हादसा / मां-पिता बड़ी बेटी का इलाज कराने गए, पीछे छोटे भाई बहन खेलते हुए बक्से में छुपे, दम घुटने से भाई की मौत

नागौर । श्रीबालाजी थाना इलाके के अलाय गांव में गुरुवार को खेल-खेल में दो मासूम भाई-बहिन एक बक्से में बंद हो गए। काफी देर तक बक्से में बंद रहने की वजह से दोनों का दम घुट गया और दोनों अचेत हो गए। इनमें से भाई का तो दम टूट गया, लेकिन उसकी बहिन अचेत हो गई, जिसे परिजनों की मदद से जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद गांव में मातम पसर गया और मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया।

Vikrant Shekhawat : Jun 26, 2020, 08:12 AM

नागौर  श्रीबालाजी थाना इलाके के अलाय गांव में गुरुवार को खेल-खेल में दो मासूम भाई-बहिन एक बक्से में बंद हो गए। काफी देर तक बक्से में बंद रहने की वजह से दोनों का दम घुट गया और दोनों अचेत हो गए। इनमें से भाई का तो दम टूट गया, लेकिन उसकी बहिन अचेत हो गई, जिसे परिजनों की मदद से जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के बाद गांव में मातम पसर गया और मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। वहीं बच्चे की मां अभी तक अपने लाल की मौत से अनभिज्ञ है। उसको अभी यही बताया गया है कि उसके बेटे को जोधपुर रैफर किया गया है। जल्द वह ठीक होकर घर पहुंचेगा। 

अलाय निवासी बच्चों के दादा धन्नाराम पुत्र खोमाराम ने बताया कि हादसा दोपहर का है। 13 वर्षीय लीला पुत्री ओमप्रकाश को कुछ दिनों से बुखार रहा था। इसके चलते लीला को उसके मां-बाप सुबह दस बजे अलाय चिकित्सालय लेकर गए थे, लेकिन चार वर्षीय हरीश पुत्र ओमप्रकाश मेघवाल और उसकी बहिन सात वर्षीय रत्ना को घर पर ही छोड़कर चले गए थे। वहां से ओम प्रकाश अपनी पत्नी और बच्ची के साथ दोपहर दो बजे वापस लौटे। लेकिन घर का दरवाजा बंद मिला तथा अंदर किसी प्रकार की हलचल नहीं थी। दरवाजा तोड़ अंदर घुसे तो बच्चे संदूक में मिले। बच्चों की स्थिति देख हैरान हुए माता-पिता ने कैसे ही करके जिला मुख्यालय स्थित जेएलएन अस्पताल पहुंचाया मगर तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। वहीं बच्ची अस्पताल में भर्ती है।


बड़ी बच्ची का इलाज करवाकर वापस लौटे थे परिजन

मां-बाप बड़ी बच्ची का इलाज करवाकर वापस घर लौटे तो उनको घर का दरवाजा बंद मिला। जब उन्होंने दरवाजा खुलवाने के लिए बच्चों को आवाज लगाई तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर उन्होंने बच्चों के नींद में होने का अंदेशा लगाया। इसके बाद भी उन्होंने काफी देर तक प्रतीक्षा की। इसके बाद जब बच्चों की कोई आवाज नहीं आई तो वे दरवाजा तोड़कर भीतर घुसे, लेकिन उनको बच्चे कहीं नजर नहीं आए। इस पर जब उन्होंने कमरे में रखे बक्से को खोलकर देखा तो दोनों मासूम उसमें बदहवास अवस्था में पड़े हुए थे।

यह देख मां-बाप के हाथ-पैर फूल गए और वे आनन-फानन में दोनों बच्चों को जेएलएन लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने अलाय निवासी चार वर्षीय हरीश पुत्र ओम प्रकाश मेघवाल को तो मृत घोषित कर दिया। वहीं बच्ची सात वर्षीय रत्ना हॉस्पिटल में भर्ती है, जिसका उपचार जारी है। अलाय में हुए हादसे की इस जानकारी के बारे में जिसने भी सुना वह सन्न रह गया। वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। इस पर ग्रामीण परिजनों को ढांढ़स बंधाते दिखाई पड़े। अभी मां को नहीं बताया कि उसका बेटा नहीं रहा।