Vikrant Shekhawat : Nov 02, 2020, 06:18 AM
Delhi: भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने की घोषणा का विरोध किया है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत सरकार ने अवैध और जबरन कब्जे के तहत भारतीय क्षेत्र के हिस्से में सामग्री परिवर्तन लाने के पाकिस्तान के प्रयास को दृढ़ता से अस्वीकार कर दिया और पाकिस्तान को इन अवैध व्यवसायों को तुरंत खाली करना चाहिए।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान के अवैध और जबरन कब्जे के तहत अंतरिम प्रांत का दर्जा देने का विरोध करती है। उन्होंने कहा, 'मैं फिर से कहता हूं कि गिलगित-बाल्टिस्तान सहित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न अंग हैं।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे की आलोचना करते हुए कहा कि 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत के वैध और पूर्ण विलय के कारण, पाक सरकार को जबरन कब्जे वाले क्षेत्र में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तान के इस तरह के प्रयास मानवाधिकारों के उल्लंघन और पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ पिछले सात दशकों से स्वतंत्रता से वंचित नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इन भारतीय क्षेत्रों की स्थिति बदलने के बजाय, सभी अवैध कब्जों को तुरंत हटा देना चाहिए।अंतरिम प्रांत का दर्जाइससे पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अंतरिम प्रांत का दर्जा देने की घोषणा की। पीएम इमरान ने गिलगिट में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान सरकार के फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की संप्रभुता और एकजुटता को बनाए रखने के लिए एक मजबूत सेना होना बहुत जरूरी है।ऐसा माना जाता है कि प्रधानमंत्री इमरान ने यह घोषणा विपक्षी मोर्चे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीपी) के हमले के बाद अपनी सरकार के बचाव के बारे में की है। पाकिस्तान में कुल 11 राजनीतिक दलों ने सितंबर 2020 में लोकतंत्र की बहाली की मांग के साथ पाकिस्तान डेमोक्रेटिक आंदोलन नामक एक मोर्चा बनाया है और यह इमरान सरकार पर लगातार हमलावर है।
इमरान सरकार ने कुछ दिन पहले ही इस क्षेत्र में चुनाव कराने की घोषणा की थी। हालांकि, भारत ने इस घोषणा के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। नवंबर के महीने में होने वाले चुनावों के बारे में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में चुनाव कराकर भारत के हिस्से पर अवैध कब्जा नहीं कर सकता। चुनाव कराने का निर्णय सीधे तौर पर वहां के लोगों के लिए मानवाधिकारों के उल्लंघन और शोषण का गंभीर मामला है।विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हमें रिपोर्ट मिली है कि 15 नवंबर 2020 को गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान पर कड़ी आपत्ति जताई है। हमने पाकिस्तान सरकार के सामने अपनी बात दोहराई है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से जुड़ा पूरा इलाका भारत का है। इसके तहत गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांत भी भारत के हिस्से में आता है। पाकिस्तान को भारत के इस क्षेत्र पर अवैध रूप से और बलपूर्वक कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है।Please see our statement on Pakistan Government’s decision to accord “provisional provincial status” to the so-called “Gilgit-Baltistan” : pic.twitter.com/8XzPT0aSFH
— Anurag Srivastava (@MEAIndia) November 1, 2020