AajTak : Aug 04, 2020, 03:37 PM
Delhi: दर्द की दवा जैसे कि Paracetamol, Ibuprofen और Aspirin क्रोनिक पेन (कई हफ्तों तक शरीर में होने वाला दर्द जिससे रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित होने लगते हैं) की स्थिति में फायदा पहुंचाने से कहीं अधिक नुकसान कर सकती हैं। ब्रिटेन सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों ने ये बात कही है। ब्रिटेन के National Institute for Health and Care Excellence (NICE) ने नई गाइडलाइन ड्राफ्ट की है और डॉक्टरों से अपील की है कि क्रोनिक पेन के मरीजों को ये दवा न दें
NICE का कहना है कि क्या ये दवा मरीज का स्वास्थ्य बेहतर करती हैं, दर्द या मानसिक तकलीफ कम करती हैं, इसको लेकर न के बराबर सबूत मिले हैं। लेकिन इस बात के प्रमाण जरूर मिले हैं कि ये दवा नुकसान पहुंचा सकती हैं, जैसे कि मरीज को इनकी लत लग सकती है।ब्रिटेन की एक तिहाई से लेकर आधी आबादी के क्रोनिक पेन से प्रभावित होने का आकलन किया गया है। ऐसे लोगों में से आधे लोग डिप्रेशन के भी शिकार रहे हैं और इनमें से दो तिहाई इसकी वजह से काम करने में भी असमर्थ रहे हैं। गाइडलाइन में कहा गया है कि मुख्य तौर से क्रोनिक पेन से जूझ रहे लोगों को कुछ Antidepressants दी जा सकती हैं।ड्राफ्ट गाइडलाइन का कहना है कि Paracetamol वाली दवाइयां जैसे कि Aspirin, Ibuprofen, Benzodiazepines या Opioids मरीजों को नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे मदद मिलने के सबूत नहीं हैं। NICE के सेंटर फॉर गाइडलाइंस के डायरेक्टर पॉल क्रिस्प का कहना है कि पहले यह समझना जरूरी है कि क्रोनिक पेन किस तरीके से व्यक्ति की जिंदगी प्रभावित कर रही है। इसके आधार पर बेहतर केयर प्लान तय किया जा सकता है।वहीं, ड्राफ्ट गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि इस टॉपिक पर और अधिक रिसर्च की जरूरत है ताकि अन्य संभावित ट्रीटमेंट की तलाश की जा सके। इससे पहले ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैन्कॉक कह चुके हैं कि डॉक्टरों की ओर से दर्द की दवा, नींद की दवा और Anti-depressant देने का ट्रेंड बढ़ने से वे काफी चिंतित हैं।
NICE का कहना है कि क्या ये दवा मरीज का स्वास्थ्य बेहतर करती हैं, दर्द या मानसिक तकलीफ कम करती हैं, इसको लेकर न के बराबर सबूत मिले हैं। लेकिन इस बात के प्रमाण जरूर मिले हैं कि ये दवा नुकसान पहुंचा सकती हैं, जैसे कि मरीज को इनकी लत लग सकती है।ब्रिटेन की एक तिहाई से लेकर आधी आबादी के क्रोनिक पेन से प्रभावित होने का आकलन किया गया है। ऐसे लोगों में से आधे लोग डिप्रेशन के भी शिकार रहे हैं और इनमें से दो तिहाई इसकी वजह से काम करने में भी असमर्थ रहे हैं। गाइडलाइन में कहा गया है कि मुख्य तौर से क्रोनिक पेन से जूझ रहे लोगों को कुछ Antidepressants दी जा सकती हैं।ड्राफ्ट गाइडलाइन का कहना है कि Paracetamol वाली दवाइयां जैसे कि Aspirin, Ibuprofen, Benzodiazepines या Opioids मरीजों को नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे मदद मिलने के सबूत नहीं हैं। NICE के सेंटर फॉर गाइडलाइंस के डायरेक्टर पॉल क्रिस्प का कहना है कि पहले यह समझना जरूरी है कि क्रोनिक पेन किस तरीके से व्यक्ति की जिंदगी प्रभावित कर रही है। इसके आधार पर बेहतर केयर प्लान तय किया जा सकता है।वहीं, ड्राफ्ट गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि इस टॉपिक पर और अधिक रिसर्च की जरूरत है ताकि अन्य संभावित ट्रीटमेंट की तलाश की जा सके। इससे पहले ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैन्कॉक कह चुके हैं कि डॉक्टरों की ओर से दर्द की दवा, नींद की दवा और Anti-depressant देने का ट्रेंड बढ़ने से वे काफी चिंतित हैं।