहा, 'दिल्ली के गुंडों को बंगाल नहीं सौंपा जा सकता है।' ममता ने कहा कि मैं खिलाड़ी नहीं हूं लेकिन मैं जानती हूं कि कैसे खेला जाता है। मैं इससे पहले लोकसभा में शानदार खिलाड़ी रह चुकी हूं। सीएम ने कहा, 'हम अपने बंगाल को दिल्ली के दो गुंडों के सामने सरेंडर नहीं कर सकते हैं।'

इससे पहले मुख्यमंत्री ने देश में कोविड मामलों में तेजी से वृद्धि को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज कर दिया और इस स्थिति को ' मोदी-निर्मित आपदा' करार दिया। उन्होंने मांग की कि यदि वह बीमारी से लड़ने के लिए पर्याप्त दवा नहीं मुहैया करा सकते तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए। ममता ने आरोप लगाया कि महामारी से निपटने के लिए देश में बन रही 65 प्रतिशत दवाओं का निर्यात किया गया है। उन्होंने कहा, ' कोविड-19 महामारी देश में कम हो गयी थी, लेकिन केंद्र सरकार की भारी विफलता और उसकी लापरवाही तथा अक्षमता के कारण यह फिर से बढ़ गयी।’’

वह मालदा जिले के चंचल और दक्षिण दिनाजपुर जिले के हरिरामपुर में जनसभाओं को संबोधित कर रही थीं। पश्चिम बंगाल में अंतिम तीन चरण के चुनाव एक ही दिन कराने का तृणमल कांग्रेस का अनुरोध चुनाव आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने के बीच ममता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में महामारी में तेजी से वृद्धि का ध्यान रख रही हैं वहीं अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार भी कर रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा, ‘ देश मोदी निर्मित आपदा का सामना कर रहा है। मोदी बाबू को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी कि कोविड के उपचार के लिए दवाइयां बाजार में उपलब्ध क्यों नहीं हैं।।। आपको दवाइयां उपलब्ध करानी होंगी या आप पद छोड़ दें। आप या तो कोरोना को नियंत्रित करें या हट जाएं।’ ममता ने दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'कोविड की दूसरी लहर अधिक तीव्र है। कोई इंजेक्शन या ऑक्सीजन नहीं है। टीकों और दवाइयों को विदेशों में भी भेजा जा रहा है, जबकि इन वस्तुओं की यहां देश में भारी कमी है।'

उन्होंने कहा, ‘यह मानव निर्मित आपदा नहीं बल्कि मोदी निर्मित है।' उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए देश में तैयार 65 प्रतिशत दवाओं का निर्यात किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य देशों को दवाइयां भले ही दी जाएं लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि देश के लोगों को पर्याप्त दवाएं प्राथमिकता के आधार पर मिलें।

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा बंगाल की रीढ़ की हड्डी को तोड़ने का प्रयास कर रही है और ‘हमने (तृणमूल) भी उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ने का संकल्प किया है।’’ ममता ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ने की ताकत उनके अलावा किसी और के पास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बंगाल रॉयल बंगाल टाइगर की भूमि है और हम उसके जैसे ही लड़ते हैं।’

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना ​​है कि बंगाल के मालदा-मुर्शिदाबाद जिले परंपरागत रूप से कांग्रेस पार्टी के गढ़ रहे हैं और ममता राज्य में भाजपा के एकमात्र विकल्प के रूप में तृणमूल को पेशकर वहां कांग्रेस के गढ़ को भेदने की कोशिश कर रही हैं।


CM ने किया तृणमूल का समर्थन करने का आग्रह 

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने राज्य में राजबंशियों और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए काफी काम किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने सब कुछ किया है- सिर्फ एक ही काम शेष है- भाजपा को बाहर करना।’ उन्होंने कहा कि वह राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर या राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लागू नहीं होने देंगी।

ममता ने लोगों से ' वोटों का विभाजन नहीं होने देने' और एकजुट होकर तृणमूल का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर तृणमूल लगातार तीसरी बार फिर से चुनी जाती है, तो उनकी सरकार उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के उदार ऋण की व्यवस्था करेगी।

ममता ने मुस्लिम बहुल मालदा जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए मतदाताओं से कहा कि उनका धार्मिक विश्वास कुछ भी हो, उन्हें तृणमूल को वोट देना चाहिए क्योंकि यह ' एकमात्र पार्टी है जिसने धर्म के आधार पर किसी भी विभाजन की मंजूरी नहीं दी है।