भोपाल / बारिश-बाढ़: आधा मध्य प्रदेश डूबा, अगले 2 दिन मौसम विभाग का अलर्ट

मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से जिंदगी ठहर गई है। राजधानी भोपाल में भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनकर आई है। शहर के निचले इलाके पानी में डूब गए हैं। 2016 के बाद पहली बार कोलार डैम के गेट खोलने पड़े हैं। हरदा में हुई बारिश ने जेल के कैदियों को मुश्किल में डाल दिया। इस बीच मौसम विभाग की मानें तो अगले दो दिन सूबे के लोगों पर भारी हैं। राज्य के 32 जिलों में भारी से बेहद भारी बारिश का अनुमान है।

NavBharat Times : Sep 10, 2019, 12:35 PM
भोपाल. मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से जिंदगी ठहर गई है। राजधानी भोपाल में भारी बारिश लोगों के लिए मुसीबत बनकर आई है। शहर के निचले इलाके पानी में डूब गए हैं। 2016 के बाद पहली बार कोलार डैम के गेट खोलने पड़े हैं। हरदा में हुई बारिश ने जेल के कैदियों को मुश्किल में डाल दिया। इस बीच मौसम विभाग की मानें तो अगले दो दिन सूबे के लोगों पर भारी हैं। राज्य के 32 जिलों में भारी से बेहद भारी बारिश का अनुमान है। सोमवार से 48 घंटे के लिए मौसम विभाग ने रेड, ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है।

भोपाल में भारी बारिश बनी मुसीबत

भोपाल में पिछले तीन दिन से भारी बारिश हो रही है। मूसलाधार बारिश का सिलसिला सोमवार शाम तक जारी रहा, जिसके चलते आम जनजीवन ठप हो गया। रविवार सुबह से सोमवार शाम तक यहां 160 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। शहर के कई निचले इलाकों में पानी घुस गया है। कोलार, समर्धनगर और नेहरूनगर जैसे इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं। 100 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है। सोमवार को भोपाल के कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने डीआईजी इरशाद वली के साथ मंडीदीप के पास बारिश से बेहाल इलाकों का जायजा लिया। भोपाल नगर निगम के स्टाफ को बंद नालियों की सफाई के निर्देश दिए गए हैं।

भारी बारिश की वजह से भोपाल में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। दिन का तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से चार डिग्री कम है। तीन साल में पहली बार कोलार डैम के गेट खोले गए हैं। क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से डैम के 8 में से दो गेट खोल दिए गए हैं। इस बीच मौसम विभाग के भोपाल केंद्र ने अगले दो दिन बारिश से कोई राहत नहीं मिलने का अनुमान लगाया है।

32 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है सेंट्रल एमपी के ऊपर मॉनसूनी हवाओं की वजह से कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसकी वजह से राज्य में 15 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहेगा। मंगलवार को भी भोपाल के अलावा 32 जिलों में सामान्य से बेहद भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने रायसेन, हरदा, नीमच, मंदसौर, सीहोर, रतलाम और नरसिंहपुर में रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा धार, देवास, दमोह, बड़वानी, इंदौर, उज्जैन, विदिशा और राजगढ़ में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, राजधानी भोपाल के अलावा बालाघाट, बैतूलस, अलीराजपुर, आगर, अशोकनगर, सागर, सिवनी, खंडवा, खरगोन, जबलपुर और गुना समेत कई जिलों में यलो अलर्ट (भारी बारिश) की चेतावनी दी गई है।

हरदा जिला जेल में घुसा पानी

सोमवार शाम तक मिले आंकड़ों के मुताबिक सिवनी में 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक 31 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं और प्रदेश के कई जगहों पर सड़क यातायात अवरुद्ध होने के साथ-साथ कई निचले इलाके जलमग्न हो गए। सुखनी नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से सोमवार सुबह हरदा जिला जेल में पानी घुस गया, जिसके बाद 4 महिला कैदियों समेत 331 कैदियों को दूसरी बैरकों में शिफ्ट करना पड़ा। पिछले कुछ दिन से हो रही भारी बारिश के बाद यहां 9 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं।

सोमवार तक बारिश का आंकड़ा

पूर्वी मध्य प्रदेश में मॉनसून सक्रिय और पश्चिमी मध्य प्रदेश में मॉनसून प्रबल रहा। इस दौरान टिमरनी में 25 सेंटीमीटर, विदिशा एवं हरदा में 18-18 सेंटीमीटर, केवलारी में 15 सेंटीमीटर, रायसेन में 13 सेंटीमीटर, गुलाबगंज एवं नैनपुर में 12-12 सेंटीमीटर एवं सागर में 11 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। यह नदी नरसिंहपुर एवं खरगोन जिले में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नरसिंहपुर जिले के बरमन घाट में इस नदी का जलस्तर 324.90 मीटर पहुंच गया है, जो वहां पर खतरे के निशान 323 मीटर से 1.90 मीटर अधिक है। वहीं, खरगोन के मोरटक्का में इस नदी का जल स्तर 164.84 मीटर हो गया है, जो वहां पर खतरे के निशान 163.98 मीटर से 0.86 मीटर अधिक है।

भारी बारिश के चलते सोमवार को मध्य प्रदेश के 28 बड़े बांधों में से 21 बांधों के गेट खोले गए हैं, जिनमें खंडवा जिले में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े बांध इंदिरा सागर एवं जबलपुर जिले में स्थित बरगी बांध भी शामिल हैं। नर्मदा नदी पर बने इस इंदिरा सागर बांध के 20 में से 12 गेट खोले गये हैं, जबकि नर्मदा पर ही बने बरगी में 21 में से 17 गेट खोले गये हैं। भारी बारिश के साथ-साथ इन बांधों से पानी छोड़े जाने से बाढ़ की स्थिति और विकराल हुई है।