Vikrant Shekhawat : Jun 09, 2023, 07:53 AM
Mumbai Murder: महाराष्ट्र के मुंबई हत्याकांड में आरोपी ने जो दरिंदगी की है उसे सुनकर कोई भी खौफ में आ सकता है. इस मामले में आरोपी ने खुद से 20 साल छोटी लिव इन पार्टनर सरस्वती को कथित तौर पर मौत के घाट उतार दिया. किसी को इस घटना की भनक न लगे. इससे बचने के लिए आरोपी मनोज ने सरस्वती के शव के कई टुकड़े किए और उनको कुकर में उबाला फिर मिक्सी में पीस दिया.जब पड़ोस में रहने वाले लोगों को घर से पास से बदबू आने लगी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद इस हत्याकांड का खुलासा हुआ. पुलिस के मुताबिक, सरस्वती के शव के कई हिस्से गायब है. शक है कि इन हिस्सों को कहीं फेंक दिया गया है या फिर कुत्तों को खिला दिया गया है. इस सब के बीच आरोपी मनोज ने हत्या की बात से इंकार किया है. उसने पुलिस को बयान दिया है कि सरस्वती ने खुदकुशी की थी, जिसके बाद वो डर गया था कि कहीं उसपर हत्या का आरोप न लग जाए. इससे बचने के लिए ही उनके शव को ठिकाने लगाने के लिए ये ऐसा किया था. इस बयान के बाद केस उलझता नजर आ रहा है.ऐसा इसलिए क्योंकि पुलिस को अभी तक केवल महिला का कटा हुआ फैल और शव के कुछ टुकड़े मिले हैं, जिनको अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि केवल पैर या कुछ टुकड़ों के आधार पर यह पहचानना मुश्किल हो सकता है कि सरस्वती ने आत्महत्या की है, या फिर उसकी हत्या करके शव को काटा गया है.पोस्टमार्टम में जानकारी मिलना मुश्किलइस मामले में दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में फॉरेंसिक विभाग के डॉ. बीएन मिश्रा बताते हैं कि केवल पैरों के आधार पर पोस्टमार्टम मे ये पता लगाना एक चुनौती है कि मौत कैसे हुई है. इसके लिए शरीर के धड़ वाले हिस्से का मिलना भी जरूरी है. हालांकि कई ऐसे तरीके भी हैं जिससे पहचान हो सकती है कि ये हत्या की गई है या फिर महिला ने खुदकुशी की है. अगर पैरों में जख्म या फिर रगड़ के कोई निशान हैं तो ये संकेत हो सकता है कि महिला की हत्या की गई है.लेकिन अगर ऐसा कोई सबूत नहीं मिलता है तो मौत के कारण का पता लगाने के लिए काफी मशक्कत करनी होगी. इसके लिए शरीर के दूसरे हिस्सों का मिलना जरूरी है, लेकिन जिस हिसाब से जानकारी मिली है कि शरीर के कई छोटे टुकड़े किए गए हैें. ऐसे मे पोस्टमार्टम में सही जानकारी सामने आना मुश्किल हो सकता है.अगर जहर वाली थ्यौरी की बात करें तो भी केवल पैरों से यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि जहर बॉडी में है या नहीं. क्योंकि कुछ जहर ऐसे होते हैं, जो बोन मैरो मे भी नहीं मिलते हैं. चूंकि आरोपी ने बयान दिया है कि महिला ने जहर खाया था, तो उसके लिए शरीर में जहर मिलना भी जरूरी है, लेकिन अन्य बॉडी पॉर्टस के मिले बिना ये पहचान एक मुश्किल काम हो सकती है.कहीं मौत न बन जाए एक राजडॉ. दीपक कुमार सुमन बताते हैं कि इस तरह के हत्याकांड में कुछ पेंच फंस सकता है. अगर ये माने की आरोपी ने ही हत्या करके शव के टुकड़े किए हैं तो भी शवों के अन्य पार्ट्स मिलना जरूरी है. क्योंकि पैरों की जांच से यह पहचान करना मुश्किल है कि खुदकुशी बाद शरीर को काटा गया है या फिर हत्या करने के बाद ऐसा किया गया है. हालांकि अभी पुलिस के पास डीएनए जांच का भी ऑपशन है, लेकिन जिस तरह से आरोपी ने घटना को अंजाम दिया है. उससे पता चलता है कि ये काफी शातिर है.