Vikrant Shekhawat : Mar 20, 2024, 08:28 AM
Russia-Ukraine: रूस और यूक्रेन की जंग जारी है। इसी बीच रूस की सेना में नेपाली युवक भी जाकर भर्ती हो गए हैं। लेकिन लगातार चल रही जंग में नेपालियों की मरने की खबरें भी आती रही हैं। ताजा मामले में एक दो नहीं, बल्कि 16 नेपालियों ने यूक्रेन की सेना से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी है। अब तक रूस यूक्रेन जंग में मारे गए नेपाली युवकों की संख्या 33 हो गई है। दरअसल, भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती पर नेपाल सरकार ने रोक लगा रखी है। लिहाजा ये युवक रूस जाकर वहां सेना में भर्ती हो रहे हैं। 16 नेपालियों की मौत के साथ ही रूस से बाहर किसी देश के लोगों की यूक्रेन से जंग में मौतों की यह सबसे बड़ी संंख्या है।नेपालियों की मौत पर नेपाल सरकार तुरंत हरकत में आ गई है। नेपाल सरकार ने रूस से अपने सैनिकों की वापसी की गुहार लगाई है। इस संबंध में नेपाल के विदेश मंत्रालय ने बाकायदा एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि मारे गए नेपालियों के परिवार के लोगों के डीएनए नमूने इकट्ठा किए जा रहे हैं। इन नमूनों को पहचान के लिए रूस भेजा जाएगा।जानिए क्या बोला नेपाल का विदेश मंत्रालय?नेपाली विदेश मंत्रालय के अनुसार नेपाल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नागरिकों को उन्हीं विदेशी सेना में भर्ती की अनुमति देता है, जिनके साथ उसने द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। सरकार ने पूर्व में जारी किए गए दो अलग-अलग नोटिस में अपने नागरिकों से कहा था कि वे कांसुलर मामलों के विभाग से 'अनापत्ति' पत्र लिए बिना रूस का दौरा न करें। वहीं 200 से अधिक परिवार ने रूसी सेना में सेवारत अपने रिश्तेदारों के बचाव के लिए कांसुलर विभाग में शिकायतें दर्ज की हैं। अब तक 116 घायल, कई हो गए लापतारूसी सेना में सेवारत नेपाली नागरिकों के परिवारों की ओर से एक अभियान का नेतृत्व करने वाले कीर्ति भंडारी ने गत दिनों अपने पोस्ट में बताया था कि 620 से अधिक नेपाली रूसी सेना में कार्यरत हैं। अब तक 116 नेपाली घायल हैं, 274 लापता हैं।नेपाल ने रूस से मांगा मुआवजानेपाली विदेश मंत्रालय के अनुसार नेपाली उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री काजी श्रेष्ठ ने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से रूस की आर्मी में काम कर रहे नेपाली युवकों के मसले पर बातचीत की। श्रेष्ठ ने मारे गए नेपालियों की स्वदेश वापसी में तेजी लाने, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने और रूस में काम कर रहे सैनिकों की वापसी की सुविधा देने का अनुरोध किया।