राजस्थान / पुजारी की हत्या पर हंगामा जारी, जानिए किन दो चीजों की मांग की

राजस्थान के करौली में पुजारी की हत्या पर हंगामा जारी है। ग्रामीण परिवार को उचित मुआवजा और आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े हैं। पुजारी के गांव के लोग धरने पर बैठ गए हैं। परिवार का कहना है कि पुजारी का अंतिम संस्कार तब तक नहीं करेंगे जब तक की सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती। परिवार मुआवाजा और सुरक्षा की मांग भी कर रहा है।

Vikrant Shekhawat : Oct 10, 2020, 12:13 PM
राजस्थान के करौली में पुजारी की हत्या पर हंगामा जारी है। लोगो में इसको लेकर आक्रोश दिख रहा है। ग्रामीण परिवार को उचित मुआवजा और आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े हैं। पुजारी के गांव के लोग धरने पर बैठ गए हैं। परिवार का कहना है कि पुजारी का अंतिम संस्कार तब तक नहीं करेंगे जब तक की सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती। परिवार मुआवाजा और सुरक्षा की मांग भी कर रहा है।

पुजारी बाबूलाल के एक रिश्तेदार ने कहा, "हमारी मांग है कि सभी आरोपी गिरफ्तार हों। आरोपियों का समर्थन करने वाले पटवारी और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो। हमें 50 लाख का मुआवजा, एक सरकारी नौकरी और परिवार के सभी सदस्यों को सुरक्षा मिले। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।"

परिवार को मनाने की कोशिश जारी

करौली के बुकना गांव में प्रशासन लोगों को मनाने की कोशिश कर रहा है। एसडीएम ने पुजारी का अंतिम संस्कार करने की गुजारिश की है, साथ ही भरोसा दिलाया है कि उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम उठाया जाएगा। एसडीएम ने कहा, "पुजारी बाबूलाल के अंतिम संस्कार के लिए लोग इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने प्रशासन और राज्य सरकार से कुछ मांगें रखी हैं हमने बड़े अधिकारियों के जरिए सरकार को मांगों से अवगत कराया है। मौत को 2 दिन हो चुके हैं इसलिए हम परिजनों से अंतिम संस्कार करने का निवेदन कर रहे हैं।"

बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा पीड़ित परिवार से मिलने करौली पहुंचे। उनका कहना है कि जब तक परिवार की मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक पुजारी का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उन्होंने परिवार को एक लाख रुपए की मदद भी दी है।

जमीन को लेकर हुए विवाद में पुजारी को जिंदा जलाया

करौली के बुकना गांव में जमीन विवाद में पुजारी को जिंदा जला दिया गया था। बाद में इलाज के दौरान उनकी अस्पताल में मौत हो गई। गांववालों के मुताबिक पुजारी बाबूलाल वैष्णव को जमीन दान में दी गई थी और इसके लिए गांव में बाकयदा पंचायत करके कागज पर सौ लोगों ने दस्तखत किए थे। लेकिन आरोप है कि गांव के दबंग कैलाश मीणा जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहता था। उसने जमीन पर छप्पर डाल दिया और जब पुजारी ने उसका विरोध किया तो उसे जिंदा जला दिया गया।