Zee News : Sep 24, 2020, 07:03 AM
नई दिल्ली: कोरोना की छाया के बीच हुए संसद के मानसून सत्र (Monsoon session) में लोक सभा (Lok Sabha) ने इतिहास रच दिया। अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में चले मानसून सत्र में लोक सभा की कार्य उत्पादकता 167 प्रतिशत रही। जो लोकसभा के किसी भी सत्र में सर्वाधिक है। दस दिन चले सत्र में 25 विधेयक पारित किए गए और कई अन्य रिकॉर्ड भी बने।
लोक सभा में इस बार नहीं रखी गई कोई छुट्टीबताते चलें कि इससे पहले 8वीं लोकसभा के तीसरे सत्र में कार्य उत्पादकता 163 प्रतिशत रही थी। जबकि इस बार के मॉनसून सत्र के दौरान 21 सितंबर को 234 प्रतिशत कार्य उत्पादकता रही, जो लोकसभा के इतिहास में किसी एक दिन में सर्वाधिक है। यह पहली बार रहा कि जब सत्र के दौरान कोई अवकाश नहीं रखा गया। रविवार और सोमवार को दो दिन तक सदन ने देर रात 12:30 बजे तक काम किया।
37 घंटों के बजाय 60 घंटों तक काम हुआइस दौरान कुल 10 बैठकों में 37 घंटों के कार्य के स्थान पर 60 घंटे काम हुआ। जो निर्धारित समय से डेढ़ गुना से भी अधिक है। सत्र के दौरान विधायी कार्यों को 68 प्रतिशत और अन्य कार्यों को 32 प्रतिशत समय दिया गया। सत्र के दौरान 16 विधेयक पुनस्थापित किए गए तथा 25 विधेयक पारित किए गए।
370 सदस्यों को मिला बोलने का मौकाशून्यकाल की निर्धारित अवधि में कुल 180 सदस्यों को अविलंब लोक महत्व के विषय उठाने थे। वहीं इस बार 370 सदस्यों को विषय उठाने का अवसर मिला, जो दुगुने से भी अधिक है। सत्र के दौरान 20 सितंबर को कुल 88 सदस्यों ने शून्य काल में अपनी बात रखी तथा 78 महिला सदस्यों में से लगभग 60 महिला सदस्यों को बोलने का अवसर मिला।
सरकार ने 99 प्रतिशत सवालों के जवाब दिएनियम 377 के तहत भी लोकसभा का मानसून सत्र के दौरान प्रदर्शन उल्लेखनीय है। 15वीं व 16वीं लोकसभा के चौथे सत्र की तुलना में 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र में लगभग दुगुने सदस्यों ने अपने प्रश्न रखे। सरकार की ओर से भी जवाब देने प्रदर्शन काफी बेहतर रहा और करीब 99 प्रतिशत विषयों के जवाब दे दिए गए। इसके साथ सदन के पटल पर करीब 2300 अतारांकित प्रश्नों का जवाब रखा गया।
सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का रखा गया खास ध्यानसदन के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया। सांसदों, उनके परिजनों, निजी स्टाफ के साथ लोकसभा अधिकारियों-कर्मचारियों व मीडियाकर्मियों समेत 8029 व्यक्तियों के कोविड टेस्ट किए गए। देश में कोविड की स्थिति पर 5 घंटे 8 मिनट चर्चा भी की गई।
राज्य सभा में 104.47 प्रतिशत कामकाज हुआराज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि नायडू ने बताया कि इस सत्र के दौरान 104.47 प्रतिशत कामकाज हुआ। उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर व्यवधान के कारण जहां सदन के कामकाज में तीन घंटों का नुकसान हुआ। वहीं सदन ने तीन घंटे 26 मिनट अतिरिक्त बैठकर कामकाज किया। जबकि इससे पहले उच्च सदन में कामकाज का कुल प्रतिशत 96.13 रहा है।
लोक सभा में इस बार नहीं रखी गई कोई छुट्टीबताते चलें कि इससे पहले 8वीं लोकसभा के तीसरे सत्र में कार्य उत्पादकता 163 प्रतिशत रही थी। जबकि इस बार के मॉनसून सत्र के दौरान 21 सितंबर को 234 प्रतिशत कार्य उत्पादकता रही, जो लोकसभा के इतिहास में किसी एक दिन में सर्वाधिक है। यह पहली बार रहा कि जब सत्र के दौरान कोई अवकाश नहीं रखा गया। रविवार और सोमवार को दो दिन तक सदन ने देर रात 12:30 बजे तक काम किया।
37 घंटों के बजाय 60 घंटों तक काम हुआइस दौरान कुल 10 बैठकों में 37 घंटों के कार्य के स्थान पर 60 घंटे काम हुआ। जो निर्धारित समय से डेढ़ गुना से भी अधिक है। सत्र के दौरान विधायी कार्यों को 68 प्रतिशत और अन्य कार्यों को 32 प्रतिशत समय दिया गया। सत्र के दौरान 16 विधेयक पुनस्थापित किए गए तथा 25 विधेयक पारित किए गए।
370 सदस्यों को मिला बोलने का मौकाशून्यकाल की निर्धारित अवधि में कुल 180 सदस्यों को अविलंब लोक महत्व के विषय उठाने थे। वहीं इस बार 370 सदस्यों को विषय उठाने का अवसर मिला, जो दुगुने से भी अधिक है। सत्र के दौरान 20 सितंबर को कुल 88 सदस्यों ने शून्य काल में अपनी बात रखी तथा 78 महिला सदस्यों में से लगभग 60 महिला सदस्यों को बोलने का अवसर मिला।
सरकार ने 99 प्रतिशत सवालों के जवाब दिएनियम 377 के तहत भी लोकसभा का मानसून सत्र के दौरान प्रदर्शन उल्लेखनीय है। 15वीं व 16वीं लोकसभा के चौथे सत्र की तुलना में 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र में लगभग दुगुने सदस्यों ने अपने प्रश्न रखे। सरकार की ओर से भी जवाब देने प्रदर्शन काफी बेहतर रहा और करीब 99 प्रतिशत विषयों के जवाब दे दिए गए। इसके साथ सदन के पटल पर करीब 2300 अतारांकित प्रश्नों का जवाब रखा गया।
सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का रखा गया खास ध्यानसदन के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया। सांसदों, उनके परिजनों, निजी स्टाफ के साथ लोकसभा अधिकारियों-कर्मचारियों व मीडियाकर्मियों समेत 8029 व्यक्तियों के कोविड टेस्ट किए गए। देश में कोविड की स्थिति पर 5 घंटे 8 मिनट चर्चा भी की गई।
राज्य सभा में 104.47 प्रतिशत कामकाज हुआराज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि नायडू ने बताया कि इस सत्र के दौरान 104.47 प्रतिशत कामकाज हुआ। उन्होंने कहा कि इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर व्यवधान के कारण जहां सदन के कामकाज में तीन घंटों का नुकसान हुआ। वहीं सदन ने तीन घंटे 26 मिनट अतिरिक्त बैठकर कामकाज किया। जबकि इससे पहले उच्च सदन में कामकाज का कुल प्रतिशत 96.13 रहा है।