News18 : Jan 04, 2020, 04:12 PM
नई दिल्ली। इस डिजिटल पेमेंट (Digtial Payment) के दौर में अगर आप भी पेटीएम, गूगल पे (Google Pay) या अन्य तरीकों से भुगतान करते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। कुछ जरूरी बातों को ध्यान नहीं रखने पर आपके मेहनत की कमाई पर कोई और हाथ साफ कर जाएगा। डिजिटल पेमेंट का एक ऐसा ही मामला थाणे से आया है, जहां एक शख्य से ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) के जरिए 1 लाख रुपये क चूना लगा है।फर्नीचर खरीदने के बहाने में किया फ्रॉड
थाणे पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि एक ऑनलाइन पेमेंट गेटवे (Online Payment Gateway) के माध्यम से एक शख्स के साथ 1 लाख रुपये की ठगी की गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक शख्स अपने घर का फर्नीचर बेचना चाहता था। इसके लिए उसने 21 दिसंबर को फेसबुक पर एक ऐड डाला था।इसके तीन दिन बाद यानी 24 दिसंबर को इस शख्स को राजेंद्र शर्मा नाम के व्यक्ति ने फर्नीचर खरीदने के लिए कॉल किया। यह व्यक्ति पेटीएम और गूगल पे के जरिए पैसे ट्रांसफर करने का ऑफर दिया।पेटीएम और गूगल पे के जरिए उड़ाए 1 लाख रुपये
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इस शख्स के अकाउंट में पैसे क्रेडिट होने के बजाए पेटीएम और गूगल पे से 3 ट्रांजैक्शन में 1।01 लाख रुपये निकाल लिए गए। जब इस शख्स को पता चला कि वो फ्रॉड का शिकार हो गया है कि उसे राजेंद्र शर्मा की तरफ से पैसे लौटाने की बात कही गई। इसके लिए उसने दूसर अकाउंट नंबर की मांग की।इस मामले में भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 420 के तहत केस रजिस्टर कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आगे जांच चल रही है। डिजिटल पेमेंट फ्रॉड होने पर क्या करें>> आरबीआई की वेबसाइट पर ओम्बड्समैन कार्यालय की ईमेल ID की सूची उपलब्ध है। निजी ब्योरे साथ इसमें आपको पूरा मामला बताना होगा।
>> इसके लिए आपको दस्तावेज देने होंगे। सभी दस्तावेजों और सबूतों का रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए। इससे आपको हर्जाना पाने में आसानी होती है।
>> शिकायत के साथ अपने पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें। फिर कम से कम 30 दिनों तक इंतजार करें।>> संतोषजनक उत्तर न मिलने पर इसके एक साल के भीतर ओम्बड्समैन को लिखें।अगर फिर भी न हल को मामला तो क्या करें- अगर ग्राहक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर में से कोई ओम्बड्समैन के फैसले से हल नहीं हो तो ग्राहक RBI विभाग के प्रभारी डिप्टी गवर्नर से संपर्क कर सकता है।>> ओम्बड्समैन के आदेश के खिलाफ 30 दिनों के भीतर अपील की जा सकती है। डिप्टी गवर्नर इस समय सीमा को और 30 दिन के लिए बढ़ा सकते हैं।
>>ऐसा तब किया जाता है अगर उन्हें लगता है कि शिकायतकर्ता वास्तविक कारणों से समय सीमा के अंदर अपील नहीं कर पाया।
>> अगर यहां भी बात नहीं बनती है तो उपभोक्ता अदालतों का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
थाणे पुलिस ने शनिवार को जानकारी दी कि एक ऑनलाइन पेमेंट गेटवे (Online Payment Gateway) के माध्यम से एक शख्स के साथ 1 लाख रुपये की ठगी की गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक शख्स अपने घर का फर्नीचर बेचना चाहता था। इसके लिए उसने 21 दिसंबर को फेसबुक पर एक ऐड डाला था।इसके तीन दिन बाद यानी 24 दिसंबर को इस शख्स को राजेंद्र शर्मा नाम के व्यक्ति ने फर्नीचर खरीदने के लिए कॉल किया। यह व्यक्ति पेटीएम और गूगल पे के जरिए पैसे ट्रांसफर करने का ऑफर दिया।पेटीएम और गूगल पे के जरिए उड़ाए 1 लाख रुपये
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इस शख्स के अकाउंट में पैसे क्रेडिट होने के बजाए पेटीएम और गूगल पे से 3 ट्रांजैक्शन में 1।01 लाख रुपये निकाल लिए गए। जब इस शख्स को पता चला कि वो फ्रॉड का शिकार हो गया है कि उसे राजेंद्र शर्मा की तरफ से पैसे लौटाने की बात कही गई। इसके लिए उसने दूसर अकाउंट नंबर की मांग की।इस मामले में भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 420 के तहत केस रजिस्टर कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आगे जांच चल रही है। डिजिटल पेमेंट फ्रॉड होने पर क्या करें>> आरबीआई की वेबसाइट पर ओम्बड्समैन कार्यालय की ईमेल ID की सूची उपलब्ध है। निजी ब्योरे साथ इसमें आपको पूरा मामला बताना होगा।
>> इसके लिए आपको दस्तावेज देने होंगे। सभी दस्तावेजों और सबूतों का रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए। इससे आपको हर्जाना पाने में आसानी होती है।
>> शिकायत के साथ अपने पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करें। फिर कम से कम 30 दिनों तक इंतजार करें।>> संतोषजनक उत्तर न मिलने पर इसके एक साल के भीतर ओम्बड्समैन को लिखें।अगर फिर भी न हल को मामला तो क्या करें- अगर ग्राहक या पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर में से कोई ओम्बड्समैन के फैसले से हल नहीं हो तो ग्राहक RBI विभाग के प्रभारी डिप्टी गवर्नर से संपर्क कर सकता है।>> ओम्बड्समैन के आदेश के खिलाफ 30 दिनों के भीतर अपील की जा सकती है। डिप्टी गवर्नर इस समय सीमा को और 30 दिन के लिए बढ़ा सकते हैं।
>>ऐसा तब किया जाता है अगर उन्हें लगता है कि शिकायतकर्ता वास्तविक कारणों से समय सीमा के अंदर अपील नहीं कर पाया।
>> अगर यहां भी बात नहीं बनती है तो उपभोक्ता अदालतों का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।