Himachal Pradesh Politics / कांग्रेस के क्रॉस वोटिंग करने वाले 6 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द, स्पीकर ने सुनाया फैसला

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों की सदस्यता खत्म हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में वोट डालने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। अपना फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हमने दोनों पक्षों को ध्यान से सुना। हमने पाया कि बागी विधायकों ने व्हिप

Vikrant Shekhawat : Feb 29, 2024, 12:35 PM
Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों की सदस्यता खत्म हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में वोट डालने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। अपना फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हमने दोनों पक्षों को ध्यान से सुना। हमने पाया कि बागी विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित किया जाता है। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने वाले छह विधायकों ने दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया। इसलिए इन विधायकों की सदस्यका तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।

स्पीकर ने दिया 30 पेज का आदेश

स्पीकर ने कहा कि दलबदल विरोधी कानून के तहत 6 विधायकों के खिलाफ मुझे याचिका मिली थी। मैंने अपने 30 पेज के आदेश में काफी विस्तार से इसकी जानकारी दी है। मैंने उन 6 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है, अब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य नहीं है। 

स्पीकर के सामने पेश हुए थे बागी

पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने वाले कांग्रेस के छह विधायक कारण बताओ नोटिस के जवाब में बुधवार को अपने वकील के साथ विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश हुए और तर्क दिया कि संबंधित सभी दस्तावेज उन्हें मुहैया नहीं कराए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष छह कांग्रेस विधायकों का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यपाल जैन ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किलों को केवल नोटिस और मंगलवार शाम को दाखिल याचिका की प्रति दी गई है जबकि अन्य संलग्नक नहीं मुहैया कराये गये।

जैन ने कहा कि नियमों के तहत विधायकों को उन्हें दिए गए नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय दिया जाना चाहिए। जैन ने तर्क दिया कि दल-बदल विरोधी कानून राज्यसभा चुनावों में मतदान पर लागू नहीं होता है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बार-बार अपने फैसलों में यह स्पष्ट किया है।