Monkeypox / दुनिया के इतने मुल्कों में फैला मंकीपॉक्स का वायरस भारत में एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर यात्रियों की होगी मॉनिटरिंग

दुनिया 11 देशों में मंकीपॉक्स के 80 मामले कंफर्म हो गए हैं 50 जांच के दायरे में है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपडेट किया है डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स का पहला मामला लंदन (London) में 5 मई को आया था जब एक ही परिवार के 3 लोगों के बीच यह संक्रमण देखा गया इसकी सूचना विश्व स्वास्थ्य संगठन को 13 मई को दी गई थी लेकिन अब यह बीमारी धीरे-धीरे 11 देशों में फैल चुकी है.

Vikrant Shekhawat : May 21, 2022, 03:28 PM
दुनिया 11 देशों में मंकीपॉक्स के 80 मामले कंफर्म हो गए हैं 50 जांच के दायरे में है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपडेट किया है डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स का पहला मामला लंदन (London) में 5 मई को आया था जब एक ही परिवार के 3 लोगों के बीच यह संक्रमण देखा गया इसकी सूचना विश्व स्वास्थ्य संगठन को 13 मई को दी गई थी लेकिन अब यह बीमारी धीरे-धीरे 11 देशों में फैल चुकी है.

इन देशों में मिले केस

इस बीच, यूरोप में 100 से अधिक मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि या संदिग्ध मामले मिलने के बाद, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चर्चा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई है. जर्मनी में अब तक सबसे ज्यादा केस मिले हैं. वहीं अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में केस मिलने के बाद अब यूके, स्पेन, पुर्तगाल, जर्मनी और इटली में भी मामलों की पुष्टि की गई है. कुल मिलाकर, मंकीपॉक्स के 100 से अधिक मामले सामने आए हैं. 

बीमारी के लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिये उभरता है और इससे कई प्रकार की चिकित्सा जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. रोग के लक्षण आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक दिखते हैं, जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं. मामले गंभीर भी हो सकते हैं. हाल के समय में, मृत्यु दर का अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है, लेकिन यह 10 प्रतिशत तक हो सकता है. संक्रमण के वर्तमान प्रसार के दौरान मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है. 

भारत के एयरपोर्ट्स पर अलर्ट

हालांकि अभी भारत में इसका कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन केंद्र सरकार मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट पर है एयरपोर्ट पर अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जा रही है जरूरत पड़ने पर इनके सैंपल लेकर पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी में जांच के लिए भेजे जा सकते हैं.

इस बीमारी से कैसे बचा जाए?

मंकीपॉक्स वायरस किसी व्यक्ति में फैलने में 5 से 12 दिन लेता है यह बीमारी संक्रमित जानवर से तो फैल ही सकती है उसके अलावा संक्रमित व्यक्ति की लार से या त्वचा में संपर्क में आने से जी दूसरे व्यक्ति को यह बीमारी हो सकती है आमतौर पर 20 दिन के अंदर यह बीमारी खुद ही ठीक हो जाती है कुछ मामलों में अस्पताल में इलाज करने की जरूरत पड़ती है स्मॉल पॉक्स की तरह ही मंकीपॉक्स के मरीज हो भी आइसोलेशन में रखने की जरूरत होती है ताकि उससे यह बीमारी दूसरे को न फैले.