इंडिया / अभिजीत बनर्जी से मिले पीएम मोदी, कहा- लोगों के सशक्तीकरण के लिए उनका नजरिया बिल्कुल साफ

अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पीएम हाउस जाकर मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा है कि नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बेहतरीन बैठक हुई. लोगों के सशक्तीकरण के प्रति उनका नजरिया साफ ​​दिखाई देता है. हमने विभिन्न विषयों पर लंबी बातचीत की. भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

News18 : Oct 22, 2019, 01:11 PM
नई दिल्ली | अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जीतने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से पीएम हाउस (7 लोक कल्याण मार्ग) जाकर मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा है कि नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बेहतरीन बैठक हुई. लोगों के सशक्तीकरण के प्रति उनका नजरिया साफ ​​दिखाई देता है. हमने विभिन्न विषयों पर लंबी बातचीत की. भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. उनके भविष्य के प्रयासों के लिए उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

आपको बता दें कि अभिजीत बनर्जी के साथ उनकी पत्नी एस्टर डफ्लो को भी अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है. अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार मिलने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अभिजीत बनर्जी को ट्वीट कर बधाई दी थी. पीएम मोदी ने कहा था कि अभिजीत बनर्जी ने गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में अहम काम किया है.

अमरीकी नागरिक 58 वर्षीय अभिजीत बनर्जी ने साल 1981 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंसी कॉलेज से विज्ञान में स्नातक किया. इसके बाद उन्होंने 1983 में दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया. बनर्जी ने 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की.

उनके पीएचडी का विषय 'सूचना अर्थशास्त्र में निंबध' था. उनके पिता दीपक बनर्जी प्रेसिडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर थे जबकि उनकी मां निर्मला बनर्जी सेंटर फॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज, कलकत्ता में अर्थशास्त्र की प्रोफ़ेसर थीं. पीएचडी करने के बाद बनर्जी कई जगह फ़ेलो रहे और उन्हें अनगिनत सम्मान मिले. साथ ही साथ वह अध्यापन और रिसर्च का अपना काम करते रहे.

उन्होंने 1988 में प्रिंस्टन विश्वविद्यालय में पढ़ाना शुरू किया. 1992 में उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया. इसके बाद 1993 में उन्होंने एमआईटी में पढ़ाना और शोध कार्य शुरू किया जहां पर वह अभी तक अध्यापन और रिसर्च का काम कर रहे हैं.