Haryana Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने गुरुवार को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल शामिल हुए। इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया ने ऑनलाइन हिस्सा लिया, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए हैं।
हार की समीक्षा और ईवीएम पर चर्चा
बैठक में राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस की हार के पीछे नेताओं के व्यक्तिगत हितों को पार्टी से ऊपर रखने का बड़ा कारण हो सकता है। उन्होंने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि नेताओं ने एकजुट होकर काम नहीं किया। इसके साथ ही, चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम से जुड़ी शिकायतों पर भी चर्चा की गई। पार्टी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदयभान से उन 20 सीटों की सूची मांगी है, जहां कांग्रेस ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी का गठन
कांग्रेस नेतृत्व ने हरियाणा में मिली हार के कारणों की जांच के लिए एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है। अजय माकन और अशोक गहलोत को इस कमेटी का जिम्मा सौंपा गया है, जो पार्टी के सभी उम्मीदवारों से अलग-अलग बातचीत कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह कमेटी विस्तृत जांच के बाद पार्टी को हार के वास्तविक कारणों की जानकारी देगी।
पार्टी की अंदरूनी समस्याएं
हरियाणा कांग्रेस के भीतर हार के बाद से असंतोष खुलकर सामने आ रहा है। कांग्रेस के ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष अजय यादव ने पार्टी की चुनावी रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने सही तरीके से चुनाव लड़ा ही नहीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी ने दलितों और पिछड़े वर्गों को सम्मान नहीं दिया, जिसके चलते यह हार हुई है।
हुड्डा परिवार पर आरोप
कांग्रेस की असंध सीट से उम्मीदवार रहे शमशेर सिंह गोगी ने अपनी हार के लिए सीधे तौर पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि हुड्डा परिवार ने पार्टी के अंदरूनी मामलों को सही तरीके से नहीं संभाला, जिसके कारण कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, हार के बाद से भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा की चुप्पी ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कई सवाल खड़े किए हैं।
नई सरकार की तैयारियां
दूसरी ओर, हरियाणा में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद सीएम पद के दावेदार नायब सिंह सैनी अब चंडीगढ़ में महत्वपूर्ण बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। संभावना है कि दशहरे के बाद नायब सैनी दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। फिलहाल, पीएम नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर हैं, और उनके वापस लौटने के बाद ही यह शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा।
निष्कर्ष
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार ने पार्टी के भीतर गहरे अंतर्विरोधों को उजागर कर दिया है। जहां पार्टी नेतृत्व हार के कारणों का विश्लेषण कर रहा है, वहीं संगठन के अंदरूनी मतभेद भी खुलकर सामने आ रहे हैं। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कांग्रेस इन चुनौतियों से कैसे निपटती है और आने वाले चुनावों के लिए अपनी रणनीति कैसे तैयार करती है। दूसरी ओर, हरियाणा में नई सरकार के गठन की तैयारी भी जोर पकड़ रही है, जिससे राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।