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- 25-Feb-2025 09:25 AM IST
Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में एक नए भू-राजनीतिक मोड़ ने वैश्विक व्यापार और सुरक्षा संतुलन को प्रभावित किया है। यह मोड़ दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (Rare Earth Elements) के व्यापार से जुड़ा है, जो आधुनिक तकनीक और रक्षा उद्योग के लिए आवश्यक हैं।
यूक्रेन और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों की पृष्ठभूमि
अमेरिकी प्रशासन लंबे समय से यूक्रेन को वित्तीय और सैन्य सहायता प्रदान करता रहा है। हालांकि, हाल ही में रिपोर्टें सामने आई हैं कि ट्रंप ने यूक्रेन से इन दुर्लभ पृथ्वी तत्वों तक पहुंच की मांग की थी, जिसके कारण यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और ट्रंप के बीच तनाव बढ़ गया था। यह विवाद अमेरिका-यूक्रेन संबंधों को प्रभावित कर सकता था, लेकिन इसी बीच रूस ने अप्रत्याशित रूप से अमेरिका को एक प्रस्ताव दिया।रूस का अमेरिका को प्रस्ताव
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिकी कंपनियां रूस में आकर्षक व्यापारिक अवसरों का लाभ उठा सकती हैं, जिसमें साइबेरिया में एल्युमीनियम उत्पादन और रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्र में दुर्लभ धातुओं का खनन शामिल है। यह प्रस्ताव सीधे ट्रंप को संबोधित था, जो अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और विदेशी सहायता खर्च में कटौती करने के पक्षधर रहे हैं।भू-राजनीतिक प्रभाव और संभावित परिणाम
- अमेरिका की दुविधा: रूस का प्रस्ताव अमेरिका के लिए एक चुनौतीपूर्ण दुविधा खड़ी करता है। यदि अमेरिका इस प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो यह रूस के यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्जे को मान्यता देने के समान होगा, जिससे अमेरिका के पारंपरिक सहयोगी नाराज हो सकते हैं।
- यूक्रेन और यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया: यूक्रेन और यूरोपीय संघ इस प्रस्ताव को रूस की एक कूटनीतिक चाल के रूप में देख सकते हैं, जो उनकी संप्रभुता को चुनौती देता है। यूरोपीय संघ यूक्रेन वार्ता में अपनी भागीदारी को महत्वपूर्ण मानता है, लेकिन पुतिन ने स्पष्ट किया है कि यूरोपीय संघ अनुरोध कर सकता है, लेकिन कोई अनिवार्य भूमिका नहीं निभा सकता।
- रक्षा खर्च में कटौती: पुतिन ने अमेरिका और रूस दोनों के रक्षा खर्च में 50% कटौती का सुझाव दिया है, जिसमें बाद में चीन को भी शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है। यह विचार भू-राजनीतिक स्थिरता की ओर एक कदम हो सकता है, लेकिन इसे लागू करना व्यावहारिक रूप से जटिल हो सकता है।