बेरोजगारी / प्रियंका गाँधी ने कहा- नौकरियां देने के तमाम बड़े वादों की हकीकत यही है, 3 करोड़ 64 लाख लोग बेरोजगार

प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'नौकरियां देने के तमाम बड़े वादों की हकीकत यही है। देश के सात बड़े क्षेत्रों में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। बड़े-बड़े नामों और विज्ञापनों का नतीजा है 3 करोड़ 64 लाख बेरोजगार लोग। तभी तो सरकार नौकरी पर बात करने से कतराती है।' प्रियंका के अलावा दिग्विजय सिंह ने भी केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी की दर बढ़ रही है।

AMAR UJALA : Jan 27, 2020, 12:37 PM
नई दिल्ली | कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नरेंद्र मोदी सरकार पर नौकरियों को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने बेरोजगारी को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े नामों और विज्ञापनों का नतीजा यह है की तीन करोड़ 64 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं।

प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'नौकरियां देने के तमाम बड़े वादों की हकीकत यही है। देश के सात बड़े क्षेत्रों में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। बड़े-बड़े नामों और विज्ञापनों का नतीजा है 3 करोड़ 64 लाख बेरोजगार लोग। तभी तो सरकार नौकरी पर बात करने से कतराती है।'

प्रियंका के अलावा दिग्विजय सिंह ने भी केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी की दर बढ़ रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण की जगह शिक्षित बेरोजगार भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर बनाना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने जहां शिक्षित बेरोजगार भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर को 'एकीकृत एजेंडा' करार दिया, वहीं एनआरसी को उन्होंने 'विभाजनकारी एजेंडा' करार दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, 'मेरे पास हमारे प्रधानमंत्री के लिए एक बहुत ही सकारात्मक सुझाव है। एनआरसी के बजाय जिसने पूरे देश में सामाजिक अशांति पैदा की है, उन्हें 'शिक्षित बेरोजगार नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर' तैयार करना चाहिए। लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि यह 'विभाजनकारी एजेंडा' नहीं है बल्कि 'एकीकृत एजेंडा' है।'

बता दें कि कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर बेरोजगारी, आर्थिक सुस्ती, नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और एनआरसी को लेकर घेर रही है। एनआरसी एक नागरिक रजिस्टर है, जिसमें भारत के प्रत्येक नागरिक के नाम दर्ज हैं। नागरिकता अधिनियम, 1955 के अनुसार, एनआरसी का निर्माण अनिवार्य है।