देश / हिमाचल विधानसभा का मॉनसून सत्र: CM ने विधायक निधि की बहाल

हिमाचल विधानसभा का मॉनसून सत्र दस दिन तक चलने के बाद शुक्रवार को संपन्न हो गया। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने इसकी घोषणा की। यह सत्र काफी हंगामेदार रहा। कई मुद्दों पर विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश की। कोरोना संकट के चलते निरस्त की गई विधायक क्षेत्र विकास निधि को जयराम सरकार ने बहाल कर दिया है। विधानसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने इसकी जानकारी दी।

News18 : Sep 19, 2020, 07:56 AM
शिमला। हिमाचल विधानसभा (Himachal Assembly) का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) दस दिन तक चलने के बाद शुक्रवार को संपन्न हो गया। सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार (Vipen Parmar) ने इसकी घोषणा की। यह सत्र काफी हंगामेदार रहा। कई मुद्दों पर विपक्ष ने सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश की।


विधायक निधि हुई बहाल

कोरोना संकट के चलते निरस्त की गई विधायक क्षेत्र विकास निधि को जयराम सरकार ने बहाल कर दिया है। विधानसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने इसकी जानकारी दी। दरसअल, हाल ही में कांग्रेस विधायक दल ने सीएम से मुलाकात की थी और विधायक निधि बहाल करने की मांग की थी। शुक्रवार को विधानसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने घोषणा करते हुए कहा कि विधायकों के लिए अपने क्षेत्र में विकास की एकमात्र निधि होती है, जो कोरोना संकट के चलते दो साल के लिए निरस्त कर दी गई थी, लेकिन सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक लगातार मांग कर रहे थे कि विधायक निधि को बहाल किया जाए। सीएम जयराम ठाकुर ने सदन में विधायक निधि बहाल करने की घोषणा की थी, जिसमें 50 लाख रूपये दिया जाएगा।


कितनी है विधायक निधि

हालांकि, पहली किस्त अक्तूबर माह में 25 लाख रूपये दी जाएगी और बाकी 25 लाख रूपये पंचायत चुनावों के बाद दिए जाएंगे। हिमाचल में प्रति विधानसभा हर साल 1 करोड़ 75 लाख रूपये विधायक निधि के रूप में दिए जाते हैं। इसमें से केवल 50 लाख रूपये शुरूआती चरण में दिए जा रहे हैं। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पूरी विधायक निधि देने की मांग की थी, जिस पर सीएम असमर्थता जाहिर की।


सत्र के दौरान काफी मुद्दे गरमाए

हिमाचल विधानसभा सत्र के दौरान काफी मुददे गरमाए। सीएम जयराम ठाकुर ने यह सत्र कई मायने में यादगार रहेगा। क्योंकि कोविडकाल जैसी विपरीत परिस्थितियों में यह सत्र हुआ है। आमतौर पर यह सत्र कम दिनों का होता था, लेकिन इस बार सबसे लंबा सत्र हुआ है, जिसमें जनहित के मुद्दों पर चर्चा हुई।


क्या बोले स्पीकर

विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने भी कहा कि सबको खुलकर बोलने मौका दिया गया। सत्र के दौरान कुल 434 तारांकित और 223 अतारांकित सवाल लगे। नियम 67 के तहत इतिहास में पहली बार कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा हुई। सदन की कार्यवाही कुल 47 घंटे चली। नियम 61 के तहत 5 विषयों पर चर्चा हुई। नियम 62 के तहत 10 विषय और नियम 130 के तहत 5 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। नियम 101 के तहत 2 गैर सरकारी संकल्पों पर सदन में विस्तार से चर्चा हुई।


विंटर सेशन के धर्मशाला होने पर संशय

कोरोना संकट के चलते दिसंबर में धर्मशाला में होने वाले विंटर सेशन पर संशय बन गया है। दरअसल कोविड 19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में कुछ विधायकों ने सीएम जयराम ठाकुर को सुझाव दिया है कि इसे शिमला में ही करवाया जाए। क्योंकि यहां पर तमाम सुविधाएं हैं और धर्मशाला में होटलों में रहना पड़ता है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अगर मामले बढ़ते हैं तो उस पर चर्चा होगी। सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए साथ ही 434 तारांकित और 223 अतारांकित प्रश्न सदन में पूछे गए। अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सत्र के सफल आयोजन में पक्ष विपक्ष और कर्मचारियों के सहयोग पर आभार जताया।