नागौर / तीन महिलाओं की डूबने से मौत

नावां उपखंड के शम्भूपुरा के ग्राम बावड़ी में बुधवार को कमलाई नाडी में मनरेगा कार्य के दौरान एक महिला का पैर फिसल जाने से वह नाडी में गिर गई। उसे बचाने के लिए साथी एक महिला श्रमिक व एक महिला मेट भी पानी में उतर गई मगर वह भी बचा नहीं सकी और तीनों महिलाओं की डूबने से मौत हो गई। इस बीच एक अन्य महिला श्रमिक और एक अन्य मेट ने तीनों महिलाओं को बचाने का प्रयास किया मगर बचाने आई महिला भी डूबने लगी तो मेट ने ...

Vikrant Shekhawat : Jul 30, 2020, 08:08 AM

नावां उपखंड के शम्भूपुरा के ग्राम बावड़ी में बुधवार को कमलाई नाडी में मनरेगा कार्य के दौरान एक महिला का पैर फिसल जाने से वह नाडी में गिर गई। उसे बचाने के लिए साथी एक महिला श्रमिक व एक महिला मेट भी पानी में उतर गई मगर वह भी बचा नहीं सकी और तीनों महिलाओं की डूबने से मौत हो गई। इस बीच एक अन्य महिला श्रमिक और एक अन्य मेट ने तीनों महिलाओं को बचाने का प्रयास किया मगर बचाने आई महिला भी डूबने लगी तो मेट ने किसी तरह महिला श्रमिक को बाहर निकाला।

इस दौरान मेट के शरीर में भी पानी चला गया। दोनों को कुचामन रेफर किया। कमलाई नाडी में नरेगा कार्य चल रहा था। दोपहर साढ़े 12 बजे करीब मनरेगा श्रमिक रतनी देवी का फावड़ा नाडी में गिर गया, जब वह फावड़ा लेने झुकी तो पैर फिसलने से वह नाडी में डूबने लगी। जिसे बचाने के लिए सुरज्ञान देवी व 21 वर्षीय मेट फूली भी पानी में उतर गई मगर वह भी बचा नहीं पाई और तीनों महिलाएं पानी में डूबने लगी।

एक अन्य श्रमिक चंदा देवी ने तीनों महिलाओं को बचाने का प्रयास किया तो वह भी डूबने लगी। मेट गजानंद कुमावत ने पानी में उतर कर चंदा देवी को बचा लिया मगर तीन महिलाओं को नहीं बचा सके।

महिला श्रमिक रतनी का पैर फिसला था, बचाते वक्त मेट फूली व श्रमिक सुरज्ञान की भी सांसें टूटी
मेट गजानंद के खुदके शरीर में पानी चला गया। इस बीच मौके पर पहुंचे अन्य श्रमिकों व ग्रामीणों ने मेट गजानंद व चंदा देवी को मारोठ अस्पताल में भर्ती कराया। और नाडी में डूबी तीन महिला श्रमिकों को भी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने बावड़ी निवासी महिला श्रमिक रतनी देवी (45) पत्नी जवानाराम मेघवाल, सुरज्ञान देवी (45) पत्नी मुकनाराम मीणा व मेट फूली (20) पुत्री हड़मानराम मेघवाल को मृत घोषित कर दिया।

तीनों महिला श्रमिकों की मौत के बाद शव मोर्चरी में रखवाए गए और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए गए। वहीं पानी में डूबने से दम घुटने पर घायल महिला श्रमिक चंदा देवी व मेट गजानंद को गम्भीरावस्था में कुचामन रेफर किया गया।

1 महिला को तो बचा लिया मगर पानी से खुद का सांस फलने से अचेत हो गया : मेट गजानंद
एक महिला श्रमिक की जान बचाने वाले कुचामन अस्पताल में भर्ती मेट गजानंद कुमावत ने भास्कर को बताया कि एक महिला श्रमिक का पैर फिसलने से वह नाडी में डूबने लगी।
उसे बचाने के लिए साथी एक महिला श्रमिक व महिला मेट भी पानी में उतर गई मगर वह भी पानी में डूबने लग गई और काफी गहरे पानी में चली गई। इस बीच महिला श्रमिक चंदा देवी भी उन्हें बचाने पानी में उतर गई मगर तैरना नहीं आने से वह भी डूबने लगी।

मैंने यह सब देख तुरंत पानी में छलांग लगाई। एक महिला श्रमिक चंदा देवी को तो बचा लिया और किसी तरह किनारे तक पहुंचा दिया मगर इस बीच खुद के शरीर में पानी चले जाने और पानी में दम घुटने लगने की वजह से मैं अचेत होने लग गया। कुछ ही देर में अन्य मनरेगा श्रमिक और ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। उन्होंने हम दोनों घायलों को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया। बाद में ग्रामीण गौताखोरों की मदद से तीनों महिला श्रमिकों को भी बाहर निकाला गया और उन्हें शीघ्र 108 एंबुलेंस से मारोठ के अस्पताल पहुंचाया गया मगर तब तक उनकी सांसें टूट चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी एकत्रित हो गए।

मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख की सहायता
उपखंड अधिकारी ब्रह्मलाल जाट, विकास अधिकारी रामनिवास जाट, तहसीलदार गुरुप्रसाद तंवर, थानाधिकारी दिलीप सहल, सीओ कुचामन नगाराम चौधरी भी मौके पर पहुंचे।
मारोठ चिकित्सालय में मृतक महिलाओं के परिजनों और ग्रामीणों की भीड़ लग गई। नावां विधायक महेंद्र चौधरी ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि कलेक्टर से बात कर मृतकों के परिजनों को सीएम कोष से 1-1 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।