News18 : Feb 28, 2020, 03:38 PM
पटना। चुनाव रणनीतिकार और पूर्व जदयू नेता प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पर पटना सिविल कोर्ट (Patna Civil Court) में 10 करोड़ का डैमेज सूट किया गया है। खुद को चुनाव रणनीतिकार बताने वाले शाश्वत गौतम नाम के शख्स ने प्रशांत किशोर और उनके सहयोगी ओसामा के खिलाफ टाइटल सूट किया है। पटना सिविल कोर्ट के सब जज-1 के यहां दर्ज इस मामले की जानकारी शाश्वत गौतम के वकील विशाल ठाकुर और दिनकर दुबे ने दी। पिछली 25 फरवरी को ही यह डैमेज सूट किया गया है और कोर्ट अगर एडमिट कर लेगा तो इस मामले में आगे सुनवाई होगी।सुनवाई की तिथि निर्धारित नहीं
जानकारी के मुताबिक इस मामले में सब जज-1 की कोर्ट में सुनवाई होगी, लेकिन इसको लेकर अभी कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है। मालूम हो कि प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम ने यह शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने पीके पर 'बात बिहार की' कंटेंट के नकल का आरोप लगाया है।क्या है पूरा मामला
दरअसल, आरोपों के मुताबिक शाश्वत गौतम नाम के युवक ने 'बिहार की बात' नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया था। इस प्रोजेक्ट को आने वाले दिनों में लॉन्च करने की बात हो रही थी। इस बीच ओसामा नाम के शख्स ने शाश्वत के यहां से इस्तीफा दे दिया और 'बिहार की बात' का सारा कंटेंट उसने प्रशांत किशोर (PK) को दे दिया। ऐसी जानकारी मिल रही है कि शिकायतकर्ता शाश्वत गौतम पूर्व में कांग्रेस के लिए चुनाव के दौरान काम कर चुके हैं।
पॉलीटिकल वर्कर बनकर काम करने का दावा
बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का हिस्सा रहे प्रशांत किशोर की राहें अब अलग हो चुकी हैं। पिछले महीने सीएम नीतीश ने उन्हें जेडीयू से बर्खास्त कर दिया था। पीके अब बिहार में राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने की बात कह रहे हैं। चुनाव रणनीतिकार के तौर पर अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर ने प्रदेश के युवाओं को जोड़ने के लिए 'बात बिहार की' नाम से एक कैंपेन की शुरुआत की है।10 लाख युवाओं को जोड़ने का दावाप्रशांत किशोर ने अपने अभियान के तहत बिहार के 10 लाख युवाओं को जोड़ने का दावा किया है। इधर, कंटेंट चोरी के आरोप लगने पर प्रशांत किशोर ने इसे गलत बताया था और इसे गिरी हुई हरकत बताया था। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। वो पुलिस से उम्मीद करेंगे कि इस पूरे मामले की जल्द जांच करे और सच्चाई को जनता के सामने लाए।
जानकारी के मुताबिक इस मामले में सब जज-1 की कोर्ट में सुनवाई होगी, लेकिन इसको लेकर अभी कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई है। मालूम हो कि प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम ने यह शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने पीके पर 'बात बिहार की' कंटेंट के नकल का आरोप लगाया है।क्या है पूरा मामला
दरअसल, आरोपों के मुताबिक शाश्वत गौतम नाम के युवक ने 'बिहार की बात' नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया था। इस प्रोजेक्ट को आने वाले दिनों में लॉन्च करने की बात हो रही थी। इस बीच ओसामा नाम के शख्स ने शाश्वत के यहां से इस्तीफा दे दिया और 'बिहार की बात' का सारा कंटेंट उसने प्रशांत किशोर (PK) को दे दिया। ऐसी जानकारी मिल रही है कि शिकायतकर्ता शाश्वत गौतम पूर्व में कांग्रेस के लिए चुनाव के दौरान काम कर चुके हैं।
पॉलीटिकल वर्कर बनकर काम करने का दावा
बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का हिस्सा रहे प्रशांत किशोर की राहें अब अलग हो चुकी हैं। पिछले महीने सीएम नीतीश ने उन्हें जेडीयू से बर्खास्त कर दिया था। पीके अब बिहार में राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने की बात कह रहे हैं। चुनाव रणनीतिकार के तौर पर अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर ने प्रदेश के युवाओं को जोड़ने के लिए 'बात बिहार की' नाम से एक कैंपेन की शुरुआत की है।10 लाख युवाओं को जोड़ने का दावाप्रशांत किशोर ने अपने अभियान के तहत बिहार के 10 लाख युवाओं को जोड़ने का दावा किया है। इधर, कंटेंट चोरी के आरोप लगने पर प्रशांत किशोर ने इसे गलत बताया था और इसे गिरी हुई हरकत बताया था। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। वो पुलिस से उम्मीद करेंगे कि इस पूरे मामले की जल्द जांच करे और सच्चाई को जनता के सामने लाए।