Vikrant Shekhawat : Jun 19, 2022, 09:09 PM
Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में 44वें शतरंज ओलंपियाड (44th Chess Olympiad) के लिए ऐतिहासिक मशाल रिले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित भी किया। दुनिया के सबसे बड़े शतरंज आयोजन के 44वें संस्करण का आयोजन 28 जुलाई से 10 अगस्त तक चेन्नई के पास महाबलीपुरम में होगा।
अंतरराष्ट्रीय शतरंज निकाय (FIDE) ने पहली बार मशाल रिले की स्थापना की है, जो ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है, लेकिन शतरंज ओलंपियाड में पहले कभी ऐसा नहीं किया गया था। भारत शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले रखने वाला पहला देश होगा।शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले के उद्घाटन के अवसर पर फिडे (FIDE) के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच ने प्रधानमंत्री को मशाल सौंपी, जिन्होंने इसे भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया।
75 शहरों में ले जाई जाएगी मशालइस मशाल को चेन्नई के पास महाबलीपुरम पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि में लेह, श्रीनगर, जयपुर, सूरत, मुंबई, भोपाल, पटना, कोलकाता, गंगटोक, हैदराबाद, बेंगलुरु, त्रिशूर, पोर्ट ब्लेयर और कन्याकुमारी जैसे अन्य 75 शहरों में ले जाया जाएगा। हर स्थान पर प्रदेश के शतरंज महारथियों को मशाल थमाई जाएगी। शतरंज ओलंपियाड के लगभग 100 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि भारत प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करेगा। आगामी ओलंपियाड के लिए पंजीकृत 188 देशों के साथ देश पहली बार भारतीय धरती पर एक खेल आयोजन के लिए राष्ट्रों की एक विशाल सभा का गवाह बनने के लिए तैयार है।शतरंज का खेल दुनियाभर के लोगों के लिए एक जुनूइस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि शतरंज ओलंपियाड के लिए आज पहली मशाल रिले भारत से शुरू हो रही है। पहली बार भारत मेजबानी भी कर रहा है, यह एक बड़ी घटना है। यह मशाल रिले न केवल भारत के लिए बल्कि खेल की गौरवशाली विरासत के लिए भी सम्मान की बात है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि शतरंज के खेल को उसके जन्मस्थान में एक विशाल अंतरराष्ट्रीय आयोजन के रूप में मनाया जा रहा है और अब यह दुनियाभर के लोगों के लिए एक जुनून है। उन्होंने कहा कि हम शतरंज को अपने जन्म स्थान पर वापस देखकर और शतरंज ओलंपियाड के रूप में इसकी सफलता का जश्न मनाते हुए खुश हैं।न्यू इंडिया के युवा हर खेल में बना रहे कीर्तिमान उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मस्तिष्क के विकास के लिए चतुरंगा और शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया था। शतरंज खेलने वाले बच्चे अच्छे प्रॉब्लम सॉल्वर बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत ने शतरंज में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है और न्यू इंडिया के युवा हर खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कीर्तिमान बना रहे हैं।
आज शतरंज एक शैक्षिक उपकरण बन गया हैपीएम मोदी ने कहा कि फिडे ने फैसला किया है कि मशाल रिले भारत से शुरू होगी। यह सिर्फ भारत का सम्मान नहीं है, बल्कि शतरंज के लिए सम्मान है। मोदी ने कहा कि शतरंज सिर्फ एक खेल नहीं है बल्कि अब एक शैक्षिक उपकरण बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत में कुश्ती, कबड्डी, मलखंब फिट रहने के लिए खेले जाते थे और विश्लेषणात्मक कौशल के लिए हमारे पूर्वजों ने शतरंज का आविष्कार किया। शतरंज ने पूरी दुनिया की यात्रा की और लोकप्रिय हो गया। आज शतरंज एक शैक्षिक उपकरण बन गया है, शतरंज के खिलाड़ी समस्या हल करने वाले बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि शतरंज में सफलता के लिए योग और ध्यान जरूरी है।बता दें कि, शतरंज ओलंपियाड के लगभग 100 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि भारत इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करेगा। आगामी ओलंपियाड के लिए 188 देशों के पंजीकरण के साथ भारतीय खेल इतिहास भी पहली बार किसी आयोजन में भारतीय धरती पर देशों की एक विशाल सभा का गवाह बनने के लिए तैयार है।44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से 10 अगस्त 2022 तक चेन्नई में आयोजित किया जाएगा। 1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी पहली बार भारत में और 30 साल बाद एशिया में की जा रही है। 189 देशों के भाग लेने के साथ यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में सबसे बड़ी भागीदारी होगी।
अंतरराष्ट्रीय शतरंज निकाय (FIDE) ने पहली बार मशाल रिले की स्थापना की है, जो ओलंपिक परंपरा का हिस्सा है, लेकिन शतरंज ओलंपियाड में पहले कभी ऐसा नहीं किया गया था। भारत शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले रखने वाला पहला देश होगा।शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले के उद्घाटन के अवसर पर फिडे (FIDE) के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच ने प्रधानमंत्री को मशाल सौंपी, जिन्होंने इसे भारतीय ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया।
75 शहरों में ले जाई जाएगी मशालइस मशाल को चेन्नई के पास महाबलीपुरम पहुंचने से पहले 40 दिनों की अवधि में लेह, श्रीनगर, जयपुर, सूरत, मुंबई, भोपाल, पटना, कोलकाता, गंगटोक, हैदराबाद, बेंगलुरु, त्रिशूर, पोर्ट ब्लेयर और कन्याकुमारी जैसे अन्य 75 शहरों में ले जाया जाएगा। हर स्थान पर प्रदेश के शतरंज महारथियों को मशाल थमाई जाएगी। शतरंज ओलंपियाड के लगभग 100 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि भारत प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करेगा। आगामी ओलंपियाड के लिए पंजीकृत 188 देशों के साथ देश पहली बार भारतीय धरती पर एक खेल आयोजन के लिए राष्ट्रों की एक विशाल सभा का गवाह बनने के लिए तैयार है।शतरंज का खेल दुनियाभर के लोगों के लिए एक जुनूइस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि शतरंज ओलंपियाड के लिए आज पहली मशाल रिले भारत से शुरू हो रही है। पहली बार भारत मेजबानी भी कर रहा है, यह एक बड़ी घटना है। यह मशाल रिले न केवल भारत के लिए बल्कि खेल की गौरवशाली विरासत के लिए भी सम्मान की बात है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि शतरंज के खेल को उसके जन्मस्थान में एक विशाल अंतरराष्ट्रीय आयोजन के रूप में मनाया जा रहा है और अब यह दुनियाभर के लोगों के लिए एक जुनून है। उन्होंने कहा कि हम शतरंज को अपने जन्म स्थान पर वापस देखकर और शतरंज ओलंपियाड के रूप में इसकी सफलता का जश्न मनाते हुए खुश हैं।न्यू इंडिया के युवा हर खेल में बना रहे कीर्तिमान उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने मस्तिष्क के विकास के लिए चतुरंगा और शतरंज जैसे खेलों का आविष्कार किया था। शतरंज खेलने वाले बच्चे अच्छे प्रॉब्लम सॉल्वर बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत ने शतरंज में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है और न्यू इंडिया के युवा हर खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कीर्तिमान बना रहे हैं।
आज शतरंज एक शैक्षिक उपकरण बन गया हैपीएम मोदी ने कहा कि फिडे ने फैसला किया है कि मशाल रिले भारत से शुरू होगी। यह सिर्फ भारत का सम्मान नहीं है, बल्कि शतरंज के लिए सम्मान है। मोदी ने कहा कि शतरंज सिर्फ एक खेल नहीं है बल्कि अब एक शैक्षिक उपकरण बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत में कुश्ती, कबड्डी, मलखंब फिट रहने के लिए खेले जाते थे और विश्लेषणात्मक कौशल के लिए हमारे पूर्वजों ने शतरंज का आविष्कार किया। शतरंज ने पूरी दुनिया की यात्रा की और लोकप्रिय हो गया। आज शतरंज एक शैक्षिक उपकरण बन गया है, शतरंज के खिलाड़ी समस्या हल करने वाले बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि शतरंज में सफलता के लिए योग और ध्यान जरूरी है।बता दें कि, शतरंज ओलंपियाड के लगभग 100 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार है कि भारत इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी करेगा। आगामी ओलंपियाड के लिए 188 देशों के पंजीकरण के साथ भारतीय खेल इतिहास भी पहली बार किसी आयोजन में भारतीय धरती पर देशों की एक विशाल सभा का गवाह बनने के लिए तैयार है।44वां शतरंज ओलंपियाड 28 जुलाई से 10 अगस्त 2022 तक चेन्नई में आयोजित किया जाएगा। 1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी पहली बार भारत में और 30 साल बाद एशिया में की जा रही है। 189 देशों के भाग लेने के साथ यह किसी भी शतरंज ओलंपियाड में सबसे बड़ी भागीदारी होगी।