Vikrant Shekhawat : May 10, 2022, 11:36 AM
ब्रिटेन की वयोवृद्ध महारानी एलिजाबेथ को चलने फिरने में परेशानी हो रही है। इस कारण वे मंगलवार से शुरू हो रहे ब्रिटिश संसद के सत्र के परंपरागत उद्घाटन के मौके पर मौजूद नहीं रहेंगी।
महारानी के महल बकिंघम पैलेस ने सोमवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि 96 वर्षीय एलिजाबेथ ने अपने डॉक्टरों के परामर्श से अनिच्छापूर्वक यह फैसला लिया है। पैलेस की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि महारानी के अनुरोध पर संबंधित प्राधिकारियों ने प्रिंस ऑफ वेल्स को महारानी की ओर से अभिभाषण पढ़ने की सहमति दे दी है। इस मौके पर ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज भी उपस्थिति रहेंगे।
महारानी का अभिभाषण, ब्रिटिश सरकार द्वारा लिखा जाता है। यह शाही और राजनीतिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। भारत में भी संसद सत्रों के शुभारंभ के मौके पर राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है। ब्रिटेन में सत्र का शुभारंभ करना महारानी का एक महत्वपूर्ण संवैधानिक कर्तव्य है। सत्र की शुरुआत का यह अहम कार्यक्रम होता है। यह महारानी के बगैर नहीं हो सकता। इस बार महारानी एलिजाबेथ ने यह जिम्मेदारी प्रिंस ऑफ वेल्स (प्रिंस चार्ल्स ) और प्रिंस ऑफ कैम्ब्रिज (प्रिंस विलियम ) को दी है। ये दोनों ब्रिटेन के सलाहकार हैं।
अभिभाषण सरकार के विधायी एजेंडे को भी पेश करता है। इस पर सांसद कई दिनों तक बहस भी करते हैं। इस साल महारानी को राजगद्दी संभालते हुए 70 साल भी हो रहे हैं। महारानी ने 21 अप्रैल को अपना जन्मदिन बनाया था। वह ब्रिटिश राजशाही में सबसे लंबे समय तक शीर्ष पद पर रहने वाली व सबसे ज्यादा उम्र तक महारानी रहने वाली पहली महिला हैं।
महारानी एलिजाबेथ 1952 में पदभार संभालने के बाद से अब तक सिर्फ दो बार 1959 और 1963 में ही संसद सत्र के उद्घाटन सत्र में मौजूद नहीं रह सकी हैं। उस वक्त वह प्रिंस एंड्रयू व प्रिंस एडवर्ड के गर्भधारण के कारण अभिभाषण नहीं दे सकी थीं। तब अभिभाषण को लॉर्ड चांसलर द्वारा पढ़ा गया था। सीएनएन के अनुसार हाल के महीनों में महारानी को वॉकिंग स्टीक यानी लकड़ी के सहारे चलते हुए देखा गया है। उन्हें फरवरी में कोरोना होने के बाद से काफी कमजोरी व थकान महसूस हो रही है।
महारानी के महल बकिंघम पैलेस ने सोमवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि 96 वर्षीय एलिजाबेथ ने अपने डॉक्टरों के परामर्श से अनिच्छापूर्वक यह फैसला लिया है। पैलेस की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है कि महारानी के अनुरोध पर संबंधित प्राधिकारियों ने प्रिंस ऑफ वेल्स को महारानी की ओर से अभिभाषण पढ़ने की सहमति दे दी है। इस मौके पर ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज भी उपस्थिति रहेंगे।
महारानी का अभिभाषण, ब्रिटिश सरकार द्वारा लिखा जाता है। यह शाही और राजनीतिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। भारत में भी संसद सत्रों के शुभारंभ के मौके पर राष्ट्रपति का अभिभाषण होता है। ब्रिटेन में सत्र का शुभारंभ करना महारानी का एक महत्वपूर्ण संवैधानिक कर्तव्य है। सत्र की शुरुआत का यह अहम कार्यक्रम होता है। यह महारानी के बगैर नहीं हो सकता। इस बार महारानी एलिजाबेथ ने यह जिम्मेदारी प्रिंस ऑफ वेल्स (प्रिंस चार्ल्स ) और प्रिंस ऑफ कैम्ब्रिज (प्रिंस विलियम ) को दी है। ये दोनों ब्रिटेन के सलाहकार हैं।
अभिभाषण सरकार के विधायी एजेंडे को भी पेश करता है। इस पर सांसद कई दिनों तक बहस भी करते हैं। इस साल महारानी को राजगद्दी संभालते हुए 70 साल भी हो रहे हैं। महारानी ने 21 अप्रैल को अपना जन्मदिन बनाया था। वह ब्रिटिश राजशाही में सबसे लंबे समय तक शीर्ष पद पर रहने वाली व सबसे ज्यादा उम्र तक महारानी रहने वाली पहली महिला हैं।
महारानी एलिजाबेथ 1952 में पदभार संभालने के बाद से अब तक सिर्फ दो बार 1959 और 1963 में ही संसद सत्र के उद्घाटन सत्र में मौजूद नहीं रह सकी हैं। उस वक्त वह प्रिंस एंड्रयू व प्रिंस एडवर्ड के गर्भधारण के कारण अभिभाषण नहीं दे सकी थीं। तब अभिभाषण को लॉर्ड चांसलर द्वारा पढ़ा गया था। सीएनएन के अनुसार हाल के महीनों में महारानी को वॉकिंग स्टीक यानी लकड़ी के सहारे चलते हुए देखा गया है। उन्हें फरवरी में कोरोना होने के बाद से काफी कमजोरी व थकान महसूस हो रही है।