Vikrant Shekhawat : Sep 19, 2024, 08:00 AM
Mpox Case in Kerala: केरल के मलप्पुरम में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) का एक नया मामला सामने आया है। यह व्यक्ति हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से लौटा था और इसमें मंकीपॉक्स के लक्षण पाए गए थे। केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने इस मामले की पुष्टि की और कहा कि जांच रिपोर्ट में इस व्यक्ति का मंकीपॉक्स से संक्रमित होना स्पष्ट हुआ है।स्वास्थ्य विभाग की सक्रियतास्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि संदिग्ध मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी जांच की गई। उन्होंने सभी यात्रियों को चेतावनी दी है कि यदि उन्हें फॉरेन ट्रैवल हिस्ट्री है और मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वे तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। इसके साथ ही, अस्पतालों में इलाज और आइसोलेशन की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने नोडल अधिकारियों के फोन नंबर भी जारी किए हैं ताकि संदिग्ध मामलों की त्वरित पहचान की जा सके।संपर्क ट्रेसिंग और एहतियातमंकीपॉक्स के मरीज के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग जारी है। इनमें से कई की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जो एक अच्छी खबर है। स्वास्थ्य विभाग ने एयरपोर्ट पर जांच प्रक्रिया को बढ़ा दिया है। किसी भी संदिग्ध मामले में लक्षण दिखने पर तुरंत आइसोलेट करने की प्रक्रिया लागू की जा रही है।वैश्विक स्वास्थ्य स्थितिहाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। अफ्रीका में इस वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के कारण यह फैसला लिया गया। दो साल पहले भी मंकीपॉक्स ने विश्व स्तर पर दस्तक दी थी, जिसमें भारत में लगभग 30 मामले रिपोर्ट किए गए थे। इस बार हालांकि केवल दो मामले सामने आए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में फैल रहा दूसरा स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक हो सकता है।विशेषज्ञों की सलाहमहामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि मंकीपॉक्स के कुछ मामले सामने आ सकते हैं, लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि जागरूकता और सतर्कता आवश्यक है। मंकीपॉक्स कोविड-19 की तरह तेजी से नहीं फैलता, लेकिन यदि किसी व्यक्ति में फ्लू जैसे लक्षण या त्वचा पर दाने दिखें, तो तुरंत जांच करवाना महत्वपूर्ण है।निष्कर्षकेरल में मंकीपॉक्स के मामलों के बढ़ते हुए मामलों के बीच, स्वास्थ्य विभाग ने सभी जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। नागरिकों को जागरूक रहने और सावधानियों का पालन करने की सलाह दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता और विशेषज्ञों की सलाह के माध्यम से, उम्मीद की जा रही है कि इस वायरस के फैलाव को नियंत्रित किया जा सकेगा।