कोरोना वायरस / राजस्थान सरकार ने होली व शब-ए-बारात के दिन सार्वजनिक स्थलों पर कार्यक्रम किए बैन

राजस्थान सरकार ने कोविड-19 मामले बढ़ने के मद्देनज़र होली व शब-ए-बारात के अवसर पर 28 व 29 मार्च को सार्वजनिक स्थलों, बाज़ारों व धार्मिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के आयोजन पर रोक लगा दी है। बकौल राज्य सरकार, भीड़ इकट्ठा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है, राजस्थान में कोविड-19 के 4,262 सक्रिय केस हैं।

Vikrant Shekhawat : Mar 25, 2021, 10:55 AM
जयपुर: राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर के बीच बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी लगा दी है। प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने जारी किए आदेश होली और शब-ए-बारात के मौके पर आयोजित होने वाले सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजनों को प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार का कहना है कि घर में रहकर ही लोग होली और शब-ए-बारात का आयोजन करें।

राज्य में कोविड-19 के संक्रमण में वृद्धि को देखते हुए गृह विभाग के 21 मार्च, 2021 के आदेश के तहत जारी की गई गाइडलाइन्स की निरन्तरता में होली और शब-ए-बारात के अवसर पर 28 और 29 मार्च को सार्वजनिक स्थलों पर, सार्वजनिक ग्राउंड्स, पब्लिक पार्क, बाजार एवं धार्मिक स्थलों पर किसी भी प्रकार के आयोजनों पर रोक लगा दी है। इस संबंध में गृह विभाग ने आज आदेश जारी कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि 21 मार्च को कोरोना गाइडलाइन में होली का त्यौहार घरों मे मनाने के लिए आमजन से अपील की गई थी। आपको बता दें कि देश के अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित अन्य राज्यों ने भी कोरोना की दूसरी लहर से संक्रमण फैलाव में वृद्धि को रोकने के लिए होली और शब-ए- बारात के अवसर पर सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित होने वाले सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है।

सार्वजनिक स्थलों पर सार्वजनिक रूप से एकत्रित होकर होली खेलने और शब-ए-बारात का सार्वजनिक आयोजन करने की इजाजत नहीं है। भीड़ इकठ्ठा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी सार्वजनिक स्थान, पार्क, मार्केट या धार्मिक स्थान पर सार्वजनिक उत्सव आयोजित करने पर रोक रहेगी।

जिला कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट्स एवं पुलिस आयुक्त जयपुर तथा जोधपुर को उक्त निर्देशो का उल्लंघन करने वालों के विरूद्व राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अन्तर्गत कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।