Vikrant Shekhawat : Jul 22, 2021, 09:15 AM
इंदौर: पूरा देश बुधवार को बकरीद यानि ईद-उल-अजहा (Eid-ul-Zuha) का त्यौहार मना रहा है. बकरीद मुस्लिम समुदाय के मुख्य त्यौहारों में से एक माना जाता है. वहीं आज के दिन मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी माने जाने वाला इंदौर (Madhya Pradesh Indore) शहर एक और कारण से सुर्खियां बटौर रहा है. अमूमन बकरीद पर कुर्बानी के लिए लोग ज्यादा वजन के बकरे/बकरी को ही खरीदते हैं, लेकिन शहर में एक बकरी ऐसी भी है जिसका वजन 175 किलोग्राम है.इस बकरी का वजन सुनकर सभी लोग हैरान हैं. बकरी के मालिक मोइन खान का कहना है कि इस बकरी की कीमत लोगों ने 5.5 लाख रुपये तक लगाई है.बकरी को खिलाए गए हैं काजू, किशमिश और बादाममोइन खान का कहना है कि बकरी को काजू, किशमिश और बादाम खिलाया गया है. मोइन ने बताया कि ये काली बकरी पंजाबी नस्ल की है. इसे वो 10 महीने से पाल रहे हैं. अभी वर्तमान में इस बकरी का वजन 175 किलोग्राम है और इसकी ऊंचाई लगभग 4 फीट है. उन्होंने बताया कि लोग इस काली बकरी को 5.5 लाख रुपए तक खरीदने को तैयार हैं, लेकिन मोइन ने कहा कि वो 10 महीने से इस बकरी को पाल रहे हैं और इसलिए ईद पर खुद ही इसकी कुर्बानी देंगे.बलिदान का प्रतीक है बकरीद का त्यौहारईद-उल-जुहा का पवित्र त्योहार, जिसे ‘बलिदान का त्योहार’ या ग्रेटर ईद के रूप में भी जाना जाता है. इसे इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार 12वें महीने धू-अल-हिज्जा की 10 तारीख को बकरीद मनाने का रिवाज़ है. ईद कुर्बान या कुर्बान बयारामी के रूप में भी जाना जाता है. यह त्यौहार वार्षिक हज यात्रा के अंत का भी प्रतीक है.इसलिए मनाई जाती ‘बकरीद’दुनियाभर में मुस्लिमों का मानना है कि पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए अल्लाह ने उनसे उनकी सबसे अजीज चीज की कुर्बानी मांगी थी. पैगंबर साहब को उनका बेटा सबसे प्यारा था. जिसके बाद उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला लिया. इस बात से खुश होकर अल्लाह ने उन्हें अपने बेटे को छोड़कर किसी जानवर भेड़ या बकरी की कुर्बानी देने के लिए कहा. इस तरह इब्राहिम अल्लाह की परीक्षा में सच्चे साबित हुए. इस्लामिक समुदाय पैगंबर साहब को अपना अवतार मानते हैं.