जयपुर / Lockdown के बीच राजस्थान सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा, अब होगी ज्‍यादा कमाई

राजस्‍थान में सरसों और चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चल रही खरीद के बीच किसानों के लिए राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने किसानों को इस खरीद का ज्यादा लाभ देने के लिए 139 खरीद केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन की सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया है। वहीं, खरीद केन्द्रों पर तुलाई क्षमता भी दोगुनी कर दी गई है। इससे प्रदेशभर के हजारों किसानों को फायदा होगा।

News18 : May 08, 2020, 10:47 AM
जयपुर। राजस्‍थान में सरसों और चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर चल रही खरीद के बीच किसानों (Farmers) के लिए राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने किसानों को इस खरीद का ज्यादा लाभ देने के लिए 139 खरीद केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन की सीमा को 10 प्रतिशत बढ़ा दिया है। वहीं, खरीद केन्द्रों पर तुलाई क्षमता भी दोगुनी कर दी गई है। इससे प्रदेशभर के हजारों किसानों को फायदा होगा।

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के मुताबिक, सरसों के 52 और चना के 87 खरीद केंद्रों पर पंजीयन सीमा में वृद्धि की गई है। इससे करीब 10 हजार किसानों को फायदा होगा और ज्यादा जिंस की एमएसपी पर खरीद होगी। इन केंद्रों पर खरीद की सीमा पूरी हो चुकी थी, लेकिन अब बढ़ोतरी की गई है। प्रदेश में सरसों और चना खरीद के लिए 799 केंद्र बनाए गए हैं। कोटा संभाग में 16 अप्रैल और शेष राजस्थान में 1 मई से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है।

4.62 लाख किसान करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन

प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार के मुताबिक 6 मई तक एमएसपी पर फसल बेचान के लिए 4 लाख 62 हजार 623 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इनमें 2 लाख 60 हजार 623 किसानों ने सरसों के लिए और 2 लाख 1 हजार 997 किसानों ने चना बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। रजिस्ट्रेशन करवाने वाले किसानों में से अब तक 17 हजार 118 किसानों से 203 करोड़ से ज्यादा की सरसों और चना की खरीद की जा चुकी है। अब तक 9 हजार 968 किसानों को 118 करोड़ से ज्यादा राशि का भुगतान भी हो चुका है। प्रयास किए जा रहे हैं कि किसानों को उपज बेचने के तीन दिन के अंदर भुगतान हो जाए।


तुलाई क्षमता हुई दोगुनी

राजफेड द्वारा किसानों को राहत देने के लिए खरीद केन्द्रों पर तुलाई क्षमता भी दोगुनी कर दी गई है। अब प्रत्येक खरीद केंद्र पर रोजाना 120 किसानों की उपज की तुलाई की जा सकेगी। अभी दिन में 60 किसानों की उपज की ही तुलाई हो पा रही थी। तुलाई क्षमता बढ़ाने से किसानों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और उनसे जल्दी खरीद हो सकेगी।