पंजाब में टल गए विधानसभा चुनाव / रविदास जयंती के चलते 14 फरवरी को वोटिंग नहीं, चुनाव आयोग ने कहा- 20 फरवरी को सभी सीटों पर होगा मतदान

पंजाब में विधानसभा चुनाव टाल दिए गए हैं। रविदासजी की जयंती के चलते अब पंजाब में 14 फरवरी को वोट नहीं पड़ेंगे। 20 फरवरी को सभी 117 सीटों पर मतदान होगा। 16 फरवरी को श्री गुरु रविदास जी की जयंती है। जिसके चलते पंजाब से लाखों श्रद्धालु गुरु के जन्मस्थान के दर्शन के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस में जाते हैं। ऐसे में चुनाव टालने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग से अपील की थी।

Vikrant Shekhawat : Jan 17, 2022, 03:00 PM
पंजाब में विधानसभा चुनाव टाल दिए गए हैं। रविदासजी की जयंती के चलते अब पंजाब में 14 फरवरी को वोट नहीं पड़ेंगे। 20 फरवरी को सभी 117 सीटों पर मतदान होगा। 16 फरवरी को श्री गुरु रविदास जी की जयंती है। जिसके चलते पंजाब से लाखों श्रद्धालु गुरु के जन्मस्थान के दर्शन के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस में जाते हैं। ऐसे में चुनाव टालने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग से अपील की थी। कहा था कि करीब 20 लाख आबादी को मतदान से जुड़ी दिक्कत हो सकती है।

13 से UP रवाना होंगे श्रद्धालु

पंजाब में 32% अनुसूचित जाति भाईचारा है। 16 फरवरी को श्री गुरु रविदास जी की 645वीं जयंती है। ऐसे में लाखों लोग उनके जन्मस्थान गोवर्धनपुर जाते हैं। यह स्थान उत्तर प्रदेश के बनारस में है। जयंती के दिन दर्शन की इच्छा से पंजाब के लोग 13-14 फरवरी को ही स्पेशल ट्रेनों के जरिए पंजाब से रवाना हो जाएंगे। लोग 16 के एक-दो दिन बाद तक वापस लौटते रहेंगे। ऐसे में वह मतदान में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

यह पार्टियां लिख चुकीं पत्र

पंजाब में चुनाव की तारीख टालने की मांग सबसे पहले बहुजन समाज पार्टी ने उठाई। बसपा के पंजाब प्रधान जसबीर गढ़ी ने कहा कि यह तारीख 20 फरवरी की जानी चाहिए। इसके बाद कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने पत्र लिखकर चुनाव टालने को कहा। हालात देख भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव ढींढसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने भी चुनाव टालने की मांग की है।

अब समुदाय भी विरोध में था

पंजाब का दोआबा क्षेत्र और खासकर जालंधर में श्री गुरु रविदास जी के सबसे ज्यादा श्रद्धालु हैं। वह भी चुनाव की तारीख के विरोध में थे। श्रद्धालुओं का कहना है कि वह लोकतंत्र के इस अहम पड़ाव में योगदान देना चाहते हैं, लेकिन आयोग की दूरदर्शिता में कमी की वजह से वह वोट देने से वंचित रह सकते हैं। इसी वजह से श्रद्धालुओं ने वोटिंग की तारीख को एक हफ्ते के लिए टालने की अपील की थी।