देश / संसद में 107 घंटों की बजाय केवल 18 घंटे हुआ काम, करदाताओं के ₹133 करोड़ बर्बाद: रिपोर्ट

मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि संसद के मॉनसून सत्र के पहले दो हफ्तों में संसद में 107 की बजाय 18 घंटे काम हुआ जिसके परिणामस्वरूप करदाताओं के ₹133 करोड़ बर्बाद हुए। बतौर रिपोर्ट्स, लोकसभा में सदन की कार्रवाई 54 के बजाय 7 घंटे जबकि राज्यसभा में 53 के बजाय 11 घंटे काम हुआ।

Vikrant Shekhawat : Aug 01, 2021, 05:15 PM
नई दिल्ली: पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुद्दों लेकर पिछले कई दिने से संसद में चल रहे गतिरोध बीच सरकारी सूत्रों ने शनिवार को कहा कि अब तक संसद की कार्यवाही कुल निर्धारित 107 घंटे में से सिर्फ 18 घंटे ही चल पाई तथा इस व्यवधान से करदाताओं के 133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

सूत्रों ने बताया कि 19 जुलाई से आरंभ हुए संसद के मानसून सत्र में अब तक करीब 89 घंटे हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं. मौजूदा सत्र 13 अगस्त तक चलना है. आधिकारिक सूत्रों की ओर से साझा किए गए विवरण के अनुसार, राज्यसभा की कार्यवाही तय समय का सिर्फ करीब 21 प्रतिशत ही चल सकी तो लोकसभा की कार्यवाही तय समय का 13 प्रतिशत ही चल पाई.

उन्होंने कहा कि लोकसभा को 54 घंटों में से सात घंटे से भी कम चलने दिया गया. राज्य सभा को 53 घंटों की अवधि में से 11 घंटे ही चलने दिया गया है. संसद अब तक 107 घंटे के निर्धारित समय में से सिर्फ 18 घंटे (16.8 प्रतिशत) ही चल पाई है. सूत्रों ने यह भी बताया कि इस व्यवधान से सरकारी खजाने को 133 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है.

पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. उन्नीस जुलाई से मानसून सत्र आरंभ हुआ था, लेकिन अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही लगभग बाधित रही है.

विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.