कोरोना अलर्ट / कोरोना संक्रमण के डर से अमेरिका में रोज मारे जा रहे हैं लाखों जानवर

कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से अमेरिकी एनिमल फार्म में हर दिन लाखों जानवर मारे जा रहे हैं। इन जानवरों को मीट के लिए नहीं बल्कि इनकी संख्या कम रखने के लिए हर दिन इन्हें मारा जा रहा है। अमेरिका में कोरोना संक्रमण की वजह से जानवरों के कत्लखाने बंद पड़े हैं। शटडाउन की वजह से मीट का कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा है। ऐसे में एक तरफ जहां मीट की कमी है और उसकी कीमतों में उछाल की आशंका जताई जा रही है

News18 : Apr 30, 2020, 04:32 PM
वाशिंगटन: कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण के डर से अमेरिकी एनिमल फार्म (Animal Farm) में हर दिन लाखों जानवर मारे जा रहे हैं। इन जानवरों को मीट के लिए नहीं बल्कि इनकी संख्या कम रखने के लिए हर दिन इन्हें मारा जा रहा है।

अमेरिका में कोरोना संक्रमण की वजह से जानवरों के कत्लखाने बंद पड़े हैं। शटडाउन की वजह से मीट का कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा है। ऐसे में एक तरफ जहां मीट की कमी है और उसकी कीमतों में उछाल की आशंका जताई जा रही है, वहीं जानवर पालने वाले किसानों को अपने जानवरों की संख्या कम करने के लिए उन्हें मारना पड़ रहा है।

अमेरिका में 20 बड़े कत्लखाने बंद पड़े हैं

द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 20 से ज्यादा बड़े कत्लखानों को बंद किया गया है। हालांकि उनमें से कुछ कत्लखानों को दोबारा से शुरू कर दिया गया है। मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कानूनी आदेश पारित करके कत्लखानों को खोलने का आदेश दिया है। ट्रंप का कहना है कि इससे मीट का कारोबार करने वाली कंपनियों को फायदा होगा। उनका बिजनेस चलता रहेगा।

एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका में 20 लाख जानवरों को उनके फार्म में ही मार डाला गया है। ये आंकड़ा और बढ़ सकता है। जानवरों की संख्या नियंत्रित रखने के लिए उन्हें मारा जा रहा है।

अमेरिका में जानवरों को मारने के लिए दो तरीके अपनाए जाते हैं। या तो उन्हें फोम से ढंककर दम घोंटकर मारा जाता है या फिर हवा आने-जाने वाली व्यवस्था को बंद कर उन्हें मार दिया जाता है।

इस बारे में अमेरिका में एक एडवाइजरी जारी हुई है। शुक्रवार को जारी एडवाइजरी में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर एंड द एनिमल एंड प्लांट हेल्थ इंस्पेक्शन सर्विस की तरफ से कहा गया है कि पशु चिकित्सक और सरकारी अधिकारी जानवरों की संख्या नियंत्रित रखने के लिए उन्हें मारने में किसानों की मदद दी जाएगी या फिर उन्हें कोई दूसरा विकल्प दिया जाएगा।

सबसे ज्यादा चिकेन पर खतरा

जानवरों के लिए काम करने वाली एक संस्था यूएस वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन मर्सी फॉर एनिमल्स की तरफ से कहा गया है कि जानवरों के लिए इमरजेंसी के हालात हैं। संगठन के अध्यक्ष लिया गार्सेस ने कहा है कि सबसे ज्यादा खतरा चिकेन पर है। उसके बाद सूअर के बच्चों का नंबर आता है।

गार्सेस ने कहा है कि आमतौर पर चिकेन 42 से 47 दिन में तैयार हो जाते हैं। इसके बाद इनका मांस निकाला जाता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके बाद ये मर जाते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक अमेरिका में करीब 20 लाख चिकेन को मारा जा चुका है। ऐसा सिर्फ इनकी संख्या को नियंत्रित रखने के लिए किया गया है।