अमेरिका / कोरोना से निपटने को लेकर ट्रंप पर भड़के ओबामा, लीक ऑडियो कॉल से हुआ खुलासा

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कोरोना वायरस से निपटने में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा है। ओबामा ने कहा है कि अमेरिका में पूरी तरह से अराजक आपदा फैली है। अमेरिका को कोरोना वायरस ने बुरी तरह से अपनी चपेट में लिया है। यहां वायरस संक्रमण के साथ मौत के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। अमेरिका में वायरस संक्रमण के मामले 13 लाख के पार चले गए हैं।

News18 : May 10, 2020, 07:49 AM
वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर निशाना साधा है। ओबामा ने कहा है कि अमेरिका में पूरी तरह से अराजक आपदा फैली है।

अमेरिका को कोरोना वायरस ने बुरी तरह से अपनी चपेट में लिया है। यहां वायरस संक्रमण के साथ मौत के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। अमेरिका में वायरस संक्रमण के मामले 13 लाख के पार चले गए हैं। वायरस की चपेट में आकर यहां 80 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। ओबामा ने अमेरिका के इस हालात के लिए ट्रंप पर हमला बोला है।

ओबामा का वेब कॉल हुआ लीक

बराक ओबामा का ट्रंप पर निशाना साधने वाला एक वेब कॉल लीक हुआ है। जिसके बाद ये जानकारी सामने आई है। बराक ओबामा वेब कॉल में अपने प्रशासन के कुछ पूर्व सहयोगियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ये भी कहा है कि न्याय विभाग का ट्रंप के पूर्व रक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन पर लगे आरोपों को हटाने के फैसले ने अमेरिकी कानून को खतरे में डाल दिया है। माइकल फ्लिन को रूस के मामले में एफबीआई के सामने झूठ बोलने का आरोपी पाया गया था।

याहू न्यूज को ओबामा का वेब कॉल हासिल हुआ है। इसमें ओबामा अपने पूर्व स्टाफर से कह रहे हैं कि वो सब जो बिडेन की जीत के लिए एकसाथ आएं। अमेरिका में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए जो बिडेन, मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनौती देने वाले है।

कोरोना से निपटने में ट्रंप प्रशासन रहा है फेल

कोरोना वायरस से निपटने में ट्रंप प्रशासन के तौर तरीकों की आलोचना की जा रही है। उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि महामारी से निपटने में ट्रंप प्रशासन पूरी तरह से फेल रहा है। देश की हालत इतनी बुरी हो गई है कि जरूरी मेडिकल उपकरणों की कमी तक पड़ गई है और उसे बाहर के देशों से मंगवाना पड़ रहा है।

आलोचक कह रहे हैं कि पहले तो डोनाल्ड ट्रंप ने महामारी से निपटने में देरी की। फरवरी में जब अमेरिका में वायरस का संक्रमण फैला तो ट्रंप प्रशासन ने न टेस्टिंग किट को स्टॉक किया और न ही दूसरे मेडिकल उपकरणों और महामारी से निपटने की रणनीति बनाने के लिए कुछ किया।

आलोचक कह रहे हैं कि महामारी से ज्यादा ट्रंप को आने वाले राष्ट्रपति चुनाव की फिक्र है। इसलिए वो जल्दी से जल्दी देश को खोलना चाहते हैं। इसके लिए कोई ब्लू प्रिंट तैयार नहीं किया गया है कि देश को खोलने पर कम से कम खतरा हो।ट

ओबामा ने कहा है कि हम इस लड़ाई को स्वार्थी होकर लड़ रहे हैं, हम पुराने तौर तरीके अपना रहे हैं, बंटे हुए हैं और एकदूसरे को दुश्मन की तरह देख रहे हैं। अमेरिकी जीवन का यही सबसे मजबूत पहलू गया है। यही वजह है कि पूरी दुनिया के इस संकट से निपटने की क्षमता इतनी कमजोर और बिखरा हुआ है।

ओबामा ने कहा है कि ये सबसे अच्छी सरकारों के लिए भी बुरा होता। इस मानसिकता की वजह से पूरी तरह से अराजक आपदा का सामना करना पड़ रहा है। अगर सरकार इस तरह से काम करने लगे कि मेरे लिए क्या है और बाकी लोगों ऐसे ही छोड़ दे तो क्या होगा।