Vikrant Shekhawat : Aug 01, 2019, 03:12 PM
राज्यसभा ने मोटर वाहन(संशोधन) विधेयक,2019 पारित कर दिया है। इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय सड़क परिवहन,राजमार्ग और सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने संसद सदस्यो का धन्यवाद देते हुए कहा कि विधेयक का पारित होना उनके लिए अपार हर्ष का विषय है। इस संशोधन से सड़क सुरक्षा में सुधार होगा, आम नागरिको को परिवहन विभाग से काम करने में सुविधा होगी,ग्रामीण परिवहन और सार्वजनिक परिवहन मजबूत होगा और देश हर कोने तक आटोमेशन, कंप्यूटरीकरण और आनलाइन सेवाओ के द्वारा संपर्क बढेगा। उन्होंने दोहराया कि यह विधेयक किसी भी रूप में राज्य सरकार की शक्तियो और प्राधिकरणो में हस्तक्षेप नहीं करता है। विधेयक से देश में प्रभावी,सुरक्षित और भष्ट्राचार मुक्त परिवहन प्रणाली मिलेगी।विधेयक को तीन सरकारी संशोधनो के साथ पारित किया गया और इसे अब लोकसभा को वापिस भेजा जाएगा। लोकसभा ने 23 जुलाई,2019 को इस विधेयक को पारित किया था
विधेयक में प्रमुख संशोधन निम्नलिखित हैंसड़क सुरक्षासड़क सुरक्षा के क्षेत्र में नियमो का उल्लंघन करने वाले लोगो का निवारण करने के लिए दंडशुल्क में बढोत्तरी का प्रस्ताव किया गया है। नाबालिक लोगो के वाहन चलाने,बिना लाइसेंस के नशे में वाहन चलाने, बिना लाइसेंस के वाहन चलाने,गति-सीमा से अधिक चलाने, सीमा से अधिक माल ले लाने के संबंध में कठोर प्रावधान किए गए हैं। इससे साथ ही हेलमेट के प्रयोग करने के लिए कठोर प्रावधान करने के साथ-साथ नियमो का उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध इलेक्टोनिक पहचान करने का प्रावधान भी इस विधेयक में किया गया है। मोटर वाहनों से संबधित दंडशुल्क में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।वाहनो की दुरूस्तीविधेयक में वाहनो के लिए स्वचालित दुरूस्ती का प्रावधान किया गया है। इससे परिवहन विभाग में भष्ट्राचार कम करने के साथ-साथ वाहनो की सड़क में पात्रता में बढोत्तरी होगी। विधेयक में दोषयुक्त वाहनो को आवश्यक रूप से वापिस बुलाने और वाहन कंपनियो की अनियमितता की जांच करने संबंधी शक्तियो का प्रावधान भी किया गया है।वाहनो को वापिस बुलाना विधेयक में वाहनो में दोष के कारण पर्यावरण,चालक या अन्य सड़क इस्तेमाल करने वाले लोगो को होने वाले नुकसान के चलते केंद्र सरकार को ऐसे वाहन वापिस बुलाने का आदेश देने की अनुमति दी गई है।सड़क सुरक्षा बोर्डविधेयक में केंद्र सरकार द्वारा एक अधिसूचना के तहत बनाए जाने वाले राष्ट्रीय रोड सुरक्षा बोर्ड का प्रावधान भी किया गया है। बोर्ड केंद्र और राज्य सरकारो को सड़क सुरक्षा के सभी प्रावधानो और मोटर वाहनों के मानको,वाहनो के पंजीकरण और लाइसेंस देने,सड़क सुरक्षा के मानक और नई वाहन प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन सहित यातायात प्रबंधन संबंधी विषयो पर सुझाव देगा।दुर्घटना में मदद करने वाले लोगो का संरक्षणसड़क दुर्घटना में घायल लोगो की मदद करने के लिए विधेयक में मदद करने वाले लोगो के संबंध में दिशा-निर्देश सम्मिलित किए गए हैं।दुर्घटना के बाद नाजुक समय के दौरान नकदीरहित उपचारविधेयक में दुर्घटना के बाद नाजुक समय में नकदी रहित उपचार की योजना का प्रावधान किया गया हैतृतीय पक्षीय बीमाविधेयक में चालक के परिचाल को तृतीय पक्ष बीमा में शामिल किया गया है। बीमा राहत राशि में दस गुना बढोत्तरी कर इसे 50 हजार रूपए से बढाकर 5 लाख रूपए किया गया है। दावा प्रकिया को सरल बनाया गया है। यदि पीडित का परिवार 5 लाख रूपए की राहत राशि स्वीकार करने को राजी हो जाता है तो बीमा फर्म को 1 माह के भीतर दावे का भुगतान करना होगा। विधेयक में दुर्घटना कर भाग जाने के स्थिति में मृत्यु होने पर न्यूनतम राहत राशि 25 हजार रूपए से बढाकर दो लाख रूपए करने और गंभीर चोट लगने पर 12 हजार पांच सौ रुपए से बढाकर पचास हजार रूपए करने का प्रावधान है।मोटर वाहन दुर्घटना निधिविधेयक में भारत में सड़क का प्रयोग करने वाले सभी लोगो को अनिवार्य बीमा कवर देने के लिए केंद्र सरकार को मोटर वाहन दुर्घटना निधि गठित करनी होगी।ई-सुशासन के द्वारा सेवाओं में सुधारई-सुशासन के द्वारा सेवाओ में सुधार करना इस विधेयक का प्रमुख उद्देश्य हैइसमें निम्नलिखित सम्मिलित हैआनलाइन वाहन लाइसेंस का प्रावधान विधेयक में फर्जी वाहन लाइसेंस से बचने के लिए आनलाइन लर्नर लाइसेंस केस के साथ आवश्यक आनलाइन पहचान चालक परीक्षण का प्रावधान किया गया है।वाहनो के पंजीकरण की प्रकियानए वाहनो के पंजीकरण में सुधार करने के लिए डीलर द्वारा पंजीकरण को बढावा दिया जाएगा और अस्थायी पंजीकरण पर रोक लगाई जाएगी।चालक प्रशिक्षणचालक प्रशिक्षण प्रक्रिया को मजबूत कर परिवहन लाइसेंस की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इससे देश में व्यवसायिक वाहन चालको की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। अधिक से अधिक वाहन चालक स्कूल और दुरूस्ती केंद्र खोले जाएंगे।परिवहन प्रणाली में सुधारराष्ट्रीय परिवहन नीति से एकीकृत परिवहन प्रणाली का विकास संभव हो सकेगा।ट्रैक्सी संचालकविधेयक में ट्रैक्सी संचालक के लिए दिशा-निर्देशो का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में कई राज्यो में ट्रैक्सी संचालक के नियमन के लिए किसी दिशा-निर्देश का प्रावधान नहीं है ड्राइविंग लाइसेंस में सुधारविधेयक में आनलाइन सीखने वाले लाइसेंस की व्यवस्था की गई है। विधेयक से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पारदर्शिता आएगी। व्यवसायिक लाइसेंस अब तीन वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष के लिए प्रभावी होंगे।वाहन पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधारवाहन के मालिक देश भर में कहीं भी अपने वाहन का पंजीकरण करा सकते हैं और पंजीकरण की प्रक्रिया डीलर द्वारा की जाएगी।परिवहन प्रणाली में सुधारराष्ट्रीय परिवहन नीति द्वारा एकीकृत परिवहन प्रणाली का विकास संभव हो सकेगा। विधेयक में टैक्सी संचालको के लिए दिशानिर्देश का प्रावधान किया गया है।This historic day we mark India's path towards safe and secure mobility pic.twitter.com/31RZlW8J6n
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 31, 2019