News18 : Jun 10, 2020, 04:12 PM
मनीला। फिलीपींस (Philippines) बच्चों की पॉर्न इंडस्ट्री (Child Porn Industry) और और बच्चों के ऑनलाइन सेक्स रैकेट के लिए दुनिया भर में कुख्यात है। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के चलते अब फिलीपींस में लॉकडाउन जारी है जिसका सीधा फायदा इस बदनाम इंडस्ट्री को हो रहा है। गरीबी और भुखमरी से हालात इतने खराब हो गए हैं कि सिर्फ 10 ब्रिटिश पाउंड करीब 960 रुपए के लिए माता-पिता अपने ही बच्चों का यौन शोषण कर उनकी ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं।
द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलीपींस से जारी इस तरह की लाइव स्ट्रीमिंग और चाइल्ड पॉर्न की मांग ब्रिटेन में सबसे ज्यादा है। लॉकडाउन के बाद फिलीपींस में ज्यादातर काम-धंधा बंद है ऐसे में माता-पिता अपने ही बच्चों के साथ यौन शोषण कर रहे हैं। बता दें कि बीते दिनों में एक ऐसा परिवार सामने आया है जिसमें माता-पिता मिलकर अपने 5 बच्चों के साथ लाइव इंटरनेट पर शोषण कर रहे थे जिसके बदले उन्हें हर घंटे करीब 1000 रुपए की कमाई हो रही थी। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस परिवार में सबसे छोटा बच्चा सिर्फ 3 साल का है और उसके साथ भी यौन दुर्व्यवहार को इंटरनेट पर लाइव देखने वालों की बड़ी संख्या थी। लॉकडाउन के दौरान फिलीपींस कि इस बदनाम इंडस्ट्री ने तीन गुना ग्रोथ दर्ज की है।
यूके की क्राइम एजेंसी ढूंढ रही है सुरागइन वीडियो की ब्रिटेन में सबसे ज्यादा मांग होने के कहते अब ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए सक्रिय हो गयी है। इसके आलावा अमेरिकी एजेंसी एफबीआई और यूरोपोल भी इन मामलों की जांच कर रहीं हैं। इंटरनेट वाच फाउंडेशन के मुताबिक सिर्फ ब्रिटेन में लॉकडाउन के दौरान करीब 9 करोड़ लोगों ने इस तरह की चाइल्ड पॉर्न देखने के लिए सर्च किया है। ब्रिटेन में बच्चों की लाइव पॉर्न के लिए सर्च सबसे ज्यादा है। इसके लिए सिर्फ 10 ब्रिटिश पाउंड से लेकर 30 ब्रिटिश पाउंड का भुगतान करना होता है।नेशनल क्राइम एजेंसी के चीफ जॉन टनागो के मुताबिक इंटरनेशनल जस्टिस मिशन ने बीते 5 सालों में सेक्स ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों को बड़ी संख्या में फिलीपींस से रेस्क्यू किया है। दुनिया भर के देशों में लॉकडाउन के चलते इस इंडस्ट्री में अचानक बूम देखा जा रहा है जो कि इन बच्चों के भविष्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। जॉन ने बताया कि फिलीपींस में चाइल्ड सेक्स-पॉर्न इंडस्ट्री सबसे बड़ी है और यहां लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक वीडियो या फिर लाइव कंटेंट सस्ते में आसानी से उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि इनके ग्राहकों में ज्यादातर पश्चिमी देशों के लोग ही शामिल हैं। सारा भुगतान ऑनलाइन होता है और इसके लिए कई तरह की फेक पेमेंट वेबसाइट बनायीं गयी हैं।
द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलीपींस से जारी इस तरह की लाइव स्ट्रीमिंग और चाइल्ड पॉर्न की मांग ब्रिटेन में सबसे ज्यादा है। लॉकडाउन के बाद फिलीपींस में ज्यादातर काम-धंधा बंद है ऐसे में माता-पिता अपने ही बच्चों के साथ यौन शोषण कर रहे हैं। बता दें कि बीते दिनों में एक ऐसा परिवार सामने आया है जिसमें माता-पिता मिलकर अपने 5 बच्चों के साथ लाइव इंटरनेट पर शोषण कर रहे थे जिसके बदले उन्हें हर घंटे करीब 1000 रुपए की कमाई हो रही थी। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस परिवार में सबसे छोटा बच्चा सिर्फ 3 साल का है और उसके साथ भी यौन दुर्व्यवहार को इंटरनेट पर लाइव देखने वालों की बड़ी संख्या थी। लॉकडाउन के दौरान फिलीपींस कि इस बदनाम इंडस्ट्री ने तीन गुना ग्रोथ दर्ज की है।
यूके की क्राइम एजेंसी ढूंढ रही है सुरागइन वीडियो की ब्रिटेन में सबसे ज्यादा मांग होने के कहते अब ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए सक्रिय हो गयी है। इसके आलावा अमेरिकी एजेंसी एफबीआई और यूरोपोल भी इन मामलों की जांच कर रहीं हैं। इंटरनेट वाच फाउंडेशन के मुताबिक सिर्फ ब्रिटेन में लॉकडाउन के दौरान करीब 9 करोड़ लोगों ने इस तरह की चाइल्ड पॉर्न देखने के लिए सर्च किया है। ब्रिटेन में बच्चों की लाइव पॉर्न के लिए सर्च सबसे ज्यादा है। इसके लिए सिर्फ 10 ब्रिटिश पाउंड से लेकर 30 ब्रिटिश पाउंड का भुगतान करना होता है।नेशनल क्राइम एजेंसी के चीफ जॉन टनागो के मुताबिक इंटरनेशनल जस्टिस मिशन ने बीते 5 सालों में सेक्स ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चों को बड़ी संख्या में फिलीपींस से रेस्क्यू किया है। दुनिया भर के देशों में लॉकडाउन के चलते इस इंडस्ट्री में अचानक बूम देखा जा रहा है जो कि इन बच्चों के भविष्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। जॉन ने बताया कि फिलीपींस में चाइल्ड सेक्स-पॉर्न इंडस्ट्री सबसे बड़ी है और यहां लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक वीडियो या फिर लाइव कंटेंट सस्ते में आसानी से उपलब्ध कराया जाता है। हालांकि इनके ग्राहकों में ज्यादातर पश्चिमी देशों के लोग ही शामिल हैं। सारा भुगतान ऑनलाइन होता है और इसके लिए कई तरह की फेक पेमेंट वेबसाइट बनायीं गयी हैं।