Vikrant Shekhawat : Jul 16, 2021, 09:05 AM
बीजिंग: भारत द्वारा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सीमा विवाद के मामले में सख्त संदेश देने के बाद बृहस्पतिवार को चीन ने कहा है कि हम उन मामलों का आपस में स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए तैयार हैं, जिन्हें वार्ता के जरिए तुरंत सुलझाए जाने की जरूरत है। चीन के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को अपनी वेबसाइट पर दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन के एक सम्मेलन से इतर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई वार्ता के संबंध में बयान पोस्ट किया है। मंत्रालय के मुताबिक, वांग यी ने कहा कि भारत और चीन के संबंध निचले स्तर पर बने हुए हैं, जबकि गलवां घाटी एवं पैंगोंग झील से सैनिकों की वापसी के बाद सीमा पर हालात आमतौर पर सुधर रहे हैं।दोनों देशों के संबंधों के निचले स्तर पर होना किसी के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, भारत से संबंधों पर चीन के रणनीतिक रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। चीन-भारत संबंध एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं, बल्कि एक-दूसरे के लिए विकास के अवसर होने चाहिए। दोनों देश साझेदार हैं। वे प्रतिद्वंद्वी और दुश्मन नहीं हैं। हालांकि, चीन ने अपने पुराने रुख को दोहराया कि वह अपने देश से लगी भारत की सीमा पर स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं है।दरअसल, जयशंकर ने वांग के साथ बैठक में स्पष्ट रूप से कहा था कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति के लंबा खिंचने से द्विपक्षीय संबंधों पर स्पष्ट रूप से नकारात्मक असर पड़ रहा है। जयशंकर ने वांग से कहा कि एलएसी पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं है और पूर्वी लद्दाख में शांति की पूर्ण बहाली के बाद ही संबंध समग्र रूप से विकसित हो सकते हैं।मतभेदों को हल करने के लिए अनुकूल माहौल बनेचीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वांग ने कहा कि दोनों पक्षों को सीमा संबंधी मामले को द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थान पर रखना चाहिए और द्विपक्षीय सहयोग के सकारात्मक पहलुओं को विस्तार देकर वार्ता के जरिए मतभेदों के हल के अनुकूल माहौल पैदा करना चाहिए। इनमें सैनिकों के पीछे हटने के कारण मिली उपलब्धियों को आगे बढ़ाना, दोनों पक्षों के बीच बनी सर्वसम्मति एवं समझौते का सख्ती से पालन करना, संवेदनशील विवादास्पद क्षेत्रों में कोई एकतरफा कदम उठाने से बचना और गलतफहमी के कारण पैदा हुए हालत को फिर से पैदा होने से रोकना महत्वपूर्ण है।द्विपक्षीय रिश्तों के आडे़ न आएं सीमा संबंधी घटनाएंवांग ने कहा, हमें दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। हमें आपात प्रबंधन से सामान्य सीमा प्रबंधन एवं नियंत्रण तंत्र में स्थानांतरण की आवश्यकता है। साथ ही द्विपक्षीय रिश्तों में अनावश्यक रूप सेसीमा संबंधी घटनाओं को आडे़ नहीं आने देना चाहिए।हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग में गतिरोध कायमचीन ने गलवां घाटी और पैंगोंग झील से अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है, लेकिन पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और डेपसांग जैसे टकराव के अन्य क्षेत्रों से बलों को हटाने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। इन जगहों पर गतिरोध अब भी कायम है।