विश्व / मंगल की खतरनाक सतह पर उतरा NASA का पर्सिवियरेंस रोवर, देखें पहली फोटो

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' ने मंगल ग्रह पर पर्सीवरेंस रोवर उतारकर इतिहास रच दिया है। पर्सीवरेंस रोवर धरती से टेकऑफ करने के सात महीने बाद आज सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड हुआ है। नासा ने ये बड़ी कामयाबी भारतीय-अमेरिकी मूल की वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन की अगुवाई में हासिल की है। ये यान मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाशेगा।

Vikrant Shekhawat : Feb 19, 2021, 09:42 AM
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' ने मंगल ग्रह पर पर्सीवरेंस रोवर उतारकर इतिहास रच दिया है। पर्सीवरेंस रोवर धरती से टेकऑफ करने के सात महीने बाद आज सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड हुआ है। नासा ने ये बड़ी कामयाबी भारतीय-अमेरिकी मूल की वैज्ञानिक डॉ स्वाति मोहन की अगुवाई में हासिल की है। ये यान मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाशेगा।

नासा की इंजीनियर डॉ। स्वाति मोहन ने कहा, 'मंगल ग्रह पर टचडाउन की पुष्टि हो गई है! अब यह जीवन के संकेतों की तलाश शुरू करने के लिए तैयार है।' जब सारी दुनिया इस ऐतिहासिक लैंडिग को देख रही थी उस दौरान कंट्रोल रूम में स्वाति मोहन जीएन एंड सी सबसिस्टम और पूरी प्रोजेक्ट टीम के साथ कॉर्डिनेट कर रही थीं। भारतीय समय के अनुसार शुक्रवार तड़के करीब 2 बजकर 25 मिनट पर नासा के रोवर ने मंगल ग्रह पर लैंड किया।

क्या मंगल पर पहले कभी जीवन था या नहीं?

छह पहिए वाला यह उपकरण मंगल ग्रह पर जानकारी जुटाएगा और ऐसी चट्टानें लेकर आएगा जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकता है कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है। इस परियोजना के वैज्ञानिक केन विलिफोर्ड ने कहा, 'क्या हम इस विशाल ब्रह्मांड रूपी रेगिस्तान में अकेले हैं या कहीं और भी जीवन है? क्या जीवन कभी भी, कहीं भी अनुकूल परिस्थितियों की देन होता है?'