MAHARASTRA / रमजान पर राज ठाकरे का बड़ा बयान, कहा- मस्जिद से हटाओ लाउडस्पीकर वरना बजाएंगे हनुमान चालीसा

कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा तूल पकड़ने के बाद अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर हटाने की राजनीति शुरू हो गई है। शनिवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुड़ी पड़वा के अवसर पर कहा कि अब मस्जिदों से माइक हटाना होगा। इसके माध्यम से राज ठाकरे ने फिर हिंदुत्व के मुद्दे को धार दी है।

Vikrant Shekhawat : Apr 03, 2022, 09:00 AM
कर्नाटक में हिजाब का मुद्दा तूल पकड़ने के बाद अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर हटाने की राजनीति शुरू हो गई है। शनिवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने गुड़ी पड़वा के अवसर पर कहा कि अब मस्जिदों से माइक हटाना होगा। इसके माध्यम से राज ठाकरे ने फिर हिंदुत्व के मुद्दे को धार दी है।

कोरोना के कारण दो साल के बाद शिवाजी पार्क में मनसे कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज बोले, मैं धर्मांध नहीं बल्कि धर्म अभिमानी हूं। मैं जल्द ही अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन करने जाऊंगा। हालांकि उन्होंने अयोध्या दौरे की तारीख का ऐलान नहीं किया।

रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि मैं नमाज के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सरकार को मस्जिद के लाउडस्पीकर हटाने पर फैसला लेना चाहिए। मैं अभी चेतावनी दे रहा हूं। लाउडस्पीकर हटाओ वरना मस्जिद के सामने लाउडस्पीकर लगाएंगे और हनुमान चालीसा बजाएंगे।

उन्होंने कहा कि  मुझे यह देखकर खुशी हुई कि उत्तर प्रदेश प्रगति कर रहा है। हम महाराष्ट्र में वही विकास चाहते हैं। अयोध्या जाऊंगा, लेकिन आज नहीं बताऊंगा कब, हिंदुत्व की भी बात करूंगा। मुझे अपने धर्म पर गर्व है।

जाति में बंटेंगे तो हिंदू कैसे बनेंगे

मुंबई रैली में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने एनसीपी चीफ शरद पवार हमला बोलते हु कहा कि शरद पवार ने जातिवाद बढ़ाया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने राज्य में लोगों को जाति के आधार पर बांट दिया। जाति की राजनीति से बाहर नहीं निकले तो हिंदू कैसे बनेंगे।

उद्धव और पवार पर बरसे

राज ठाकरे ने शिवसेना पर साल 2019 के विधानसभा चुनाव में गद्दारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, मतदाताओं ने शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए वोट नहीं किया था। राज ने कहा, चुनाव परिणाम के बाद उद्धव समझ गए थे कि शिवसेना के बिना किसी की सरकार नहीं बनेगी इसलिए ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद मांगने लगे।