Live Hindustan : Aug 14, 2020, 08:05 AM
Rajasthan Crisis: राजस्थान में लगभग एक महीने से जारी सियासी खींचतान के बाद विधानसभा का सत्र शुक्रवार (14 अगस्त) से शुरू होगा। अशोक गहलोत की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने सत्र के दौरान विश्वास प्रस्ताव लाने, तो मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की घोषणा की है जिससे विधानसभा का यह सत्र काफी हंगामेदार रहने की संभावना है।विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले बृहस्पतिवार (13 अगस्त) को सत्तारूढ़ कांग्रेस व उसके सहयोगी दलों के विधायकों की बैठक हुई तो भाजपा व उसके घटक दल ने भी बैठक की। कांग्रेस ने अपने दो विधायकों विश्वेंद्र सिंह तथा भंवरलाल शर्मा का निलंबन रद्द किया। लेकिन दिन की सबसे महत्वपूर्ण घटना पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात रही। लगभग एक महीने की सियासी खींचतान का एक तरह से पटाक्षेप करते हुए दोनों नेता मुख्यमंत्री निवास में मिले।इसके बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें पायलट व 18 अन्य विधायक भी शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की। बैठक में मौजूद रहे पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने पीटीआई भाषा से कहा,' कांग्रेस विश्वास प्रस्ताव लाएगी। हमने इसके लिए विधानसभा सचिवालय को अर्जी दी है। विधानसभा की कार्य संचालन समिति इस बारे में कोई फैसला लेगी।'वहीं, गहलोत ने विधायक दल की बैठक में विधायकों से पिछले महीने भर में हुई बातों को भूलकर आगे बढ़ने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी विधायकों की शिकायतें दूर होंगी। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी एकजुट है और विधानसभा में एकजुटता से मुकाबला करेगी। उन्होंने,'सबकुछ ठीक रहा। अब कांग्रेस पार्टी एकजुट है। हम भाजपा की तुच्छ राजनीतिक का एकजुटता से मुकाबला करेंगे' कांग्रेस खेमे के विधायक अभी होटल में ही रुकेंगे और वहीं से विधानसभा पहुंचेंगे। इससे पहले भाजपा की विधायक दल में पार्टी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया। बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि विधानसभा के शुक्रवार से शुरू हो रहे सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। कटारिया ने कहा, 'हम अपनी तरफ से अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं। हमने अपने प्रस्ताव में उन सारे बिंदुओं को लिया है जो आज राजस्थान में ज्वलंत हैं।' इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट किया, 'हमें फॉरगेट एन्ड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में लगना है।'इसके बाद कांग्रेस के कांग्रेस ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले विधायक विश्वेंद्र सिंह तथा भंवर लाल शर्मा का निलंबन बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया। संगठन महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने ट्वीट कर कहा कि व्यापक विचार विमर्श के बाद इन दोनों विधायकों का निलंबन रद्द किया गया है। शाम में पायलट मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और मुख्यमंत्री गहलोत से मिले। बैठक में गहलोत व पायलट के साथ कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे व पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद थे। इसके बाद कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री निवास में हुई जिसमें गहलोत, पायलट के साथ साथ कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक भी शामिल हुए। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि विधानसभा सत्र को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। विधानसभा सूत्रों ने बताया पन्द्रहवीं राजस्थान विधानसभा का पांचवां सत्र शुक्रवार 14 अगस्त को प्रात: 11 बजे से होगा। इसमें कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों को ध्यान में रखते हुए विधान सभा में पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं । इस बार विधान सभा सत्र के दौरान दर्शक, विशिष्ट और अध्यक्ष दीर्घा के लिए प्रवेश पत्र नहीं बनाये जायेंगे।राजस्थान विधान सभा के सचिव प्रमिल कुमार माथुर ने बताया कि प्रवेश द्वारों पर हाथ धोने और सेनेटाइज किये जाने वाली मशीनें पर्याप्त संख्या में लगाई गई है। चार पहिया वाहन को भी विधानसभा परिसर में प्रवेश करते ही सेनेटाइज मशीन से निकालना होगा। उन्होनें बताया कि कोरोना से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सभी सावधानियों को दृष्टिगत रखते हुए विधानसभा सत्र के लिये आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।