Coronavirus / अब अफगानिस्तान भी हुआ PM मोदी का कद्रदान, ट्वीट कर बताया भारत से उसे क्या-क्या मिला

कोरोना वायरस लड़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन करने के साथ-साथ भारत दूसरे देशों के लिए उम्मीद की किरण बना हुआ है। इस संकट की घड़ी में भारत की तरफ से अमेरिका सहित कई देशों को मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन भेजी जा चुकी है। इस बीच, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ‘मदद’ के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया है।

Zee News : Apr 21, 2020, 08:09 AM
Coronavirus: कोरोना वायरस (Coronavirus) से लड़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन करने के साथ-साथ भारत दूसरे देशों के लिए उम्मीद की किरण बना हुआ है। इस संकट की घड़ी में भारत (India) की तरफ से अमेरिका सहित कई देशों को मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन भेजी जा चुकी है। 

इस बीच, अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ‘मदद’ के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का शुक्रिया अदा किया है। गौरतलब है कि नई दिल्ली ने अफगानिस्तान को दवा और खाद्य सामग्री भेजी थी। इसके जवाब में अशरफ गनी ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है। अपने ट्वीट में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने लिखा है, ‘प्रिय मित्र नरेंद्र मोदी, हमें 500K (5 लाख) हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन टेबलेट, 100K (एक लाख) पैरासीटामोल टैबलेट और 75,000 मीट्रिक गेंहू भेजने के लिए धन्यवाद। गेंहू की पहली खेप जल्द ही अफगान के लोगों के लिए पहुंच जाएगी’।

अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने उपलब्धता के आधार पर आगे भी मदद के भारत के आश्वासन पर ख़ुशी प्रकट करते हुए कहा, ‘भारत में उपलब्धता बढ़ने पर दवा और उपकरणों सहित अन्य आवश्यक सामग्री भेजने की प्रतिबद्धता के लिए मैं आपका पुन: धन्यवाद करना चाहता हूँ। Covid-19 के मुश्किल दौर में, दोस्तों के बीच मजबूत सहयोग हमें इस संकट से लड़ने और अपने लोगों को उससे बचाने के लिए बेहतर ढंग से तैयार करेगा’।

पीएम मोदी ने दिया जवाब

प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी के ट्वीट परप्रतिक्रिया व्यक्ति करते हुए लिखा है, ‘भारत और अफगान कई मायनों में खास मित्र हैं। जिस तरह से हम संयुक्त रूप से आतंकवाद से लड़ रहे हैं, ठीक वैसे ही हम कोरोना के खिलाफ भी एकजुटता से लड़ेंगे’। गौरतलब है कि भारत अब तक कई देशों को दवा सहित अन्य जरूरी सामान भेज चुका है। जानकारी के अनुसार, भारत ने ऐसे 55 देशों की सूची तैयार की है, जिन्हें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन भेजनी है।