News18 : Apr 17, 2020, 02:37 PM
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Corona virus) के कारण दुनिया के कई देशों में लॉक डाउन (Lock Down) की स्थिति है। बहुत से लोगों को घर से ही काम (Work From) करना पड़ रहा है। जिसकी उनको आदत नहीं हैं। अमेरिका में भी कोरोना संकट बहुत गहरा है और वहां भी वर्क फ्रॉम होम की संस्कृति का चलन शुरू हो चुका है। इसमें नासा की वह टीम भी शामिल है जो मंगल पर गए रोवर पर काम कर रही है।
अमेरिका में हालात है बहुत कठिन
दुनिया में जहां इस समय करीब 21 लाख लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं तो वहीं एक लाख 35 हजार लोग मारे जा चुके हैं। वहीं अमेरिका में छह लाख संक्रमण और 28 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकीं हैं। इसके बाद भी नासा ने अपना काम प्रभावित नहीं होने दिया है। ऐसे में अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन चुका है।नासा इसका असर अपने काम पर नहीं होने दे रहा
नासा ने इन हालातों का अपने काम पर असर नहीं होने दिया है। उसके बहुत से वैज्ञानिक अनपे घर से काम कर रहे हैं। इसमें मार्स क्यूरियोसिटी रोवर के प्रोजेक्ट में लगे वैज्ञानिक भी शामिल हैं। मार्स क्यूरियोसिटी रोवर नवंबर 2011 में अंतरिक्ष में मंगल ग्रह के लिए प्रक्षेपित किया गया था। यह अगस्त 2012 में मंगल की धरती पर सफलतापूर्वक काम कर रहा है।पहली बार करना पड़ रहा है इस तरह से कामइसके सफलता पूर्वक लगातार काम करते रहने के लिए वैज्ञानिकों की पूरी एक टीम लगी हुई है। नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी के एक ब्लॉग पोस्ट में एक वैज्ञानिक ने लिखा है कि यह पहली बार है कि रोवर ऑपरेशन तब काम कर रहे हैं जब टीम के सदस्य एक दूसरे से दूर हैं। इन ऑपरेशन्स को सुचारू रूप से इस माहौल में चलाना कम चुनौतीपूर्ण नहीं है।इस तरह से हो रहा है काम
यह प्रोजक्ट सुचारू रूप से चलता रहे है इसके लिये वैज्ञानिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेक्ट संदेशों पर निर्भर हैं। हालांकि इससे समय कुछ ज्यादा लग रहा है, टीम का मानना का है वह उसी तरह से काम कर पा रही है जैसे पहले कर रही थी।यह काम करने पड़ते हैं टीम लीडर को
इस प्रोजेक्ट के साइंस ऑपरेशन टीम के प्रमुख कैरी ब्रिज ने कहा कि उन्हें दिन की योजना के लिए करीब 15 चैट चैनलों पर एक साथ निगारनी रखनी पड़ती है। और अंत में उन्हें ऑपरेशन्स चेक करने के लिए चार वीडियो कॉल्स एक साथ अटेंड करने पड़ते हैं।मंगल हमारे लिए नहीं रुका
कैरी ने कहती हैं, “यही नासा की खास बात है, हमें एक समस्या दी गई है और हमें इसे सुलझाने में लगे हैं, यह पता लगाने में लगे हैं कि चीजें कैसे काम करें। मंगल हमारे लिए नहीं रुका है। हमें अब भी खोजबीन में लगे हैं।“लंबी परियोजनाओं पर हो रहा है नासा में काम
गौरतलब है कि नासा अगले साल एक और रोवर मंगल भेजने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल इसके प्रक्षेपण की तारीख मार्च 2021 के अंतिम सप्ताह की है। इसके बाद नासा को कुछ ही सालों में इंसान को भी मंगल पर भेजना हैं। नासा के सारे प्रोजेक्ट एक दूसरे जुड़े हुए हैं। इसलिए इनमें देरी परेशानी पैदा कर सकती है।चांद के इस प्रोजेक्ट का संबंध भी तो है मंगल की परियोजनाओं से
इसके अलावा नासा की जल्दी है चांद पर भी बेस कैम्प बनाने की योजना है। नासा की पूरी तैयारी है कि जब मंगल ग्रह पर इंसान जाएंगे तो पृथ्वी पर लौटते समय वे चांद पर रुकेंगे। इस तरह से यह योजना भी कैरी की टीम के काम से प्रभावित हो सकती है।
अमेरिका में हालात है बहुत कठिन
दुनिया में जहां इस समय करीब 21 लाख लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं तो वहीं एक लाख 35 हजार लोग मारे जा चुके हैं। वहीं अमेरिका में छह लाख संक्रमण और 28 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकीं हैं। इसके बाद भी नासा ने अपना काम प्रभावित नहीं होने दिया है। ऐसे में अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन चुका है।नासा इसका असर अपने काम पर नहीं होने दे रहा
नासा ने इन हालातों का अपने काम पर असर नहीं होने दिया है। उसके बहुत से वैज्ञानिक अनपे घर से काम कर रहे हैं। इसमें मार्स क्यूरियोसिटी रोवर के प्रोजेक्ट में लगे वैज्ञानिक भी शामिल हैं। मार्स क्यूरियोसिटी रोवर नवंबर 2011 में अंतरिक्ष में मंगल ग्रह के लिए प्रक्षेपित किया गया था। यह अगस्त 2012 में मंगल की धरती पर सफलतापूर्वक काम कर रहा है।पहली बार करना पड़ रहा है इस तरह से कामइसके सफलता पूर्वक लगातार काम करते रहने के लिए वैज्ञानिकों की पूरी एक टीम लगी हुई है। नासा की जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी के एक ब्लॉग पोस्ट में एक वैज्ञानिक ने लिखा है कि यह पहली बार है कि रोवर ऑपरेशन तब काम कर रहे हैं जब टीम के सदस्य एक दूसरे से दूर हैं। इन ऑपरेशन्स को सुचारू रूप से इस माहौल में चलाना कम चुनौतीपूर्ण नहीं है।इस तरह से हो रहा है काम
यह प्रोजक्ट सुचारू रूप से चलता रहे है इसके लिये वैज्ञानिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और टेक्ट संदेशों पर निर्भर हैं। हालांकि इससे समय कुछ ज्यादा लग रहा है, टीम का मानना का है वह उसी तरह से काम कर पा रही है जैसे पहले कर रही थी।यह काम करने पड़ते हैं टीम लीडर को
इस प्रोजेक्ट के साइंस ऑपरेशन टीम के प्रमुख कैरी ब्रिज ने कहा कि उन्हें दिन की योजना के लिए करीब 15 चैट चैनलों पर एक साथ निगारनी रखनी पड़ती है। और अंत में उन्हें ऑपरेशन्स चेक करने के लिए चार वीडियो कॉल्स एक साथ अटेंड करने पड़ते हैं।मंगल हमारे लिए नहीं रुका
कैरी ने कहती हैं, “यही नासा की खास बात है, हमें एक समस्या दी गई है और हमें इसे सुलझाने में लगे हैं, यह पता लगाने में लगे हैं कि चीजें कैसे काम करें। मंगल हमारे लिए नहीं रुका है। हमें अब भी खोजबीन में लगे हैं।“लंबी परियोजनाओं पर हो रहा है नासा में काम
गौरतलब है कि नासा अगले साल एक और रोवर मंगल भेजने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल इसके प्रक्षेपण की तारीख मार्च 2021 के अंतिम सप्ताह की है। इसके बाद नासा को कुछ ही सालों में इंसान को भी मंगल पर भेजना हैं। नासा के सारे प्रोजेक्ट एक दूसरे जुड़े हुए हैं। इसलिए इनमें देरी परेशानी पैदा कर सकती है।चांद के इस प्रोजेक्ट का संबंध भी तो है मंगल की परियोजनाओं से
इसके अलावा नासा की जल्दी है चांद पर भी बेस कैम्प बनाने की योजना है। नासा की पूरी तैयारी है कि जब मंगल ग्रह पर इंसान जाएंगे तो पृथ्वी पर लौटते समय वे चांद पर रुकेंगे। इस तरह से यह योजना भी कैरी की टीम के काम से प्रभावित हो सकती है।