Maldives Parliamentary Elections / राष्ट्रपति मुइज्जू की संसदीय चुनाव में प्रचंड जीत, क्या भारत के लिए है बुरी खबर?

मालदीव में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने 60 से अधिक सीटों पर जीर्त दर्ज करके प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया है। मालदीव की कुल 93 निर्वाचन क्षेत्रों में सांसद चुने जाने के लिए मतदान हुआ था और इस चुनाव को देश के राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिनकी नीतियों पर मालदीव में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे भारत और चीन की नजर रहती है।

Vikrant Shekhawat : Apr 22, 2024, 08:40 AM
Maldives Parliamentary Elections: मालदीव में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीपुल्स नेशनल कांग्रेस ने 60 से अधिक सीटों पर जीर्त दर्ज करके प्रचंड बहुमत हासिल कर लिया है। मालदीव की कुल 93 निर्वाचन क्षेत्रों में सांसद चुने जाने के लिए मतदान हुआ था और इस चुनाव को देश के राष्ट्रपति मुइज्जू के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिनकी नीतियों पर मालदीव में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे भारत और चीन की नजर रहती है।

भारत और मालदीव के संबंध कभी काफी घनिष्ठ रहे थे, लेकिन राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में थोड़ी कड़वाहट आई है। भारत में भी लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और मालदीव की नजरें जहां भारत के चुनाव पर टिकी हैं तो वहीं भारत की नजरें भी मालदीव के संसदीय चुनाव पर टिकी हैं। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पिछले साल ही राष्ट्रपति चुने गए थे और जीत के बाद एकबार फिर से राष्ट्रपति निर्वाचित होंगे। 

कैसे आई भारत और मालदीव के रिश्तों में कड़वाहट

लक्षद्वीप को भारत के पीएम मोदी के प्रोमोट करने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मचा जिसे लेकर भारत और मालदीव के रिश्तों में कड़वाहट देखने को मिली। इसके बाद हाइड्रोग्राफिक समझौते को मोइज्जु ने रद्द कर दिया और पाकिस्तान की तरफ जा रहे जहाज को भारत द्वारा मुंबई के बंदरगाह के पास रोक दिया गया है. क्योंकि यह संदेह था कि उसके न्यूक्लियर सामानों का इस्तेमाल चोरी-छिपे किया जा सकता था। मालदीव की चीन से बढ़ती दोस्ती और कुछ वजहों से भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास आ गई। यही वजह है कि भारत चाहेगा कि राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी को संसदीय चुनाव में बहुमत न मिले ताकि उन्हें विपक्ष के दबाव में काम करना पड़े।

सुबह 8 बजे शुरू हुई वोटिंग, शाम 5 बजे तक चली

समाचार पोर्टल ‘‘अधाधु डॉट कॉम’’ की खबर के अनुसार मालदीव में 20वीं पीपुल्स मजलिस (संसद) के लिए मतदान सुबह 8:00 बजे शुरू हुआ  और शाम 5:30 बजे तक संपन्न हुआ। मतदान समाप्त होते ही निर्वाचन अधिकारियों ने देश भर में मतपेटियों को सील कर दिया और फिर मतगणना शुरू हुई। निर्वाचन आयोग (ईसी) की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, शाम 5:00 बजे तक 2,07,693 लोगों ने मतदान किया, इसके अनुसार 72.96 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें 1,04,826 पुरुष और 1,02,867 महिलाएं शामिल हैं। कुल 2,84,663 लोग मतदान के लिए पात्र थे।

‘‘पीएसएमन्यूज डॉट एमवी’’ की खबर के अनुसार, संसदीय चुनाव के लिए मालदीव और तीन अन्य देशों में कुल 602 मतपेटियां रखी गई थीं। कम से कम 34 रिसॉर्ट्स, जेल और अन्य औद्योगिक द्वीपों में भी मतदान केंद्र बनाये गये थे। खबर के अनुसार, मालदीव के बाहर जिन देशों में मतदान के लिए मतपेटियां रखी गई थीं, उनमें भारत में तिरुवनंतपुरम, श्रीलंका में कोलंबो और मलेशिया में कुआलालंपुर शामिल हैं।

देश के संसदीय चुनाव के लिए छह पार्टियों से 368 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इन छह दलों में मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी), मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और 130 निर्दलीय शामिल हैं। समाचार पोर्टल ‘‘सन डॉट एमवी’’ की खबर के अनुसार पीएनसी ने 90 उम्मीदवार, एमडीपी ने 89, डेमोक्रेट्स ने 39, जम्हूरी पार्टी (जेपी) ने 10, मालदीव्स डेवलपमेंट अलायंस (एमडीए) और अधालथ पार्टी (एपी) ने चार-चार तथा मालदीव्स नेशनल पार्टी (एमएनपी) ने दो उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।

मुइज्जू की हुई है प्रचंड जीत

खबर में शुरुआती नतीजों के हवाले से बताया गया कि मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीएनसी ने 93 सदस्यीय पीपुल्स मजलिस में 60 से अधिक सीट हासिल कीं, जो लगभग दो-तिहाई बहुमत है। रुझानों के मुताबिक, मुइज्जू के नेतृत्व वाली पीएनसी को 67 सीट मिलीं, उसके बाद एमडीपी को 12 सीट मिलीं और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 10 सीट जीतीं। बाकी सीट अन्य दलों के खाते में गईं।

चीन समर्थक नेता के रूप में देखे जाने वाले मुइज्जू के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि चुनाव से कुछ ही दिन पहले, विपक्षी दलों ने 2018 से उनके कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट लीक होने के बाद राष्ट्रपति के खिलाफ जांच और महाभियोग चलाये जाने की मांग की। हालांकि मुइज्जू ने इस आरोप को खारिज कर दिया था। इसके अलावा, जब से मुइज्जू ने पद संभाला है, सांसदों ने उनके तीन नामितों को कैबिनेट में शामिल करने पर रोक लगा दी है।